Wednesday, April 15, 2020

चौक पर खड़ा हर जवान, शिवाजी और राणा सांगा है। रक्त नहीं नसों में दौड़ता, जनसेवा का राँगा है।




उक्त ओजपूर्ण कविता से सूबेदार उज्मा खान ने किया, इंदौर पुलिस में एक नये उत्साह का संचार

इन्दौर दिनांक 15 अप्रैल 2020 - वर्तमान समय में वैश्विक महामारी कोरोना से उत्पन्न इस विकट स्थिति में पुलिस बहुत ही चुनौतीपूर्ण एवं कठिन ड्यूटी कर रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए पुलिस महानिरीक्षक इंदौर ज़ोन श्री विवेक शर्मा द्वारा पुलिस के मनोबल को बढ़ाने व उनमें सकारात्मकता लाने के लिये एक अभिनव प्रयास के तहत, प्रतिदिन इंदौर पुलिस एक साथ 2 मिनिट के लिये रेडियो मैसेज के द्वारा एक दूसरे से जुड़कर अपनी रचनात्मक एंव सकारात्मक कविता/गानें/बातों आदि को साझा किये जा रहे हैं।

                इस पहल की कड़ी में आज यातायात पश्चिम में पदस्थ सूबेदार उज्मा खान द्वारा हम सभी में एक सकारात्मकता व उत्साह बढ़ाने वाली जोशीली  कविता सुनाई गयी।

हे घनघोर अंधेरा संकट के बादल छाए हैं।
वार हो हम पर पहला, लो हम अपनी छाती लाए हैं।

हे युद्ध यह अलग किस्म का अलग हमारी ढाल है।
लॉक डाउन ही है एक चारा, गलियों में फिरता काल है।

हे संपूर्ण जगत में अंधियारा, विपदा कैसी आई है।
पर करने को इंदौर सुरक्षित, राजवाड़ा पर विराजी अहिल्या माई है।

चौक पर खड़ा हर जवान शिवाजी और राणा सांगा है।
 रक्त नहीं नसों में दौड़ता जनसेवा का   राँगा है।

तीर अलग,  तलवार अलग, अलग हमारा भाला है।
इंदौर  तुम बेफिक्र रहो सड़कों पर तैनात तुम्हारा रखवाला है।

लेटे हैं यमरथ के पहियों के आगे, इंदौर नहीं घुसने देंगे।
सौगंध हमें इस मिट्टी की हम देश नहीं झुकने देंगे।

उक्त सकारात्मकता से भरी  ओजपूर्ण व जोशीली कविता सुनाने पर पुलिस महानिरीक्षक इंदौर द्वारा सूबेदार  उज्मा खान की प्रशंसा कर उत्साहवर्धन  करते हुए उन्हें एक हजार रूपये के नगद ईनाम से पुरूस्कृत किया गया।

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