Friday, July 3, 2020

करोडों रूपये का फर्जी वीडियो दिखाकर ठगी करने वाले तीन सदस्य क्राईम ब्राँच की गिरफ्त में।


तांत्रिक क्रियाओं पर होने वाले अंधविश्वास का लाभ उठाकर ठगते हैं लोगों को।

शर्त के लिये उकसाकर , गुमराह कर लोगों का पैसा ऐठते थे।
कई लोगों को बना चुके थे शिकार और शर्त की राशि न देने पर अडी बाजी कर लूट लेते थे रूपये।

इंदौर, भोपाल सहित लगभग पूरे भारत में लोगों को ठगा, वर्तमान में गैंग सक्रिय है।

वीडियो दिखाकर, फर्जी नोटों का गोदाम बताकर तांत्रिक के माध्यम से रूपये गायब कराने की लगाते थे शर्त, शर्त में 50,000 से 1,00,000 रूपये लूटते थे।

आरोपीगणों से मोबाईल हैण्डसैट, बच्चों के बैंक के नोट , नगदी कुल 50,000 रूपये , 01 पण्टर नोट एवं 01 फोर व्हीलर कार क्रमांक MP20CJ3859 इग्निस बरामद।



इंदौर- दिनांक 03 जुलाई 2020- पुलिस महानिरीक्षक इन्दौर जोन इन्दौर  श्री विवेक शर्मा एवं पुलिस उप महानिरीक्षक शहर इंदौर श्री हरिनारायणचारी मिश्र द्वारा लोगों के साथ ठगी करने वाले गिरोह के विरूद्ध  कार्यवाही हेतु पुलिस अधीक्षक मुख्यालय श्री सूरज वर्मा एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अपराध श्री राजेश दण्डोतिया को उपरोक्त अनुसार कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था। इसी तारत्मय में उप पुलिस अधीक्षक अपराध एवं थाना अपराध शाखा की टीम को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अपराध द्वारा कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया ।
        उक्त तारतम्य में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में थाना प्रभारी अपराध शाखा के व्दारा टीम गठित कर लोगों के साथ ठगी करने वाले गिरोह पर कार्यवाही की गई । गिरोह का मुखिया मनोज पाल पिता मोहन पाल 42 साल नि. फ्लैट क्रमांक 401 कोरल रिफ्स काँलौनी सहित दो अन्य सदस्यों सुमित सक्सेना पिता नारायण सक्सेना व संजय पिता कैलाश कौशल को हिरासत में लिया गया । मनोज व्दारा विगत दो वर्षों से लोगों के साथ ठगी का यह धंधा किया जा रहा है जिसमें उसमें सहयोगी सुमित व संजय लोगों को फंसाने में उसका साथ देते हैं । उक्त गिरोह के सदस्यों के कब्जे से 2000 रूपये के नोटों की 15 गड्डियाँ , 500 रूपये के नोटों की 230 गड्डियाँ जप्त की गई जिन पर बच्चों का बैंक छपा हुआ है । इन गड्डियों के ऊपर एक असली नोट लगाकर उसे डिब्बों में व्यवस्थित सजाकर उसका वीडियो बना लेते थे और उस वीडियों का उपयोग लोगों को नोटों के गोदाम के रूप में दिखाते थे। उक्त गिरोह व्दारा लोगों को फर्जी नोटों से भरे हुये गोदाम का वीडियो दिखाया जाता है जिसे लोगों में व्याप्त अंधविश्वास का सहारा लेकर तांत्रिक क्रियाओं का उपयोग कर पैसों को एक स्थान से दूसरे स्थान भेजने हेतु भरोसा दिलाते हैं । लोगों को अपनी बातों में फँसाकर उनसे 50,000 से 1,00,000 रूपये की शर्त लगवाते है व शर्त के नाम पर लोगों से रूपये ऐंठ लेते थे  आरोपी मनोज पाल भी पूर्व में इस तरह की ठगी का शिकार हो गया था जिसने इसी बात का सहारा लेकर अपने साथियों के साथ दूसरे लोगों को ठगना शुरू कर दिया था । कई लोगों को अपने जाल में फँसाकर इसी तरह से उनके साथ ठगी की गई है। ठगी के इस नये तरीके का शिकार अंधविश्वासी व पैसों को लालच करने वाले बडी ही आसानी से हो जाते हैं । इंदौर , भोपाल सहित कई शहरों के लोगों ठगी का शिकार बना चुके है । इंदौर शहर में इस तरह के कई गैंग सक्रिय है जो इस तरह के अंधविश्वास का फायदा उठाकर लोगों को ठगने का काम करते है। लॉकडाउन के कारण लोगों में आई आर्थिक मंदी के कारण इस तरह के जल्दी धन अर्जन की स्कीम पर जल्दी भरोसा कर लेते थे ।
