इंदौर- 15 मार्च 2019- क्राईम ब्रांच इंदौर द्वारा वर्तमान परिवेश में बदलते हुये
सायबर अपराधों के स्वरूप, सायबर अपराधों के प्रकार, विवेचना, तथा इनसे संबंधित
न्यायालयीन कार्यवाही हेतु संयोजित किये जाने वाले आवश्यक तथ्यों के संबंध में
प्रशिक्षु उपनिरीक्षक स्तर के अधिकारियों को प्रशिक्षित किये जाने हेतु कार्यशाला
का आयोजन आज दिनांक 15.03.2019 को दिन शुक्रवार को पुलिस कण्ट्रोल रूम सभागार जिला इंदौर में किया
गया। उपरोक्त प्रशिक्षण शाला का शुभारंभ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्रीमति रूचि वर्धन
मिश्र (शहर) इंदौर, पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) अवधेश कुमार गोस्वामी की उपस्थिति में
हुआ।
आधुनिक युग में सायबर अपराध जैसे सोशल मीडिया से संबंधित समस्त
अपराध, आनलाईन फ्रॉड,
पोर्नाग्राफी, आदि का ग्राफ दिन
प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है जिससे निपटना पुलिस के लिये एक बड़ी चुनौती है इसी को
ध्यान में रखते हुये इंदौर शहर के विभिन्न थानों में पदस्थ नवागत प्रशिक्षु
उपनिरीक्षकों के लिये सायबर अपराधों के संबंध में प्रशिक्षण हेतु कार्यशाला को
आयोजित किया गया। इसमें प्रशिक्षु उपनिरीक्षकों को अपुअ अपराध श्री अमरेन्द्र सिंह
द्वारा सायबर अपराध, सायबर अपराधों के प्रकार, सायबर अपराधों की विवेचना, विवेचना के दौरान
बरती जाने वाली सावधानियां, आई टी एक्ट तथा भादवि की धाराओं का विविधता के साथ उपयोग, अपराधों के दण्ड
तथा न्यायालयीन कार्यवाही के संबंध में प्रशिक्षित किया गया। इसी प्रकार उपुअ
अपराध श्री आलोक शर्मा द्वारा DiGital
Evidence Collection के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई
जिसमें घटना स्थल से लेकर अपराधी को सजा दिलाने तक क्या क्या आवश्यक कार्यवाहियां
विवेचना के दौरान की जाती है?
साक्ष्य संकलन के साथ न्यायालय में
साक्ष्य प्रस्तुत करते समय ध्यान देने योग्य कौन से तथ्य होते हैं इस संबंध में उपुअ अपराध द्वारा
प्रशिक्षु उपनिरीक्षकों को विस्तृत जानकारी दी गई।
कार्यशाला के दौरान
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्रीमति रूचि वर्धन मिश्र (शहर) इंदौर, पुलिस अधीक्षक
(मुख्यालय) अवधेश कुमार गोस्वामी द्वारा भी प्रशिक्षु उपनिरीक्षकों को सायबर
अपराधों के अनुसंधान हेतु महत्वपूर्ण जानकारियां दी गई तथा निर्देशित किया गया कि
हर किसी अनुसंधानकर्ता अधिकारी को बदलते हुये परिवेश के साथ स्वयं को कौशल तथा
तकनीक के अधार पर अद्यतन सामयिक बनना होगा तभी वह कुशल अधिकारी साबित हो सकेंगें।
क्राईम ब्रांच में
पदस्थ उपनिरीक्षक श्रद्धा यादव द्वारा प्रशिक्षु उपनिरीक्षकों को सोशल साईट्स के
माध्यम से घटित होने वाले विभन्न अपराधों, पीएसटीएन/टॉवर डम्प, सीडीआर एनालिसिस, जीपीआरएस सीडीआर, आईपीडीआर आदि के
संबंध में प्रशिक्षित किया गया साथ ही ऐसे अपराधों की जांच एवं विवेचना के दौरान
की जाने वाली आवश्यक कार्यवाहियों से भी प्रशिक्षुओं को अवगत कराया गया।
उपनिरीक्षक मोनिका गरवाल द्वारा ओटीपी फ्रॉड, विभिन्न प्रकार से
होने वाले आनलाईन फ्रॉड जैसे मेट्रोमानियल बेवसाईट्स, लॉटरी के नाम पर
फ्रॉड, टॉवर लगवाने के नाम पर फ्रॉड, ओएलएक्स पर खरीददारी के साथ ही
कॉमर्शियल बेवसाईट्स के माध्यम से होने वाले फ्रॉड, विभन्न ऑनलाईन ट्रांजेक्शन वैलेट्स
आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई जिसमें ठगी गई राशि को वापस कराये जाने के
अलावा दोषियों की पहचान सुनिश्चित करना, तथा इनसे संबंधित अपराधों की जांच एवं
विवेचना के दौरान की जाने वाली कार्यवाहियों के संबंध में प्रशिक्षण दिया गया।
क्राईम ब्रांच में पदस्थ सउनि(अ) देवेन्द्र रघुवशी द्वारा भी
डार्कनेट तथा डार्क बेव के संबंध में प्रशिक्षुओं के साथ जानकारी साझा की गई
जिसमें उन्होंनें प्रशिक्षुओं को आभाषी दुनियां में हो रहे अपराधों जैसे क्रिप्टो
कंरंसी, आनलाईन गेमिंग आदि के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारियां प्रशिक्षुओं
को प्रदाय की।
क्राईम ब्रांच द्वारा पूर्व में भी सायबर अपराधों पर नियंत्रण पाने
तथा जागरूकता के अभाव में इस प्रकार की घटनाओं का शिकार हो रहे लोगों को अभियान
चलाकर, जागरूक किये जाने के लिये सेमीनार आयोजित कर, जागरूकता अभियान
चलाया गया था। जिसका उद्देश्य सायबर अपराधों के बढ़ते हुये ग्राफ पर अंकुश लगाना
तथा दोषियों पर वैधानिक कार्यवाही करना है।
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