Tuesday, April 9, 2019

· भारतीय मुद्रा के नकली नोट बनाने वाला गिरोह, क्राईम ब्रांच इन्दौर की गिरफ्त में। · कुल 06 आरोपी गिरफ्तार, कुल 93,000/- रूपये (तिरयानवे हजार रूपये) के नकली नोट बरामद। · आरोपीगण, 2000, 500, 200, 100, 50 रूपये के नकली नोट बनाकर करते थे बाजारों में खपत। · नोट चलाने के लिये छोटे दुकानदारों, पेट्रोल पम्पों को बनाते थे निशाना। · प्रिटंर से स्कैन कर, आरोपीगण बनाते थे नोटबंदी के बाद जारी किये गये नये नोट। · एक ही सीरियल नम्बर के दर्जनों नोट प्रिंट करता था गिरोह का सरगना। · इंदौर के अलावा भोपाल में भी सक्रिय था नेटवर्क। · बाजारों में लाखों रूपये के नकली नोट खपा चुके हैं आरोपी।




इन्दौर- दिनांक 09 अप्रेल 2019-वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक इन्दौर श्रीमती रूचिवर्धन मिश्र व्दारा जाली नोट बनाने वाले व धोखाधडीपूर्वक भारतीय मुद्रा के नकली नोटों की बाजारों में खपत करने वाले आरोपियों के संबंध में आसूचना संकलित कर उनकी धरपकड़ करने हेतु इन्दौर पुलिस को निर्देशित किया गया था। उक्त निर्देशों के तारतम्य में पुलिस अधीक्षक (मुखयालय) इंदौर श्री अवधेश कुमार गोस्वामी के निर्देशन में क्राईम ब्रांच की टीमप्रभारियों को इस दिशा में योजनाबद्ध तरीके से प्रभावी कार्यवाही करने हेतु समुचित दिशा-निर्देश दिये गये थे ।
                इसी अनुक्रम में क्राईम ब्रांच इन्दौर की टीम को मुखबिर तंत्र के द्वारा सूचना मिली कि आनन्द बाजार में राजेश नाम का व्यक्ति, आर.के. प्लास्टिक की दुकान पर नकली नोट छापता है तथा उसके साथियों के माध्यम से बाजारों में खपत करता हैं। मुखबिर के माध्यम से ज्ञात सूचना के आधार पर क्राईम ब्रांच इंदौर की टीम द्वारा थाना पलासिया पुलिस के साथ संयुक्त कार्यवाही करते हुये आनंद बाजार में स्थित आर0 के0 प्लास्टिक नामक दुकान पर पहुंचकर दविद्गा दी जहां मौजूद 06 संदिग्ध व्यक्तियों को  पकड़ा। पकड़े गये व्यक्तियों से नाम पता पूछने पर उन्होने अपने नाम क्रमशः 01. जितेन्द्र उर्फ लक्की पिता लक्ष्मण परदासानी उम्र-29 वर्ष निवासी-ए 29 बैरागढ भोपाल, 02. मुरली पिता धर्मेन्द्र अग्रवाल उम्र-21 वर्ष निवासी- गिडवानी पार्क रोड, हरीओम फर्निचर के पास, बैरागढ भोपाल, 03. भरत उर्फ गोलू पिता लक्ष्मण दास साधवानी उम्र-20 निवासी-हायर सेकेण्डरी बॉयज होस्टल के पास, बैरागढ, भोपाल 04. राजेश उर्फ राजा पिता कन्हैयालाल गंधवानी उम्र-30 वर्ष निवासी-3 आनंद नगर, आर.के.प्लास्टिक इन्दौर, 05. अभिषेक पिता ताराचंद भंडारी निवासी - पीपल चौक खजराना पाटीदार मोहल्ला इन्दौर, 06. विजय पिता मुन्नालाल रायकवार उम्र-20 वर्ष निवासी- 216 खजरानी काकड श्रीनगर एक्सटेंशन, सोनिया गांधी नगर इन्दौर, का होना बताया।