     मनोज पाल व उसके सहयोगी सदस्यों को हिरासत में लेकर पूछताछ एवं अग्रिम वैधानिक कार्यवाही हेतु थाना किशनगंज के सुपुर्द किया उक्त घटनाक्रम के संबंध में आवेदक हर्षेन्द्र चक्रवर्ती भोपाल इण्डिया बिग न्यूज 7 के व्दारा की गई रिपोर्ट के आधार पर आरोपी मनोज पाल पिता मोहन पाल 42 साल निवासी फ्लैट क्रमांक 401 कोरल रिफ्स काँलौनी एवं सुमित सक्सेना पिता नारायण सक्सेना व संजय पिता कैलाश कौशल के विरूद्ध थाना किशनगंज में अपराध क्रमांक 406/2020 धारा 420, 386,120 बी भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया । प्रार्थी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि वह भोपाल इण्डिया बिग न्यूज 7 में संवददाता है इसे 15 दिन पहले भोपाल में रहने वाले उसके मित्र आदित्य व्दारा सूचना मिली थी कि इंदौर में रहने वाला मनोज पाल नि. कोरल रीफ्स काँलौनी पिगडम्बर के पास कोई फर्जी करेंसी का मामला है जो तांत्रिक क्रियाओं व्दारा एक जगह से दूसरी जगह पहुँचाने का काम करता है जिसमें यह 50,000 से 1,00,000 तक की यह तांत्रिक व्दारा शर्त रखवाता है फिर वह दबिस व धमकी देकर उन रूपयों का अपने कब्जे में लेता है जब रिपोर्ट कर्ता को इस घटना क्रम का पता चला तो वह अपनी टीम के सदस्य दीपक कन्हाई को साथ में लेकर करीब 10 दिन इंदौर में रहकर दीपक को ही तांत्रिक बनाया और अन्य मित्र सुनील पाटिल नि. खण्डवा के माध्यम से आरोपी मनोज पाल से संपर्क किया गया और प्लान मुताबिक 50,000 रूपये दिखाकर मनोज पाल को वीडियो बनाकर लाने को कहा गया तो मनोज पाल 1-2 घण्टे बाद अपना स्वीट्स पर वीडियो बनाकर ले आया आवेदक के व्दारा तांत्रिक व्दारा सिद्ध कर दिया गया नोट व उसकी सीरीज भी विश्वास करने हेतु दिया था और मनोज ने बोला था कि यदि रिपोर्टकर्ता का तांत्रिक उक्त गोदाम के रूपये स्थानांतरित नहीं कर पाया तो हर्जाने के रूप में 50,000 रूपये देने की बात बोली और यदि तांत्रिक क्रिया व्दारा रूपये गायब कराता है तो गायब रूपये के तीन हिस्से होंगे यह बात होने के बाद यह लोग जब मनोज पाल उसके  साथी संजय कौशल व सुमित सक्सेना को गोडाउन चलकर दिखाने को कहा तो मनोज पाल के व्दारा कोरल रीफ्स में अपने फ्लैट पर जाकर अचानक हमलावर हो गये और रूपये निकालने को बोला और 50,000 रूपये और मंगवाने लगे और रखे पैसे छीन लिये । और रूपये मंगवाने के बहाने आवेदक के व्दारा पूर्व योजना मुताबिक क्राईम ब्राँच की टीम को सूचना दे दी और क्राईम ब्रांच के व्दारा मौके पर रेड की कार्यवाही की गई और आवेदक की रिपोर्ट पर अपराध पंजीबद्ध किया गया ।
                प्रकरण की विवेचना के दौरान आरोपी मनोज पाल से 10 रुपये का 01 पण्टर नोट, नगदी 50000 रुपये, 15 गड्डी 2000 रुपये के बच्चों के नोट, एक कार क्र. MP20CJ3859 इग्निस एवं आरोपी संजय से 500 रुपये के बच्चों के नोट की 130 गड्डी आरोपी सुमित से  500 रुपये के बच्चों के नोट की 100 गड्डी जप्त की गई। आरोपियों से की गई अन्य धोखाधडी के संबंध में पूछताछ की जा रही है।



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