·
इन्दौर-
दिनांक 05 अप्रेल 2019- वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्रीमति रुचि
वर्धन मिश्र इन्दौर (शहर) द्वारा भूमि संबंधी विवादों तथा इंदौर में सक्रिय
भूमाफियाओं के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही करने के लिये इंदौर पुलिस को निर्देशित
किया था। उक्त निर्देशों के तारतम्य में पुलिस अधीक्षक (मुखयालय) श्री अवधेश कुमार
गोस्वामी एवं पुलिस अधीक्षक पद्गिचम श्री सूरज कुमार वर्मा के निर्देशन में ऐसे
भूमाफियाओं को चिन्हित् कर उनके विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही करने क्राईम ब्रांच की
टीम को समुचित दिशानिर्देश दिये गयेथे।
क्राईम ब्रांच इंदौर में आवेदक मुकेश
कलोता द्वारा द्गिाकायती आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया था जिसमें आवेदक ने लेख
किया था कि उसके पुत्र अनमोल को कैंसर की बीमारी होने से वह अपने स्वामित्व की
जमीन को बेच रहा था जिसमें आवेदक की जमीन का सौदा, क्रेता मेसर्स
वेंकटेश सिलीकॉन एण्ड इन्फ्रारिअल इंडिया प्राईवेट लिमिटेड तर्फे श्री संजय
द्विवेदी पिता स्व. शेषमणी द्विवेदी पता यु.जी. 20 - चेतक चेम्बर
प्लाट नम्बर 13-14 आर एन
टी मार्ग इन्दौर के मध्य हुआ था जिसमें
उपरोक्त सौदे के लिये कुल राशि 4,76,000,00/-रुपये (चार करोड
छेहत्तर लाख रुपये ) तय की जाकर क्रय विक्रय का दिनांक 25.02.2016 को
अनुबंध पत्र लेख किया गया था। विक्रेता
पक्ष अनावेदक द्वारा उक्त जमीन के अनुबंध के एवज में कुल 3200000/- रुपये
जिसमें 01 लाख रुपये टोकन मनी के माध्यम से नगद आवेदक को मिल गई थी तथा साढ़े
पन्द्रह लाख रू के दो अलग अलग चैक आवेदक
ने प्राप्त किये थे। इस प्रकार अब तक कुल 32 लाख रूपये की
राशी आवेदक ने प्राप्त कर ली थी तथा शेष राशि चुकाने के लिये भूमि के क्रेता पक्ष
ने 03 अलग अलग चेक RBL
बैंक के आवेदक को दिय थे जो संबंधित बैंक में लगाने पर अनादरित (बाउंस) हो गये थे।
इसी दरमियान आरोपी संजय द्विवेदी
द्वारा अपने परिजनों साथ मिलकर, पूर्व सुनियोजित ढंग से षडयंत्र रचकर,
आवेदक
को गुमराह करके, क्रय की गई भूमि पर मध्य प्रदेश वित्त निगम
नवरतन बाग इन्दौर से लोन लेने हेतु उपपंजीयक कार्यालय जिला इन्दौर में, मेसर्स
अमिताय ट्रेडिंग कम्पनी ¼MS-AMITAAY TRADNG COMPANY ½ तथा मेसर्स
श्री व्यक्टेंश इंज. प्रोजेक्ट कम्पनी ¼MS-SHRI VYANKTESH ENGG PROJECT COMPANY½ को
मोडगेज (गिरबीं) कराया गया।
आरोपी
संजय द्विवेदी द्वारा आवेदक पक्ष को विक्रय अनुबंध पत्र की पक्की लिखापढ़ी करने के
संबंध में गुमराह किया जाकर, पंजीयन कार्यालय में हस्ताक्षर कराये
गये और इसी तरह अनावेदक संजय द्विवेदी व अन्य के द्वारा भी आवेदक पक्ष को गुमराह
करते मध्य प्रदेश वित्त निगम नवरतन बाग आफिस को स्वयं का आफिस बताते हुए उक्त बैंक
की फाईल जो कि अंग्रेजी में थी उस पर हस्ताक्षर कराकर, जमीन के मूल
