इन्दौर
दिनांक 14 अप्रैल 2020 - वर्तमान समय में वैश्विक महामारी
कोरोना से उत्पन्न इस विकट स्थिति में पुलिस बहुत ही चुनौतीपूर्ण एवं कठिन ड्यूटी
कर रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए पुलिस महानिरीक्षक इंदौर ज़ोन श्री विवेक
शर्मा द्वारा पुलिस के मनोबल को बढ़ाने व उनमें सकारात्मकता लाने के लिये एक नई पहल
शुरू की गयी है, जिसके अंतर्गत प्रतिदिन इंदौर पुलिस एक साथ 2
मिनिट के लिये रेडियो मैसेज के द्वारा एक दूसरे से जुड़कर अपनी रचनात्मक एंव
सकारात्मक कविता/गानें/बातों आदि को साझा करेगें।
इस पहल की कड़ी में आज पुलिस प्रशिक्षण
महाविद्यालय में पदस्थ निरीक्षक श्री धैर्यशील येवले द्वारा हम सभी में एक
सकारात्मकता बढ़ाने वाली कविता जोश का पाठ किया गया।
जोश-जोश
मेरे दिल मे है, जोश .....2
अंधकार
को चीरेंगे, जीवन जोत जलायेगें. . . . . . . . . .
पथ
मे आई हर बाधा को, हसतें-हसतें मिटाऐगें।
कोई
काम नही कठिन, मन मे ये ठानेगें।
अंधकार
को . . . . . . . . .
उत्साह
से, उमंग से, साहस से, सयंम से,
नई
इबारत लिखेंगें।
कर्मवीर
है कर्मवीर है कर्मभूमि से नही हटेंगे।
अंधकार
को . . . . . . .जोश .
निर्बल
का बल हम, प्यासे के लिए जल हम।
कल
का सुनहरा कल हम, निर्भय आरक्षी दल हम।
अंधकार
को . . . . . . .जोश . .
हर
बाधा बोनी है, नई भोर सुहानी हैं।
आने
वाले कल की सुदंर एक कहानी है।
काम
आये देश के, मेरी वो जवानी है।
अंधकार
को . . . . . . .जोश . .
हारी
है आपदाये मुझसे, कोरोना भी हारेगा।
खूंखार
से मेरी, रिपु दल कापेंगा।
कभी
ना हुआ है ना होंगा, हौसला मेरा कम।
सारे
ग्रह बदल दूं, मुझमें है वो दम।
अंधकार
को . . . . . . .जोश . .
कर्तव्य
की वेदी पर शीश मे नमाता हूं,
भर
दे जीवन मे जो रस गीत वो मे गाता हूं।
दिन
हो या रात, धूप हो या बारिश,
हर
पथ के चैराहें पर मै ही तो दिखता हूं।
अंधकार
को . . . . . . .जोश . .
मानव
के सम्मान मे, जन-जन के गुणगान में।
वीरों
के बलिदान में, भारत की शान में।
बन
तिरंगा, बन तिरंगा, बन तिरंगा मे ही तो लहराता हूं।
अंधकार
को चीरेंगे, जीवन जोत जलायेगें. . . . . . . . . .
जोश-जोश
मेरे दिल मे है, जोश।
उक्त
कविता सकारात्मकता से भरी जोशीली कविता सुनाने पर पुलिस महानिरीक्षक इंदौर द्वारा निरीक्षक धैर्यशील येवले की प्रशंसा कर
उत्साहवर्धन करते हुए उन्हें एक हजार
रूपये के नगद ईनाम से पुरूस्कृत किया गया।
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