Sunday, August 12, 2018

नकली पुलिस बनकर ठगी करने वाला ठगोरा क्राईम ब्रांच इंदौर की गिरफ्त में।


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·        आरोपी स्वयं को पुलिस अधिकारी बताकर, विभिन्न तरह से धोखाधड़ी कर ठगता था लोगो को।
·        आरोपी महाराष्ट्र में भी करता था लोगो से ठगी, पकड़े जाने के बाद ठिकाना बदलकर इंदौर में दे रहा था वारदातों को अंजाम।

इन्दौर-दिनांक 12 अगस्त 2018-पुलिस उप महानिरीक्षक इंदौर (शहर) श्री हरिनारायणाचारी मिश्र द्वारा शहर में नकली पुलिस बनकर कर लोगों के साथ ठगी व धोखाधडी करने वाले आरोपियों की पतारसी कर उनकी धरपकड़ हेतु इंदौर पुलिस को निर्देशित किया गया था। उक्त निर्देशों के तारत्मय मे पुलिस अधीक्षक मुखयालय इंदौर श्री मो0 यूसुफ कुरैशी के मार्गदर्शन मे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक क्राईम ब्रांच श्री अमरेन्द्र सिंह द्वारा क्राईम ब्रांच इंदौर की टीम का गठन किया जाकर, इस दिशा में योजनाबद्ध तरीके से प्रभावी कार्यवाहीकरने हेतु समुचित दिशा निर्देश दिये गये थे।
नकली पुलिस बनकर लोगों से ठगी व धोखाधड़ी की वारदातों को अंजाम दे रहे आरोपियों की पतासाजी के दौरान क्राईम ब्रांच की टीम को सूचना प्राप्त हुई थी कि थाना अन्नपूर्णा क्षेत्र मे कोई व्यक्ति फर्जी तरीके से स्वयं को पुलिस अधिकारी बताकर लोगों से ठगी कर रहा है। उपरोक्त सूचना पर कार्यवाही करते हुये मुखबिर द्वारा बताये गये आरोपी को संदेह के आधार पर थाना क्राईम ब्रांच इंदौर की टीम द्वारा पुलिस थाना अन्नपूर्णा की टीम को साथ लेकर चंद्रशेखर उर्फ अनिल मालवीय पिता देवराम भंजाले उम्र 43 साल निवासी 22/1 आई जी कालोनी तहसील पंधाना जिला खंडवा को अन्नपूर्णा क्षेत्र से घेराबंदी कर पकङा। बाद संदेही चंद्रशेखर उर्फ अनिल ने पूछताछ के दौरान पुलिस टीम को बताया कि वह पंधाना मे नाई की दुकान का काम करता है और पंधाना में ही उसका हेयर सेलून है। चंद्रशेखर ने बताया कि एक साल पहले वह अपनी सेलून की दुकान बंद करके इंदौर काम करने आ गया था और बैंक कॉलोनी, विशाल नगर में अन्नपूर्णा रोड पर किराये से मकान लेकर रह रहा था। आरोपी ने इंदौर में बसने के बाद से अपने सभी परिचितोंको स्वयं की पहचान, इंदौर पुलिस का अधिकारी होना बताई थी। आरोपी ने बैंक कॉलोनी में रहने वाले योगेश नाम के व्यक्ति को स्वंय को क्राईम ब्रांच का अधिकारी होना बताकर सस्ते दामों में मारूती वेन दिलाने की बात की थी जिसके एवज में आरोपी ने योगेश से 30000/-रू ले लिये थे और कुछ दिनों बाद ही वह वहां से मकान खाली करके चला गया था। उसने अपनी यामाहा एमएच-12/एलजेड-8124 गाङी पर, पुलिस कलर की पट्टी रंगवा रखी थी जिससे लोग उसे पुलिस वाला समझते थे। आरोपी ने स्वयं को पुलिस अधिकारी बताकर जप्त की हुई गाङिय़ों को कम दाम मे दिलवाने का बोलकर धोखाधङी पूर्वक, अन्नपूर्णा निवासी अनुराग व रवि पिता गिरधारी मोदी से दो लाख रूपये स्विफ्ट डिजायर गाङी दिलवाने बाबत्‌ एवं रुपेन्द्र भदौरिया से एक्सयूवी 500 गाङी दिलवाने के नाम पर 12 लाख 40 हजार रूपये ले लिये थे। इस प्रकार आरोपी ने लोगों के साथ करीब 14 लाख 50 हजार रुपये की ठगी की थी।
आरोपी ने बताया कि उसका ससुराल पुणे, महाराष्ट्र में है और वह पूर्व में भी थाना जामनेर जिला जलगांव महाराष्ट्र में ठगी के प्रकरणों मे बंद हो चुका है। आरोपी ने बताया कि महाराष्ट्र में वह अपनेसाढ़ू के साथ मिलकर ठगी की वारदातों को अंजाम देता था लेकिन वहां पर पकड़े जाने के बाद से उसने अपना ठिकाना बदल दिया था जोकि वर्तमान में इंदौर में रहकर ठगी की वारदातें कर रहा था। आरोपी महाराष्ट्र में अपने साढू भाई खंडू उर्फ पोपट के साथ अपराध करने के जुर्म में धारा 420,468,470,471,473 34 भादवि के तहत निरूद्ध हुआ था। महाराष्ट्र में वह लोगों को नौकरी दिलवाने के नाम पर ठगता था। आरोपी ने जलगांव के एक व्यक्ति से भारतीय रेलवे भोपाल म.प्र. मे टी0 सी0 की नौकरी लगवाने के नाम पर चार लाख पचास हजार रूपये लिये थे। आरोपी हमेद्गाा से लोगों को पुलिस अफसर बताकर डराता-धमकाता था तथा विभिन्न प्रकार के प्रलोभन देकर वह फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर विगत कई दिनों से लोगों से ठगी की वारदातो को अजांम दे रहा था। नकली पुलिस बनकर लोगो के साथ घटनाओं को अंजाम देने वाले आरोपी की पतारसी करते हुये क्राईम ब्राच इंदौर द्वारा आरोपी चंद्रशेखर पिता देवराम भंजाले को पकङा गया। आरोपी को थाना अन्नपूर्णा के प्रकरण क्र. 303/18  में, अग्रिम वैधानिक कार्यवाही हेतु पुलिस थाना अन्नपूर्णा के सुपुर्द किया गया है। आरोपी से विस्तृतपूछताछ जारी है, जिसमें उसके द्वारा नकली पुलिस बनकर की गयी अन्य घटनाओं के खुलासा होने की संभावना है।



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