Monday, December 12, 2011

अपहरण, बलात्कार तथा हत्या के प्रकरण में आरोपी आदेष उर्फ तपेली को आजीवन कारावास तथा अर्थदण्ड की सजा

इन्दौर -दिनांक १२ दिसम्बर २०११- पुलिस अधीक्षक इंदौर श्री डी.श्रीनिवास वर्मा ने बताया कि थाना मल्हारगंज के अपराध क्रमांक ४७८/१० धारा 456,363,366,376,302,201 भादवि आरोपी आदेष उर्फ तपेली पिता अषोक कौषल (१९) निवासी ३०६ इन्दिरा नगर इंदौर के प्रकरण में माननीय २१वें अपर सत्र न्यायाधीष इंदौर श्रीमति भावना साधौ द्वारा विचारण उपरांत निर्णय पारित करते हुये प्रकरण के आरोपी को विभिन्न धारा में दोषी पाते हुये आजीवन कारावास तथा ५००० रूपये के अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया गया।
        प्रकरण की संक्षिप्त घटना इस प्रकार रही है कि दिनांक ०६-०७ सितम्बर २०१० की रात्री में फरियादी विनोद पिता परसराम साल्वी निवासी इन्दिरा नगर इंदौर अपनी पत्नि तथा ०८ साल की बच्ची सारिका के साथ घर पर दरवाजा बंद कर सोया था। रात्री करीबन ०९.०० से १२.१५ बजे के बीच आरोपी आदेष उर्फ तपेली ने प्लायर की मदद से दरवाजा खोलकर फरियादी की बच्ची को उठा कर ले गया तथा रामनगर नाले के पास बच्ची के साथ बलात्कार किया, पकड़े जाने के डर से बच्ची का गला दबाकर नाले के पास फेक दिया। रात्री में फरियादी की पत्नि द्वारा बच्ची को देखा तथा तलाष की तो पता नही चला। फरियादी की रिपोर्ट पर थाना मल्हारगंज पर अपराध क्रं. ४७८/१० धारा ३६३,३६६ भादवि का पंजीबद्व किया गया था, विवेचना के दौरान पता चला कि मोहल्ले के कुछ लोगो द्वारा आदेष उर्फ तपेली को बच्ची को ले जाते हुये देखा था तो पुलिस द्वारा संदिग्ध आदेष उर्फ तपेली की तलाष की गयी तथा दिनांक ०७ सितम्बर २०१० को उक्त आरोपी को पकड़ा गया एवं इसके मेमोरेण्डम के आधार पर मृतिका सारिका की लाष बरामद की गई तथा प्रकरण में धारा ३७६(२), ३०२,२०१ भादवि बढ़ायी गयी। लाष का पीएम कराया गया जिसमें पाया गया कि मृतिका की मृत्यु गला दबाने से हुयी है। विवेचना के दौरान प्रकरण की मृतिका के विजाइनल स्मीयर स्वाव स्लाइड एवं आरोपी आदेष उर्फ तपेली के रक्त के नमूनो को घटना स्थल पर प्राप्त अन्य भौतिक साक्ष्यो के साथ, डीएनए परीक्षण हेतु ज्यैष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. सुधीर शर्मा के निर्देषन में राज्य न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगषाला सागर भेजा गया था। डीएनए परीक्षण प्रतिवेदन में मृतिका के प्रदर्षो पर आरोपी आदेष उर्फ तपेली के डीएनए प्रोफाइल पाये गये। 
        माननीय अपर सत्र न्यायाधिष द्वारा अभियोजक के तर्को से सहमत होते हुये आरोपी को उक्त सजा से दंडित किया गया। प्रकरण में शासन पक्ष की ओर से पैरवी श्री विमल कुमार मिश्रा अतिरिक्त लोक अभियोजक इंदौर द्वारा की गयी।

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