Sunday, December 19, 2010

ग्रामीणों से धोखाधडी करने वाला ठग क्राईम ब्रॉंच की गिरफ्त में लोन के नाम पर लाखो की धोखाधडी करने वाला ठग गिरफ्तार आधा दर्जन नामों से छिपकर रह रहा था, धोखेबाज



इन्दौर - दिनांक १९ दिसम्बर २०१०-अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अपराध शाखा इंदौर महेषचंद जैन ने बताया कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री डी श्रीनिवास राव एवं पुलिस अधीक्षक श्रीनिवास वर्मा द्वारा क्राईम ब्रॉंच इन्दौर को बेटमा तथा मांगल्यिा क्षैत्र में किसी व्यक्ति द्वारा ग्रामीणो से लोन के नाम पर धोखाधडी कर फरार होने के संबंध में पतारसी कर पकडने हेतु निर्देशित किया गया था ।
        क्राईम ब्रांच को मुखबिर से सूचना मिली की मांगल्यिा डकाच्या क्षैत्र में जुलाई माह में ग्रामीण जन से लाखों की ठगी करने वाला बंजरग नगर में नाम बदलकर रह रहा है। सूचना पर कार्यवाही हेतु उप निरीक्षक मनीषराज सिह भदौरिया एवं टीम के प्रधान आरक्षक पन्नालाल, आर. दीपक पंवार, दिनेश सरगैया, लक्ष्मण खण्डागले को जानकारी प्राप्त कर पकडने का निर्देश दिये। निर्देश के पालन में उक्त टीम द्वारा दीन-रात लगकर मुखबीर से प्राप्त सूचना को डेवलप कर जालसाज के रहने के ठीकाने की जानकारी  प्राप्त कर ली तथा दबीष देकर बजरंग नगर से शीतल वर्मा पिता विजय वर्मा (२६) निवासी यादव नगर बाणगंगा, हाल मुकाम २५२ बजरंग नगर इन्दौर को पकडने में सफलता प्राप्त की।
        पकडे गये धोखेबाज शीतल वर्मा, के संबंध में क्राईम ब्रॉंच की टीम ने जानकारी प्राप्त की तो पाया की उसे अलग-अलग नामों अभय जैन, शीतल आर्य, शीतल वर्मा, राकेश, विनय मालवीय, अक्षय, अनिल आदी नामों से आमलोग जानते थे। पूछताछ पर जानकारी मिली की बदमाश का सही नाम शीतल वर्मा है, जो जून-जुलाई २०१० में अभय जैन नाम से मांगलिया,डकाच्या, मण्डलावद,कदवाली खुर्द आदि के सिधे-सादे ग्रामिणों से सम्पर्क कर स्वयंम के संबंध में आयसीआयसीआई बैंक का एक्जिक्यूटीव होना बताता तथा गांव वालों को यह बताया कि केन्द्रीय सरकार की योजना किसानों के लिये आई है जिसमें २० प्रतिशत सब्सिडी पर लोन फायनेन्स होता है। लोन के लिये आयसीआयसीआई, आयएनजी, एसडीएफसी, बैंक के जरिये ही लोन फायनेंस होता है, जिसके लिये उक्त बैंक में अकाउन्ट होना आवश्यक है। बहुनामी शीतल वर्मा ने बडी ही चतुराई से भोलेभाले ग्रामीणों को झासे में लेकर विभिन्न बैंको में स्वयंम साथ जाकर खाता खुलवाकर खाते से संबंधीत इन्टरनेट बैंकिंग पासवर्ड, एटीएम कार्ड, चैक बुक आदि की छायाप्रति, लोन फार्म में संलग्न करने के नाम पर किसानों से ले लेता था। किसानों से लोन का २० प्रतिशत रकम बैंक में जमाकरने के लिये कहता था कि जब तक २० प्रतिशत रकम अकाउन्ट में नही होगा तब तक लोन फायनेंस नही होगा । किसानों द्वारा २० प्रतिशत रकम जमा करते ही अभय जैन उर्फ शीतल वर्मा द्वारा इन्टरनेट के जरिये से कैलाश मालवीय नाम के खाते में पैसा ट्रान्सफर कर लेता था तथा चेक एवं एटीएम के माध्यम से कुल जमा रकम निकालकर स्वयंम के खाते में जमा कर लेता था। पूछताछ में बेटमा क्षैत्र से भी कई किसानों से इसी प्रकार धोखा करने की बात बताई है। अभय जैन उर्फ शीतल वर्मा द्वारा स्वयंम की सही पहचान कभी भी किसी को नही उजागर होने दिया मोबाईल, सिम, वाहन, बैंक अकाउन्ट आदि सभी उन्ही ग्रामिणों से ही प्राप्त फोटो, एड्रेस प्रुफ, आदि के नाम से ले रखा था। ग्रामिणों के साथ हुई ठगी की वारदात से उनमें काफी आक्रोश व्याप्त था, दर्जनों की तादात में ग्रामीणजन वरिष्ठ अधिकारियों से कार्यवाही के लिये मिले थे। दिनांक १४.०७.२०१० को मांगीलाल, सगुनबाई, मोहनलाल पांचाल, जगदीश चन्द्र, मोहनसिह, कांतिलाल, लखन सोलंकी, शिवनारायण, तथा मुकेश आदि के द्वारा थाना एमआयजी पर रिपोर्ट की गई थी। जिस पर अपराध क्रमांक ११४०/१० धारा ४२०,३४, भादवि का प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया था। जिसमें ग्रामिणों से कुल १५ लाख ४७ हजार ६०० रूपये की ठगी होना पाया गया था।
        आरोपी शीतल वर्मा उर्फ अभय जैन के पास विभिन्न लोगो के नाम पर ५६ मोबाईल सिम एवं ५ मोबाईल हेण्ड सेट, बैंक अकाउन्ट, एटीएम कार्ड, विजिटीगं कार्ड, लोन संबंधी फाईल, फार्म, विभीन्न लोगो के फोटो, पहचान पत्र, आदि होना पाया गया है। ग्रामीणों से ठगे गये लाखों रूपये के संबंध में पूछताछ पर जानकारी मिली की इसने बजरंग नगर में ही बाजार मुल्य १२ लाख रूपये का मकान स्वयम व पत्नी के नाम पर खरीदा है तथा इसके बैंक अकाउण्ट में भी लाखों रूपये जमा है। पुलिस द्वारा मकान की रजिस्ट्री जप्त की गई है, आरोपी के बैंक खातों को सीज कराया जा रहा है। आरोपी को मय बरामद जप्ती सामाग्री के वास्ते अग्रिम विवेचना थाना एमआयजी को सोैपा जा रहा है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री डी श्रीनिवास राव द्वारा ठगी के नटवरलाल शीतल वर्मा को गिरफ्तार करने वाली टीम को नगद पुरस्कार से पुरष्कृत किया जावेगा ।

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