Saturday, April 13, 2019

· आईपीएल क्रिकेट मैच के दौरान सट्टे की अवैध गतिविधियों में संलिप्त 03 सटोरिये क्राइम ब्रांच इंदौर के हत्थे चढ़े । · आरोपियों के कब्जे से 12 मोबाइल फोन, 1 लैपटाप, 1 कैल्कुलेटर, 1 एलसीडी टीवी, 2 रजिस्टर सहित 15 हजार नगदी बरामद। · सट्टे के कारोबार सेसंलिप्त लोगों के नाम लैपटाप में करते थे इन्द्राज। · सट्टे में लाखों रुपयों का हिसाब किताब मिला। · सट्‌टे में जीते हुये पैसे लेने आया ग्राहक भी धराया।




इन्दौर-दिनांक 13 अप्रैल 2019- वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, श्रीमती रुचिवर्धन मिश्र, इंदौर (शहर) द्वारा आईपीएल क्रिकेट मैचों के दौरान सक्रिय हुए सटोरियों पर निगरानी रखकर उनपर वैधानिक कार्यवाही करने हेतु इंदौर पुलिस को निर्देशित किया गया था। उक्त निर्देशों के तारतम्य में पुलिस अधीक्षक (मुखयालय) इंदौर श्री अवधेश कुमार गोस्वामी के निर्देशन में क्राइम ब्रांच इंदौर को सट्टा संचालित करनेवाले सक्रिय सटोरियों के संबंध में आसूचना संकलित कर उनकी धर-पकड़ करने हेतु समुचित दिशा निर्देश दिये गए।
                इसी अनुक्रम में, क्राईम ब्रांच इंदौर की टीम को मुखबिर तंत्र के माध्यम से सूचना प्राप्त हुई थी कि मांगलिया पुलिस चौकी क्षेत्रांतर्गत एचडीएफसी बैंक के पीछे चौधरी कॉलोनी मे कुछ लोग आईपीएल क्रिकेट मैचों के दौरान ऑनलाइन सट्टे का कारोबार कर रहे हैं, उपरोक्त प्राप्त सूचना पर, क्राईम ब्रांच इंदौर द्वारा मांगलिया चौकी की पुलिस टीम के साथ संयुक्त कार्यवाही करते हुए चौधरी कॉलोनी में छानबीन कर, दोव्यक्तियों को आईपीएल मैचों पर सट्‌टे का कारोबार करते हुये पकड़ा जिनसे  नाम पता पूछने पर उन्होंनें अपने नाम, 1. टोनी उर्फ अजय बावेजा पिता हरिकिशन बावेजा उम्र 35 साल निवासी एमआईजी कॉलोनी इंदौर व 2. नीलेश पिता गोवर्धन शिवहरे उम्र 28 वर्ष निवासी - चौधरी कॉलोनी मांगलिया इंदौर बताये। मौके पर तलाशी लेने पर आरोपियों के कब्जे से 12 मोबाइल, 1 लैपटाप, 1 कैल्कुलेटर, 1 एलसीडी टीवी, सट्टे के लाखों रुपये के हिसाब-किताब की 02, व नगदी कुल राशि 15030/- रुपये बरामद हुई जिसे पुलिस टीम द्वारा विधिवत जप्त किया जाकर आरापियों को पुलिस अभिरक्षा में लिया गया।
                आरोपीगण कई माहों सट्‌टे का कारोबार करते आ रहे हैं तथा आईपीएल टी- 20 क्रिकेट मैच के दौरान सट्‌टे का कारोबार करने के लिये पुनः सक्रिय हुये थे जोकि दिनांक 12.04.19 को रात्रि में आयोजित दिल्ली कैपिटल बनाम कोलकाता नाइट राइडर टीम के मध्य खेले जा रहे मैच के दौरान सट्टा लेते हुये पकड़े गये।    
