विशेषज्ञ डाॅक्टर्स द्वारा ब्लैक/यलों फंगस बारे मे आवश्यक जानकारी देते हुए बताएं इनसे बचने के उपाय।
इन्दौर
दिनांक 08 जून 2021 - इन्दौर
पुलिस द्वारा कोरोना महामारी के बाद होनें वाली समस्याओं ब्लैक/यलों फंगस के प्रति
लोगों मे जागरूकता लानें के उद्देश्य से ‘‘FUNGS- Fear, Facts &
Faith" विषय पर विशेषज्ञ डाॅक्टर्स से चर्चा के लिए
वेबिनार का आयोजन आॅनलाईन गूगल मीट के माध्यम से आज दिनांक 08.06.21 को
पुलिस उप महानिरीक्षक इन्दौर शहर श्री मनीष कपूरिया की विशेष उपस्थिति में किया
गया।
उक्त
वेबिनार में डाॅ गुनवंत यशलाहा ईएनटी स्पेशलिस्ट एवं श्री डाॅ अदित्य अग्रवाल आई
स्पेशलिस्ट, पुलिस अधीक्षक मुख्यालय श्री अरविंद
तिवारी, अति. पुलिस अधीक्षक मुख्यालय श्रीमती
मनीषा पाठक सोनी, कार्यक्रम की सहसंयोजक श्रीमती रचना
जौहरी एक्जीक्युटिव प्रोड्यूसर वाॅक प्रोडक्शन, अन्य
पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों व उनके परिजन सहित आम नागरिकों द्वारा भी इसमें भाग
लिया गया।
इस
दौरान कार्यक्रम का संचालन करतें हुए कार्यक्रम की संयोजक श्रीमति मनीषा पाठक सोनी
व श्रीमती रचना जौहरी द्वारा विशेषज्ञ डाॅक्टर्स से सभी का परिचय करवाते हुए सभी
का स्वागत किया गया तथा आज के वेबिनार मे पोस्ट कोविड समस्याओं एवं ब्लैक/यलों
फंगस के प्रति लोगों मे जागरूकता लानें के उद्देश्य से संबंधित विषय पर चर्चा के
लिये सभी को आमंत्रित किया गया।
उक्त
वेबिनार के मुख्य अतिथि डीआईजी इंदौर श्री मनीष कपूरिया जी द्वारा दोनों अतिथि
विशेषज्ञ डाॅक्टर्स का स्वागत करते हुए, उन्हें
पुलिस विभाग के लिये अपना अमूल्य समय निकालने व वर्तमान समय में इस बीमारी के
प्रति जो लोगों में डर व जानकारी का अभाव है उसे दूर करने के लिये, अतिथि
डाॅक्टर्स का धन्यवाद दिया गया। साथ ही उन्होंने डाॅक्टर्स से पूछा कि जो लोग
कोरोना संक्रमित नहीं है उनके इस बीमारी से ग्रसित होने की क्या संभावना है और
पुलिस जो कि फ्रंटलाईन पर रहकर कार्य करती है वह किस प्रकार इससे बची रहे।
अतिथि
विशेषज्ञ डाॅ. आदित्य अग्रवाल ने वेबिनार में चर्चा करते हुए सर्वप्रथम पुलिस सहित
सभी फ्रंटलाईन वर्कर द्वारा विगत वर्ष से पूरे कोरोना काल में किये गये कार्याे की
सराहना करते हुए कहा कि, इस बीमारी से संक्रमितों से व उनके
क्षेत्रों से सबसे पहले सामना इन फ्रंटलाईन वारियर्स का ही होता है, यह
हम डाॅक्टर्स के पास तो बाद में पहुंचते है।
श्री
अग्रवाल द्वारा ब्लैक/व्हाईट फंगस व कोरोना के बाद होने वाली शारीरिक समस्याओं के
बारें में बताते हुए बताया कि, ब्लैक फंगस बीमारी उन्हीं को होने की
ज्यादा संभावना है जो किसी गंभीर बीमारी जैसे कैंसर, एड्स, किडनी, आर्गन
ट्रांसप्लांट आदि से पीड़ित रहे हो या वर्तमान में कोरोना हुआ हो व उन्हें ज्यादा
मात्रा में स्टेरायड दिया गया हो या लंबे समय तक जो हाॅस्पिटल में भर्ती रहे हो, या
जिनका शुगर लेवल अत्यधिक अनियंत्रित हो आदि कारणों से जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता
कमजोर हो गयी हो उन्हें ही इस बीमारी होने की संभावना होती है। अतः सामान्य लोगों
को इस बीमारी के कारण डरने की जरूरत नहीं है, क्यांेकि
इस बीमारी का वायरस कोई नया नहीं है यह बरसो से हमारे वातावरण में है, लेकिन
वर्तमान में कोरोना के कारण लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने के कारण
इसके ज्यादा केसेस सामने आ रहे है, जबकि
सामान्य लोगों में यह बीमारी होने की संभावना न के बराबर है।
वहीं
डाॅ. गुणवंत यशलहा ने इस बीमारी के तकनीकी पक्ष समझाते हुए, प्रारंभिक
लक्षणों नाक में सूखापन, आंखो में दर्द व सूजन, लगातार
सिर में या आंखो में या जबड़े आदि में दर्द होना के बारें में बताते हुए, इन्हें
शुरूआती समय में ही पहचानने व डाॅक्टर्स से उचित सलाह लेकर, इस
बीमारी के लिये करवाई जाने वाली आवश्यक जांचो आदि के बारें में विस्तृत रूप से
बताया गया।
डाॅक्टर्स
ने कहा कि बीमारियों से बचाव ही उसका सबसे बड़ा ईलाज है, इसलिये
हम सभी सर्वप्रथम कोरोना से बचाव हेतु अपनाई जाने वाली सावधानियां- मास्क पहनना, सोशल
डिस्टेसिंग रखना समय-समय पर हाथ धोते रहना इन बातों का ध्यान रखें। अपनी रोग
प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का प्रयास करें, जिसके
लिये पर्याप्त नींद ले, संतुलित आहार ले, रोज
व्यायाम/योग आदि करें, जलनेति करें।
उक्त
वेबिनार में जुड़े सम्माननीय लोगांे द्वारा भी इस बीमारी से जुड़ी हुई अपनी विभिन्न
बातों को पूछा, जिनका विशेषज्ञ डाॅक्टर्स द्वारा बड़े
ही रोचक व सरल तरीके से जानकारी देकर, सभी
की जिज्ञासाओं पर उचित परामर्श दिया गया।
उक्त
वेबिनार में वर्तमान समय की परिस्थितियों पर आधारित इतनी महत्वपूर्ण जानकारी देने
के लिये, पुलिस अधीक्षक मुख्यालय श्री अरंविद
तिवारी द्वारा दोनो विशेषज्ञ डाॅक्टर्स को धन्यवाद देते हुए, उनके
प्रति आभार व्यक्त किया गया तथा कार्यक्रम के अंत में अति. पुलिस अधीक्षक मुख्यालय
द्वारा सभी से कहा कि ‘‘बचाव ही सुरक्षा है’’ इस
बात को ध्यान में रखते हुए, सभी आवश्यक सावधानियांे को अपनाते हुए, अपना
सामान्य जीवन जिएं और इन बीमारियों से डरकर नहीं डटकर मुकाबला करें।
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