दस्तावेज व रजिस्ट्री ले ली जबकि आवेदक अंग्रेजी नही पढ़ पाता था
मध्य
प्रदेश वित्त निगम के द्वारा मेसर्स अमिताय ट्रेडिंग कम्पनी (प्रो. अमित द्विवेदी
तथा रोहित शर्मा ) तथा मेसर्स श्री व्यक्टेंश इंज.प्रोजेक्ट कम्पनी
(प्रो.अमितद्विवेदी )हेतु 1.25 दृ 1.25 करोड़ कुल 2.50
करोड रुपये लोन हेतु स्वीकृत कराये गये और उक्त स्वीकृत लोन के संबंध में बतौर
ग्यारण्टी (बंधक) आरोपी संजय द्वारा बिना रजिस्ट्री कराये आवेदक की जमीन को बैंक
में उपयोग किया गया जिसमें बैंक ने उक्त भूमि को गिरबीं रखकर, संजय
द्विवेदी को लाने स्वीकृत किया था। उल्लेखनीय बात यह है कि आवेदक, आरोपी
संजय द्विवेदी को जमीन बेचना चाहता था ना कि अपनी जमीन, बैंक में गिरबी
रखना चाहता था।
आवेदक
पक्ष को विश्वास दिलाने हेतु भी आरोपी संजय द्विवेदी के साथियों राजेश शुक्ला,
अमित
द्विवेदी , विजय द्विवेदी, रोहित शर्मा
द्वारा भी मध्य प्रदेश वित्त निगम में डिड ऑफ ग्यारण्टी में अमिताय ट्रेडिंग
कम्पनी व व्यक्टेंश इंज. प्रोजेक्ट कम्पनी के संबंध में हस्ताक्षर किये गये है।
अमिताय ट्रेडिंग कम्पनी के संबंध में RBL बैक से खाता ओपनिंग की जानकारी प्राप्त करते
पाया गया कि अमिताय ट्रेडिंग कम्पनी का स्थापना पंजीयन का प्रमाण पत्र में
स्टेशनरी एवं जनरल मटेरियल के क्रय व विक्रय के संबंध में लेख है जबकि उक्त कम्पनी
के द्वारा मध्य प्रदेश वित्त निगम को दी गई जानकारी में स्वंय को परिवहन व्यवसाय,
लोडिंग,
ग्रेडिंग,
कोल
संबंधित कार्यआदि करने की जानकारी दी गई थी जो कूटरचित होकर स्थापना पंजीयन का
प्रमाण पत्र का दुरुपयोग करते मिथ्या दस्तावेजों के आधार पर खाता खोला जाना पाया
गया जिसमें कम्पनी का वित्तीय ट्रांजेक्शन हुआ है ।
आवेदक
पक्ष को मध्य प्रदेश वित्त निगम से उसकी भूमि गिरबीं रखकर स्वीकृत कराये गये लाने
के संबंध में पता न चले इसीलिए आरोपी के द्वारा आवेदक को पुनः विश्वास में लेकर
शेष राशि के नये 03 चेक दिये जाकर आवेदक पक्ष की भूमि का रजिस्ट्री
करने का अश्वासन दिया गया परंतु रजिस्ट्री न कराते हुये शेष राशि का भुगतान किये
बिना बैंक में उपरोक्त भूमि को गिरबीं रख दिया।
मध्य
प्रदेश वित्त निगम के द्वारा मेसर्स अमिताय
ट्रेडिंग कम्पनी (प्रो.अमित द्विवेदी तथा रोहित शर्मा ) तथा मेसर्स श्री
व्यक्टेंश इंज.प्रोजेक्ट कम्पनी (प्रो.अमित द्विवेदी )के द्वारा स्वीकृत लोन की
राशि न भरने के कारण वसूली नोटिस, आरोपीगणों जिन्होंनें भूमि को गिरबीं
रखा उन्हें प्राप्त ना होने की बजाय आवेदक पक्ष को प्राप्त हुआ तो आवेदक पक्ष को
उसकी जमीन पर लोन होना तथा लोन के एवज में उसकी भूमि मध्य प्रदेश वित्त निगम में
बंधक होना पता चली। खातों के बैंक स्टेटमेन्ट काअवलोकन करते पाया गया कि उक्त
प्राप्त लोन राशि को अलग अलग दिनांको में
आरोपीगणों ने व्यक्तिगत खातों व उनसे संबंधित अन्य विभिन्न कम्पनियों में ट्रांसफर करते उपयोग किया गया है । आरोपियों