          आरोप अजय बावेजा ने पूछताछ में बताया कि वह पहले इंदौर में ही एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता था, नौकरी छोड़ने के बाद आईपीएल के सट्टे का कारोबर पिछले चारसालों से कर रहा था। अजय उर्फ टोनी पहले से सट्‌टे का कारोबार करता था किंतु सट्‌टे में रूपयों का घाटा होने पर उसने स्वयं 'बुकी' बनकर आरोपी नीलेश के साथ सट्‌टे के कारोबार में साझेदारी कर ली थी। आरोपी अजय स्नातक तक पढ़ा लिखा है व आरोपी नीलेश एमबीए पास है तथा मांगलिया क्षेत्र में ही कराने की दुकान चलाता है। आरोपी नीलेश पूर्व में किसी अन्य बुकी के यहां सट्‌टा लगाता था जहां आरोपी अजय भी बतौर ग्राहक सट्‌टा खेलता था तत्समय दोनों की परस्पर पहचान हो गई व बाद दोनों ने आपस में बुकी बनकर लोगों से सट्‌टा खाना शुरू कर दिया। आरोपीगणों ने अवैघ रूप से सट्‌टे का कारोबार संचालित करने के लिये चौधरी कॉलोनी मांगलिया में कुछ दिन पहले ही किराए पर कमरा लिया था।
                        आरोपियों से प्रारंभिक पूछताछ में आईपीएल सट्टे के तार इंदौर के अन्य सटोंरियों सहित मुंबई के लोगों से जुड़े होना ज्ञात हुये हैं जिनसे विस्तृत पूछताछ की जा रही है।  आरोपियों के पास से बरामद डायरियों में सट्टा लगाने वाले लोगों के नाम तथा उनके लेनदेन की जानकारी लिखी हुई मिली। कार्यवाही के दौरान देवेश यादव नामक व्यक्ति, उपरोक्त दोनों आरोपियों से सट्टे में जीते हुए पैसे लेने आया, तो उसे भी पुलिस टीम द्वारा दबोच लिया गया। पूछताछ में उसने अपना पूरा नाम 3. देवेश यादव पिता बलराम यादव उम्र 27 साल निवासी नन्दा नगर इंदौर का होना बताया वह पिछले एक वर्ष से वह मुखय आरोपी अजय उर्फ टोनी के पास क्रिकेट का सट्टा लगाता है तथा पान की दुकान चलाता है।
            आरोपियों ने बताया कि मोबाइल के माध्यम से सट्टा लगाने वाले ग्राहक फोन करके सट्टा लगाते हैं और रुपयों के हार जीत का हिसाब अगले दिन करते हैं। आरोपी ज्यादा संखया में मोबाइल फोन इसीलिए रखते थे ताकि वे अधिक से अधिक ग्राहक अटेण्ड कर सकें व ज्यादा पैसे कमा सके।
           सट्टे के रुपयों का हिसाब किताब व ग्राहकों की जानकारी कोड वर्ड में लिपिबद्ध कर वह लोग लैपटाप व रजिस्टर में इन्द्राज करते थे। जिस ग्राहक को अधिक रुपयों का सट्टा लगाना होता था उनको ये लोग अपने से ऊपर बड़े बुकी को उतार देते थे और उनसे बदले में प्रति ग्राहक कमीशन भी लेते थे। आरोपियों से बरामद मोबाईलों में कुछ सिम नंबर आरोपियों के स्वयं के नाम पर पंजीकृत है व कुछ नंबर उनके दोस्त तथा परिचितों के नाम परपंजीकृतपाये गये हैं। 
           आरोपियों का कृत्य धारा 3/4 सट्टा अधिनियम व धारा 467, 468, 471 भादवि के तहत दंडनीय पाये जाने से तीनों आरोपियों के विरूद्ध थाना क्षिप्रा में अपराध क्रमांक 134/19 पंजीबद्ध किया गया है।




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