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जॉब की तलाश में
घूमते युवाओ को एफ.सी.आई.(फूड कार्पोरेशन आँफ इंडिया) का फर्जी जाइंनिग लेटर
दिखाकर करते थे ठगी।
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आरोपी ठगी करने
वाले गिरोह को अपना बैंक खाता नंबर करवाते थे उपलब्ध ।
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ठगी की राशि में से
लेते थे अपना कमीशन ।
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आरोपीयो के खिलाफ
थाना बाणगंगा में ठगी का अपराध पंजीबध्द ।
इन्दौर - 13 मई 2019- वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक इन्दौर श्रीमती रुचि वर्धन मिश्र द्वारा फोन
कॉल एवं एस.एम.एस. के द्वारा देश भर में लोगो के साथ आनलाईन ठगी व जाँब दिलवाने के
नाम पर धोखाधडी की वारदातो को अंजाम देने वाले आरोपियो की पतारसी कर उनकी धरपकड
करने हेतु इंदौर पुलिस को निर्देशित किया गया था। उक्त निर्देशो के तारत्मय मे
पुलिस अधीक्षक मुख्यालय इंदौर श्री अवधेश कुमार गोस्वामी के निर्देशन मे अतिरिक्त
पुलिस अधीक्षक क्राईम ब्रांच श्री अमरेन्द्र सिंह द्वारा क्राईम ब्रांच इंदौर की
टीम को इस दिशा मे प्रभावी कार्यवाही करने हेतु समुचित दिशा निर्देश दिये गये थे।
जाँब की तलाश में घुमते बेरोजगार युवको
को प्राईवेट एवं सरकारी नौकरी दिलवाने का लालच देकर ठगी करने तथा एफ.सी.आई.(फूड
कार्पोरेशन आँफ इंडिया) का फर्जी जाइंनिग लेटर दिखाकर लाखो रूपयो ऐठने संबधित
शिकायतें पिछले काॅफी समय से लगातार प्राप्त हो रही थी। इसी आषय की एक शिकायत
आवेदक राहुल सिहं नि.-106 दुर्गा कालोनी मरीमाता, थाना बाणगंगा जिला इंदौर के द्वारा
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक इंदौर के समक्ष में उपस्थित होकर की गयी थी। जिसकी जांच
क्राईम ब्रांच इंदौर द्वारा की गयी थी तत्समय जांच के दौरान ठगी की वारदातो में
उपयोग करने वाले नंबर एवं बैंक खातो की जानकारी ज्ञात कर उनका विश्लेषण किया गया
था। जिसमें आरोपी 1.मनोज कुमार पिता दामोदर बनवाडीकर, उम्र 43 साल नि.- म.न. बी-359 पाश्वनाथ सिटी ,देवास रोड उज्जैन
एवं आरोपी 2.सुमित खरे पिता श्री रमेशचन्द्र खरे ,उम्र 46 साल नि. राज्वल
सिटी ए-6/102 अमखेरा रोड आधार तल जबलपुर के द्वारा जालसाजी ,छलकपट व धोखाधडी से
ठगी की वारदात किया जाना पाये जाने से उपरोक्त आरोपीयों के विरूध्द अपराध क्र. 625/19 धारा 420,34 भादवि का प्रकरण
थाना बाणगंगा में पंजीबध्द किया गया है। प्रकरण में फरार अन्य आरोपियों की क्राईम
ब्रांच की टीम द्वारा तलाश की जा रही है।
आरोपी मनोज एवं सुमित ने पूछताछ में
पुलिस टीम को बताया कि वह बनारस में मिले थे। दोनों ने एक दूसरे को बताया था कि वह
प्राईवेट जाँब कंसलटेन्सी का काम करते है, तब से दोनों एक दूसरे के संपर्क में
है। सुमित के पास जब भी जॉब संबंधित कोई वेकेन्सी होती थी तो वह मनोज को भेजता था।
मनोज ने आवेदक राहुल एवं चित्रांश को सुमित का मोबाईल नंबर देकर आपस में बातचीत
करवायी। आवेदक एवं चित्रांष ने आरोपियों के बैंक खातों में अलग-अलग कुल राशि 150000/- रूपए की जमा करवाई।
उक्त राशि में से आरोपियों द्वारा
अपना-अपना कमीशन निकाल लिया जाता था। आरोपी सुमित ने राहुल व चित्रांश को
एफ.सी.आई.(फूड कार्पोरेशन आँफ इंडिया) का जाइंनिग लेटर का सैम्पल दिखाया और कहाँ
कि तुम्हारे लिये भी ऐसा लेटर जारी होकर आयेगा। आरोपियो के द्वारा अपने अन्य साथी
उमेश के माध्यम से आवेदक के लिए एफ.सी.आई.(फूड कार्पोरेशन आँफ इंडिया) का
ज्वाईनिंग लेटर जारी करवाने को कहा। जब आवेदक द्वारा कई बार ज्वाईनिंग लेटर की
मांग की गई तो उमेश ने और रूपए की मांग की। तो आवेदक एवं चित्रांश ने कहा कि पहले
ज्वाईनिंग लेटर दो उसके बाद ही पैसा देगें, नही तो हमारा पैसा वापस कर दो। तो उमेष
ने कहा कि अब मेरे पास पैसे नही है वो तो खर्च हो गए है।
आरोपी मनोज और सुमित अपने अन्य
साथियों के साथ मिलकर एक ठगी करने वाले बडे गिरोह का संचालन करते थे। तथा गिरोह के
सदस्य प्राईवेट तथा सरकारी कंपनी में नौकरी दिलवाने के प्रलोभन देकर, हजारों रुपये खातों
में जमा करा लेते थे। ये ठगी करने वाले गिरोह मध्यप्रदेश के कई शहरो इंदौर, उज्जैन एवं जबलपुर
मे के बेरोजगार छात्रों को अपना शिकार बनाते हैं। क्राईम ब्रांच इंदौर की टीम
द्वारा इस प्रकार नौकरी दिलवाने के नाम पर ठगी कर रहे गिरोहों तथा उनके पूरे
नेटवर्क की लगातार पतारसी की जा रही है अतः टीम को निकट भविष्य में बढ़ी सफलता
मिलने के आसार है।
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