इन्दौर -दिनांक 10 दिसम्बर 2013- पुलिस अधीक्षक जिला इंदौर (पूर्व) श्री ओ.पी. त्रिपाठी ने बताया कि दिनांक 05.12.13 को जीपीओ परिसर में एक अज्ञात पुरूष उम्र करीब 28 वर्ष की लाश मिली थी। किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा मृतक के सिर में चोट पहुॅचाकर हत्या की गयी। इस संबंध में थाना संयोगितागंज पर अपराध क्रमांक 1296/13 धारा 302 भादवि का अज्ञात आरोपी के विरूद्व पंजीबद्व कर अनुसंधान में लिया गया था। अज्ञात मृतक की पहचान हेतु उसके फोटो के पम्पलेट छपवाकर सार्वजनिक स्थानों पर लगाये गये व अखबारों में भी प्रसारित कराया गया था। शहर के विभिन्न क्षैत्रों में अज्ञात मृतक की पहचान हेतु टीमें भेजी गयी थी।
अज्ञात मृतक की पहचान उसकी पत्नी यमुना बांगर व पिता मनोहर बांगर निवासी 396 कृष्णबाग कॉलोनी के द्वारा की गयी। मृतक जितेन्द्र पिता मनोहर बांगर था, जो ड्रायवर था। मृतक के पिता मनोहर बांगर ने बताया कि उसके पुत्र जितेन्द्र ने कुछ महीने पहले 16000 रूपयें, ऑटो हेतु बैंक से लोन दिलाने के लिये संतोष मखर निवासी 12 पार्करोड़ को दिये थे, जितेन्द्र उक्त रूपयें संतोष से वापस मांग रहा थापरंतु संतोष रूपयें वापस नही कर रहा था। संतोष ने दिनांक 04.12.13 को जितेन्द्र को रूपयें वापस देने हेतु साकेत चौराहा पर बुलाया था, उसके पश्चात् जितेन्द्र बांगर नही दिखा। इस आधार पर संदिग्ध संतोष माखर की तलाश उसके घर पर की गयी, परंतु वह घर से गायब मिला व घर पर ताला लगा मिला।
इससे पुलिस का संदेह बढ़़ गया, लगातार तलाश करने पर वह भमोरी में मिला, उसे हिरासत में लेकर कड़ी पूछताछ की गयी, तब उसने जुर्म स्वीकार करते हुये, जितेन्द्र की हत्या करना स्वीकार किया। उसने बताया कि जितेन्द्र 16000 रूपयें वापस मांगने के लिये उसे बहुत परेशान कर रहा था, कहता था तुने रूपया वापस नही किये तो तेरा घर जला दूंगा, तेरी औरत बच्चों को उठवा लूंगा, जब आरोपी ने रूपयें लौटाने का कोई आश्वासन नही दिया तब जितेन्द्र ने उसे, उसकी पत्नी के बारे में अशोभनीय बाते कही, इस बात से आरोपी काफी आक्रोशित हो गया। घटना दिनांक को शराब पीते समय, मृतक ने शराब में पेशाब मिलाकर आरोपी को पीने के लिये दिया, कि इसे पी जाओ तो पैसे छोड़ दूंगा। इससे रूष्ट होकर आरोपी ने मृतक की हत्या की योजना बनायी। वह जितेन्द्र को और शराब पिलाने केबहाने जीपीओ परिसर लाया और वहॉ भी शराब पिलाई व मृतक जितेन्द्र के सिर में वही पड़ी हुई पत्थर की फर्सी से चोटे पहुॅचाकर उसकी हत्या कर दी।
संतोष पूर्व में पोस्ट ऑफिस में चपरासी रह चुका है, उसने नकली आयकर अधिकारी बनकर वर्ष 2010 में एक व्यापारी से 09 लाख रूपयें ठग लिये थे। जिसका प्रकरण थाना पलासिया पर दर्ज है। यह अपराध दर्ज होने पर उसे पोस्ट ऑफिस से निकाल दिया गया था। जीपीओ परिसर उसका जाना पहचाना क्षैत्र होने से मृतक को वह यहॉ लाया तथा शराब पिलाकर उसकी हत्या कर दी। आरोपी संतोष माखर द्वारा अपनी पहचान छिपाने हेतु अपने बाल व मूंछे मुडंवा ली थी तथा पैसा एकत्र कर शहर से भागने की फिराक में था।
इस अंधेकत्ल को सुलझाने में थाना प्रभारी संयोगितागंज डी.एस. येवले, उपनिरीक्षक अजय गुर्जर, प्रआर. शोभाराम, आर. सतीश अंजाना, संजय मालाकार व शेरसिंह की भूमिका सराहनीय रही है। जिन्हे पुलिस अधीक्षक जिला इंदौर (पूर्व) द्वारा पुरूस्कृत किया जा रहा है।
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