★ *39 से अधिक शिकायतों की जाँच कर एक ही प्रकार की मोड्स ऑपरेंडी होने से सुनियोजित तरीके से ठगी करने वालों के विरुद्ध किया अपराध पंजीकृत।*
★ *कई राज्यों के ठग गिरोह हैं ऑनलाइन सक्रिय, रोजाना लोगों को ओएलएक्स पर क्रय विक्रय के माध्यम से लगाते हैं लाखों का चूना।*
आवेदकगणों 01-हुसैन जलगांव वाला02-प्रतीक सक्सेना 03-शुभम चौधरी 04-गणेश मौरे 05-अभिषेक देलवार 06-मनोज कुमार 07-पिन्टू यादव 08- धर्मेन्द्र नायक 09-प्रिंस जार्ज 10-महेश पटेल 11-अमरचंद बिरला 12-रविन्द्र ठाकुर 13-पवन कुमार यादव14- सचिन गंगवाल 15-निधी राजपूत 16-रोशन चौहान 17-सिध्देश पालीवाल 18-देवेन्द्र चावडा 19 -आवेदक रामदयाल बिरला 20-साहिल चौधरी 21-रवि सोलंकी 22-पुनम सिंदेल 23-आशीष घोसी24-नारायण चंदेल 25-अर्पित वाके 26-अनिल कदम 27-मोहन ठाकुर 28-अनिलसूर्यवंशी 29-प्रचेत झिंगे 30-संजीव सोनी 31-विवेक लम्भाते 32-शिवनाथमेश्राम 33-राकेश किरंजकार 34-दीपक प्रजापति 35-साजिद खान 36-श्रीकांत सोनी 37-लक्ष्मीनारायण लोधी 38-अल्पेश खान 39-तरुण पुरी एवं 40-ओमप्रकाश सोलंकी द्वारा विभिन्न माध्यमों से इंदौर पुलिस को शिकायतें की गई थी कि अज्ञात व्यक्तियों द्वारा ओएलएक्स पर सामग्री जैसे मोबाईल, एक्टीवा, आई फोन, जूपीटर, यमाहा आर 15 बाईक, हीरो सीडी डिलक्स, अपाचे बाईक, अल्टो 800 व k-10 कार, बुलेरो, ओमिनी वैन, मारुती ईको, वेगेनार कार व स्विफ्ट कार, रियल मी-2, वीवो वी 15 मोबाईल, सैमसंग कंपनी का रेफ्रिजरेटर, डीएसएलआर कैमरा, एवं अन्य कीमती सामान बेचने के लिए विज्ञापन डाले गए थे जिनसे सम्पर्क करने पर विक्रेता स्वयं को आर्मी में तैनात व्यक्ति होना बताते थे।
भरोसे के लिए परिचय पत्र फ़ोटो तथा अन्य ID कार्ड जैसे दस्तावेज व्हाट्सएप पर भेजकर भरोसे में लेते थे बाद सौदा तय होने पर एडवांस राशि, कोरियर चार्ज एवं अन्य शुल्कों के नाम पर ऑनलाइन रुपये ट्रांसफर कर ठगी करते हैं जो ना समान भेजते हैं ना पैसे लौटाते हैं।
उपरोक्त सभी आवेदकों के समान आशय के शिकायत पत्र क्राइम ब्रांच को जाँच हेतु प्राप्त हुए थे जिनकी शिकायतों पर कार्यवाही करते हुए ठगी करने वाले 127 आरोपियों के विरुद्ध क्राइम ब्रांच इंदौर थाने में अपराध क्रमांक 10/20 धारा 419, 420, 467, 468, 471, 120 बी भादवि 43, 66 आईटी एक्ट के तहत पंजीकृत किया जाकर विवेचना में लिया गया है।
आरोपियों ने आर्मी का कर्मचारी बताकर ऑन लाईन प्रोडक्ट बेचने के नाम पर झांसा देकर विभिन्न ऑनलाईन पेमेण्ट प्रोसेस के माध्यम से आवेदको से राशि ट्रांसफ़र कराकर ठगी करते थे।
जाँच में पाया गया कि आरोपियों द्वारा सुनियोजित तरीके से धोखाधडीपूर्वक एवं छल पूर्वक कूटरचित दस्तावेजों का उपयोग कर ठगी कर सदोष लाभ प्राप्त किया गया है अतः आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है
