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आरोपियों ने नौकरी
दिलाने के नाम पर युवक युवतियों से ठगे लाखों रूपये ।
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आरोपी सरकारी नौकरी
व भारत सरकार के अंतर्गत कम्पनियों में नौकरी दिलाने के नाम पर करते थे ठगी।
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कई लोगों के साथ
ठगी कर चुके हैं आरोपीगण,
लगभग आधा दर्जन शिकायतें आरोंपियों के
विरूद्ध हुई प्राप्त।
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फर्जी नियुक्ति
पत्र भी जारी करते थे आरोपीगण।
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बैंक खातों में
ऑनलाईन ट्रांसफर कराते थे आरोपीगण ठगी की राशि।
इन्दौर- 13 जून 2019- वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक इन्दौर श्रीमती रूचिवर्धन मिश्र व्दारा
युवाओं से नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ीपूर्वक जालसाजी से आर्थिक रूप से ठगी की
वारदातों को अंजाम देने वाले
अपराधियों की धरपकड कर उनके विरूद्ध
प्रभावी कार्यवाही करने के लिये इन्दौर पुलिस को निर्देशित किया गया था। उक्त
निर्देशों के तारतम्य में पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) इंदौर श्री अवधेश गोस्वामी के
मार्गदर्शन में क्राईम ब्रांच की समस्त टीम प्रभारियों को इस दिशा में प्रभावी
कार्यवाही करने हेतु समुचित निर्देश दिये गये थे।
इसी अनुक्रम में
आवेदक कान्हा पिता राधेश्याम गोयल उम्र-24 वर्ष निवासी- फ्लेट नम्बर 203 गुलमर्ग सोसायटी
द्वारा क्राईम ब्रांच, इन्दौर कार्यालय में लिखित शिकायती आवेदन पत्र के माध्यम से शिकायत
की गई थी कि योगेश पिता रामकृष्ण मिश्रा उम्र-26 वर्ष निवासी-पालदा, इन्दौर द्वारा नामक
व्यक्ति द्वारा आवेदक कान्हा को कोल इण्डिया भारत सरकार कोलकाता में साईट इंजीनियर
के पद पर नौकरी लगवाने का प्रलोभन दिया जिसके तारतम्य में नौकरी लगवाने के एवज में
आवेदक कान्हा से योगेश नामक व्यक्ति ने छलकपट करते हुये विभिन्न
ट्रांजेक्शन के माध्यम से आई.डी.एफ.सी. बैंक के निजी खातों में 90,000/- रूपये जमा करा लिये बाद आवेदक कान्हा के परिजनों से कुल 3,70,000/- रूपये नगद प्राप्त कर योगेश मिश्रा नामक व्यक्ति द्वारा आवेदक के
साथ कुल 4,60,000/- रूपये की धोखाधड़ी की गई है जिसने कूटरचित दस्तावेज तैयार कर आवेदक
को कोल इण्डिया भारत सरकार कोलकाता में साईट इंजीनियर के पद पर नौकरी वास्ते फर्जी
नियुक्ति पत्र भी दे दिया था। नियुक्ति पत्र फर्जी होने पर आवेदक द्वारा जब वापस
रूपयों की मांग की गई तो योगेश मिश्रा द्वारा रूपये भी वापस नहीं किये गये जिसकी
जांच पर से आरोपी योगेश मिश्रा व उसके साथी दीपक पिता कमलसिंह राजपूत उम्र 24 वर्ष पिपलिया तहसील
नरसिंहगढ़ जिला राजगढ़ हाल मुकाम - 210 जगजीवनराम नगर एमआईजी इंदौर द्वारा
अपराध धारा-420, 406 भा.द.वि. के तहत घटित किया जाना पाया गया। क्राईम ब्रांच की टीम
द्वारा पतारसी उपरांत आरोपी योगेश मिश्रा को पकड़कर थाना-पलासिया के अपराध क्रमांक-265/19 धारा-420, 406 भा.द.वि. के प्रकरण में पलासिया पुलिस को सुपुर्द किया गया है।
आरोपी योगेश मिश्रा उम्र-26 वर्ष निवासी-50 श्रीरामनगर, पालदा, इन्दौर मूल निवासी-कोटर
जिला-सतना का रहने वाला है तथा बी.एस.सी. तक पढा है। आरोपी पहले ट्रेड सॉलूशन
एडवाईजरी कम्पनी, इन्दौर में प्राईवेट नौकरी करता था बाद में स्वयं नौकरी लगवाने के
नाम से लोगों से रूपये ऐंठकर धोखाधडी करने लगा था।
आरोपी दीपक पिता कमलसिंह राजपूत उम्र 24 वर्ष पिपलिया तहसील
नरसिंहगढ़ जिला राजगढ़ हाल मुकाम - 210 जगजीवनराम नगर एमआईजी इंदौर भी इस
प्रकार की धोखाधड़ी की वारदातें अपने साथी योगेश मिश्रा के साथ मिलकर करता है जोकि
पूर्व में स्वास्तिक इन्वेस्टमेण्ट मार्ट राजवाड़ा कम्पनी, इन्दौर में कार्य
करता था।
फरियादी कान्हा गोयल कन्स्ट्रक्शन का काम करते हैं जिनकी बेटी
प्रकरण के आरोपी दीपक राजपूत के साथ स्वास्तिक इन्वेस्टमेण्ट मार्ट राजवाड़ा कम्पनी, इन्दौर में कार्य
करती थी, इसलिये उसकी दीपक से पहचान थी इसी के चलते आरोपी दीपक ने फरियादी
की बेटी (जोकि उसकी सहकर्मी भी थी) को उसकी तथा उसके भाई की नौकरी कोल इण्डिया
लिमिटेड भारत सरकार में लगवाने का प्रलोभन दिया तथा बताया कि उसके परिचित योगेश
मिश्रा की अच्छी पकड़ व सांठ गांठ है जोकि सरकारी नौकरी लगवा देगा। फरियादी को
आरोपी दीपक की बातों पर तत्समय भरोसा नही हुआ तब आरोपी दीपक ने चाल चलते हुये
स्वयं का रेलवे विभाग में सरकारी नौकरी का नियुक्ति पत्र दिखाया तथा फरियादी को
कहा कि उसकी भी सरकारी नौकरी उसके परिचित योगेश मिश्रा ने लेन देन कर लगवाई है।
फरियादी आरेापी दीपक की बातों में आ गया तथा उसके कहे अनुसार उसके परिचित योगेश
मिश्रा से बात चीत कर 4 लाख 60 हजार रू नौकरी वास्ते दे दिये चॅूकि आरोपी दीपक ने जो रेलवे विभाग
में स्वयं की नौकरी का नियुक्ति पत्र फरियादी को दिखाया था वह भी जांच में फर्जी
पाया गया ।
उपरोक्त दोनों आरोपियों ने अपने अन्य साथियों के साथ संगनमत होकर
विभिन्न युवक युवतियों के साथ लगभग 20 लाख रूपये की अवैध वसूली की है जिसके
संबंध में विभिन्न शिकायती आवेदन पत्र पुलिस को प्राप्त हुयें है जिसकी वर्तमान
में जांच की जा रही है तथा कई प्रकरणों में दोनों आरोपियों ने स्वयं भी ठगी की
वारदातें किया जाना कबूला है।
इस प्रकार आरोपीगण नौकरी लगवाने के नाम पर धोखाधड़ीपूर्वक ठगी की
वारदातें संगठित गिरोह को संचालित करके कर रहे थे इसमें उत्तराखण्ड, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश के भी
कुछ लोगों की संलिप्तता उजागर हुई है।
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