इन्दौर -दिनांक 27फरवरी 2012- जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री ए. के. स्वर्णकार ने बताया कि माननीय बारहवें अपर सत्र न्यायाधीश महोदय इंदौर श्री पी के सिन्हा सा. ने सत्र प्रकरण क्रमांक 79/11 थाना बेटमा में निर्णय पारित करते हुये प्रकरण के आरोपी संतोष बाबूलाल को धारा 397 भादवि में 7 साल के कठोर कारावास एवं 1000 अर्थदण्ड, आरोपी संतोष पिता सरदार को धारा 397 में 7 वर्ष एवं 100 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
संक्षिप्त में घटना इस प्रकार है कि दिनांक 04.09.2010 को फरियादी अंतरसिंह ने अपनी पत्नि समनबाई के उपस्थित होकर रिपोर्ट लिखायी की वह पलंग पर सो रहे थे चिमनी जल रही थी अचानक कमरे के दरवाजे में जोर का धक्का देते हुए दो आदमी कमरे के अंदर आये हाथ में टार्च थी चिमनी के उजाले में देखा उसके पड़ोस का संतोष धारिया लिये व मोहन का साला लठ्ठ लिये थे एवं कमरे में रखी पेटी खोलने लगे विरोध किया तो धारिया मारा एवं हाथ पलंग पर रस्सी से बांध दिये व रजाई गादी डालकर बेहोश कर पेरो में पहने हुए चांदी के एक जोड़ कड़े, कपड़े व 15 हजार लूट कर ले गये। रिपोर्ट पर से अपराध पंजीबद्ध कर बाद विवेचना चालान न्यायालय पेश किया गया।
प्रकरण में शासन पक्ष की ओर से पैरवी श्री पी. एल. मालवीय अपर लोक अभियोजक इंदौर द्वारा की गयी।
संक्षिप्त में घटना इस प्रकार है कि दिनांक 04.09.2010 को फरियादी अंतरसिंह ने अपनी पत्नि समनबाई के उपस्थित होकर रिपोर्ट लिखायी की वह पलंग पर सो रहे थे चिमनी जल रही थी अचानक कमरे के दरवाजे में जोर का धक्का देते हुए दो आदमी कमरे के अंदर आये हाथ में टार्च थी चिमनी के उजाले में देखा उसके पड़ोस का संतोष धारिया लिये व मोहन का साला लठ्ठ लिये थे एवं कमरे में रखी पेटी खोलने लगे विरोध किया तो धारिया मारा एवं हाथ पलंग पर रस्सी से बांध दिये व रजाई गादी डालकर बेहोश कर पेरो में पहने हुए चांदी के एक जोड़ कड़े, कपड़े व 15 हजार लूट कर ले गये। रिपोर्ट पर से अपराध पंजीबद्ध कर बाद विवेचना चालान न्यायालय पेश किया गया।
प्रकरण में शासन पक्ष की ओर से पैरवी श्री पी. एल. मालवीय अपर लोक अभियोजक इंदौर द्वारा की गयी।
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