द्वारा लोन की राशि आईशी नही की गई जो अनावेदक गणों द्वारा मध्य प्रदेश वित्त निगम
की बैंक की राशि का दुरुपयोंग किया जाकर राशि का गबन किया गया है ।
इसी
तरह अन्य अन्य आवेदकों द्वारा भी उपरोक्त उल्लेखित आरोपियों विरूद्ध इसी आशय की शिकायतें
की गई जिसमें आरोपियों ने संबंधित भूमियों को विभिन्न बैंको में मोडगेज रखते
हुये मध्य प्रदेश वित्त निगम नवरतन बाग
इन्दौर , बैंक ऑफ इन्डिया बाम्बई ,बैक ऑफ इंडिया इन्दौर , आन्ध्रा
बैंक विजय नगर इन्दौर, पंजाब नेशनल बैंक, भारतीय
स्टेट बैंक, आदि शाखाओं से
करोडो रुपये का लोन स्वीकृत कराया जाकर निजी उपयोग में लिया जाकर उसका दृरूप्योग
किया गया।
आरोपियों
संजय द्विवेदी, अमित द्विवेदी, नेहा द्विवेदी,
रोहित
शर्मा, विजय द्विवेदी, राजेश शुक्ला, की कम्पनियो के
संबंध में ज्ञात हुआ कि संजय द्विवेदी के नाम से समर्थ इन्फ्रा बील्ड(इंडिया)प्रा.
लि.नाम की कम्पनी है उक्त कम्पनी के व्दारा-बैक आफइंडिया तारदेव रोड बम्बई से 6.52
करोड रुपये, 13.00 करोड तथा 15 करोड रुपये लोन
लिया गया है जो बकाया है। स्टेट बैक आफ इंडिया का 8.75 करोड़ रुपया तथा
बैक आफ बडा़ेदा का 2.70 करोड रुपये का लोन बकाया है है। आरेपी संजय
व्दिवेदी की उपरोक्त कम्पनी (समर्थ इन्फ्रा) में श्री वैकटेश प्रो. क. के खाते में
म. प्र. वित्तनिगम से प्राप्त लोन विभिन्न दिनांको में स्वीकृत होर उसका गबन किया
गया जोकि आरोपी ने नहीं चुकाया हैं आरोपी की पत्नि नेहा द्विवेदी के नाम से कुल 07 कम्पनिया
रजिस्ट्रर्ड होना पाई गई है जिसमें से कई बैंकों से लोन तथा गबन की राशी
स्थानांतरित किया जाना पाई गई है।
आरोपियों
द्वारा आवेदक की भूमि को बंधक रख कर आवेदक पक्ष को षडयंत्र पुर्वक धोखाधडी करते
आर्थिक क्षति पहुंचाई गई, साथ ही मध्य प्रदेश वित्त निगम को भी
आर्थिक क्षति कारित कर शासकीय राशि का गबन करते अवैध लाभ अर्जित करते कूटरचित व
मिथ्या दस्तावेजो का उपयोग करने के आरोपी 01 संजय द्विवेदी ,
02
अमित द्विवेदी , 03 विजय द्विवेदी 04 रोहित शर्मा 05
राजेश शुक्ला ,06 नेहा द्विवेदी उर्फ नेहा शर्मा व अन्य के
द्वारा विरूद्ध अपराध धारा 420, 120 बी, 406, 467, 468,471, भादवि
का अपराध थाना बेटमा जिला इन्दौर में पंजीबद्ध कर विवेचना लिया गया है।
बैंकों
की भूमिका के संबंध में भी जाँच की जा रही है आरोपी के परिवार के चल अचल
सम्पत्ति के बारे में भी जाँच की जा रही है। इसी तरह अन्य पीड़ितों को साथ हुई
धोखाधडी के संबंध में भी जाँच की जा रही है। आरोपी व उसके परिवार के संबंध में यह
जानकारी लगी है कि इनके पास पासपोर्ट है और कुछ ही दिनों में भारत के बाहर विदेश
जाने की तैयारी में थे और यह भी जानकारी लगी है कि और अन्य बैंको में आरोपी की
फाईल लोन हेतु लंबित है जिस संबंध में जानकारी प्राप्त की जा रही है।
No comments:
Post a Comment