★ *कई राज्यों के ठग गिरोह हैं ऑनलाइन सक्रिय, रोजाना लोगों को ओएलएक्स पर क्रय विक्रय के माध्यम से लगाते हैं लाखों का चूना।*
आवेदकगणों 01-हुसैन जलगांव वाला02-प्रतीक सक्सेना 03-शुभम चौधरी 04-गणेश मौरे 05-अभिषेक देलवार 06-मनोज कुमार 07-पिन्टू यादव 08- धर्मेन्द्र नायक 09-प्रिंस जार्ज 10-महेश पटेल 11-अमरचंद बिरला 12-रविन्द्र ठाकुर 13-पवन कुमार यादव14- सचिन गंगवाल 15-निधी राजपूत 16-रोशन चौहान 17-सिध्देश पालीवाल 18-देवेन्द्र चावडा 19 -आवेदक रामदयाल बिरला 20-साहिल चौधरी 21-रवि सोलंकी 22-पुनम सिंदेल 23-आशीष घोसी24-नारायण चंदेल 25-अर्पित वाके 26-अनिल कदम 27-मोहन ठाकुर 28-अनिलसूर्यवंशी 29-प्रचेत झिंगे 30-संजीव सोनी 31-विवेक लम्भाते 32-शिवनाथमेश्राम 33-राकेश किरंजकार 34-दीपक प्रजापति 35-साजिद खान 36-श्रीकांत सोनी 37-लक्ष्मीनारायण लोधी 38-अल्पेश खान 39-तरुण पुरी एवं 40-ओमप्रकाश सोलंकी द्वारा विभिन्न माध्यमों से इंदौर पुलिस को शिकायतें की गई थी कि अज्ञात व्यक्तियों द्वारा ओएलएक्स पर सामग्री जैसे मोबाईल, एक्टीवा, आई फोन, जूपीटर, यमाहा आर 15 बाईक, हीरो सीडी डिलक्स, अपाचे बाईक, अल्टो 800 व k-10 कार, बुलेरो, ओमिनी वैन, मारुती ईको, वेगेनार कार व स्विफ्ट कार, रियल मी-2, वीवो वी 15 मोबाईल, सैमसंग कंपनी का रेफ्रिजरेटर, डीएसएलआर कैमरा, एवं अन्य कीमती सामान बेचने के लिए विज्ञापन डाले गए थे जिनसे सम्पर्क करने पर विक्रेता स्वयं को आर्मी में तैनात व्यक्ति होना बताते थे।
भरोसे के लिए परिचय पत्र फ़ोटो तथा अन्य ID कार्ड जैसे दस्तावेज व्हाट्सएप पर भेजकर भरोसे में लेते थे बाद सौदा तय होने पर एडवांस राशि, कोरियर चार्ज एवं अन्य शुल्कों के नाम पर ऑनलाइन रुपये ट्रांसफर कर ठगी करते हैं जो ना समान भेजते हैं ना पैसे लौटाते हैं।
उपरोक्त सभी आवेदकों के समान आशय के शिकायत पत्र क्राइम ब्रांच को जाँच हेतु प्राप्त हुए थे जिनकी शिकायतों पर कार्यवाही करते हुए ठगी करने वाले 127 आरोपियों के विरुद्ध क्राइम ब्रांच इंदौर थाने में अपराध क्रमांक 10/20 धारा 419, 420, 467, 468, 471, 120 बी भादवि 43, 66 आईटी एक्ट के तहत पंजीकृत किया जाकर विवेचना में लिया गया है।
आरोपियों ने आर्मी का कर्मचारी बताकर ऑन लाईन प्रोडक्ट बेचने के नाम पर झांसा देकर विभिन्न ऑनलाईन पेमेण्ट प्रोसेस के माध्यम से आवेदको से राशि ट्रांसफ़र कराकर ठगी करते थे।
जाँच में पाया गया कि आरोपियों द्वारा सुनियोजित तरीके से धोखाधडीपूर्वक एवं छल पूर्वक कूटरचित दस्तावेजों का उपयोग कर ठगी कर सदोष लाभ प्राप्त किया गया है अतः आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है
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