       तद्‌उपरांत तलाशी लेने पर उपरोक्त उल्लेखित आरोपियों के कब्जे से 2000 रू. के 44 नोट, 500 रू. के 3 नोट, 200 रू. के 05 नकली नोट, 100 रू. के 2450 रू. के 02 नकली नोट, इस प्रकार कुल जाली नोटों की राद्गिा 93000/- रूपये के सहित एच पी कम्पनी का एक कलर प्रिंटर बरामद हुआ है जिसका उपयोग आरोपीगण जाली नोट बनाने में करते थे। आरोपियों के कब्जे से उपरोक्त जाली नोट तथा प्रिंटर बरामद किये जाकर उन्हें पुलिस अभिरक्षा में लिया गया जिन पर थाना पलासिया में भारतीय दण्ड विधान की धारा-489 (क), 489 (ख), 489 (ग), 489 (घ) के तहत अपराध क्रमांक-162/19 पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
                    आरोपियों से की गई पूछताछ में विदित हुआ कि आरोपी जितेन्द्र उर्फ लक्की जाली नोट बनाने वाली गिरोह का सरगना है जो असल नोटों को कलर प्रिटंर के माध्यम से स्कैन करके जाली नोट तैयार करता था। आरोपी जितेन्द्रमूलतः भोपाल का रहने वाला हैं जोकि बैरागढ़ भोपाल में अपने गृह निवास पर भी नकली नोट बनाता था तत्समय वह अपने परिचित राजेद्गा के माध्यम से इंदौर में खपत करने हेतु नकली नोट भजता था। बाद इंदौर में आसानी से खपत हो जाने के कारण आरोपी जितेन्द्र, आरोपी राजेश के साथ मिलकर इंदौर में नकली नोट छापने लगा था। आरोपी जितेन्द्र उर्फ लक्की, इंदौर में आरोपी राजेश व उसके साथियों के माध्यम से नकली नोटों को बाजारों में खपाता था जबकि उसके बैरागढ़ निवासी मित्र आरोपी मुरली, भरत, के माध्यम से वह भोपाल में जाली नोटों की खपत करता था। आरोपी से अच्छे किस्म का एच.पी. कम्पनी का कलर प्रिन्टर उपकरण बरामद हुआ है जिसके माध्यम से वह भारतीय मुद्रा के नोटबंदी के बाद प्रचलन में आये नये नोटों को छापता था। आरोपी 2000, 500, 200, 10050 रूपये राशि के जाली नोट तैयार करता था। आरोपी नये नोटों के कागज से मिलते जुलते अच्छे जीएसएम के कागज का उपयोग जाली नोट बनाने में करते थे जिससे कि बाजार में उनकी खपत करना सुलभ हो, आरोपी नोट प्रिंट होने के बाद वाटरमार्क, तथा स्याही को भी फिनिशिग देते थे ताकि जाली नोट भी असली के समान ही दिखे। इनके द्वारा बनाये गये असली व नकली नोटों में बहुत हद तक समानता होती है जिसमें अंतर स्पष्ट कर पाना आसान नहीं होता लेकिन उनके सीरियल  नम्बर कई नोटों पर एकसमान होने से उनके जाली होने की पुष्टि आसानी से की जा सकती है। आरोपी जितेन्द्र ने बताया कि उसने पूर्व में मकान हेतु बैंक से ऋण स्वीकृत कराया था जिसको ना चुका पाने के कारण आरोपी बैंक से दिवालिया घोषित किया गया था इसी के चलते पैसों की आवश्यकता होने पर वह जाली नोट बनाने लगा था। 
                                आरोपी राजेश उर्फ राजा नकली नोट खपाने का काम करता था जोकि इंदौर में व्यस्ततम दुकानदारों तथा पेट्रोल पंपों को निशाना बनाता था। आरोपी इंदौर में आनंद बाजार स्थित आर0के0 प्लास्टिक नामक दुकान पर अपने मित्र आरोपी जितेन्द्र उर्फ लक्की के माध्यम ये जाली नोट छपवा रहा था इसी दौरान पुलिस टीम की गिरफ्त में आ गया।
            उपरोक्त आरोपीगण गत 01 वर्ष से नकली नोट बनाने का कारोबार कर रहे थे जिन्होंनें विभिन्न जगहों पर लाखों रूपये के नकली नोट अब तक खपत करना स्वीकार किया है। आरोपियों ने किन-किन जगहों पर जाली नोट खपाये तथा गिरोह में अन्य संलिप्त लोगों के संबंध में विस्तृत पूछताछ की जा रही है।






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