इन्दौर-
दिनांक 18 अप्रेल 2018- पुलिस
थाना परदेशीपुरा पर दिनांक 12.04.2018 को फरियादी संदीप पिता सोहनलाल यादव
उम्र 35 साल नि. 15/2 परदेशीपुरा इंदौर ने रिपोर्ट दर्ज
कराई कि वाईन शाप के सामने परदेशीपुरा चौराहे पर मेरी चाय की दुकान है। सुबह 9.30
बजे निधि एवं उसके साथीयों ने दुकान पर आकर चाय एवं सिगरेट पी, चाय
के रुपये मांगे तो निधि व उसके साथी ने मां बहन की गालीयां देकर मारपीट कर जान से
मारने की धमकी देकर फरियादी की मोटरसाईकल एमपी 09/एमक्यु1978 को
ईंट पत्थरो से तोडकर नुकसान कर दिया। उक्त फरियादी संदीप की रिपोर्ट पर थाना
परदेशीपुरा में अप. क्रं. 191/2018 धारा 427, 323, 294, 506, 34
भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। उक्त मामलें की गम्भीरता को
समझते हुए पुलिस उप महानिरीक्षक इन्दौर शहर श्री हरिनारायणाचारी मिश्र द्वारा
आरोपियों की पतारसी कर आरोपियों की गिरफ्तारी के निर्देश दियें गयें। उक्त निर्देश
के तारतम्य में पुलिस अधीक्षक पूर्व श्री अवधेश कुमारगोस्वामी के मार्गदर्शन मे
थाना प्रभारी परदेशीपुरा श्री राजीव त्रिपाठी के द्वारा पुलिस टीम का गठन कर
विवेचना के लिए लगाया गया।
विवेचना के दौरान पुलिस टीम को सूचना मिली कि
उक्त प्रकरण की फरार आरोपिया निधि परदेशीपुरा वाईन शाप के सामने चाकू लेकर लोगों
को डरा धमका रही है। उक्त सूचना पर पुलिस टीम द्वारा कार्यवाही करते हुए आरोपीया
निधि पिता हेमंत जगताप उम्र 19 साल नि. 580/17 मेघदूत नगर
थाना विजय नगर इदौर को चाकू व स्कूटर सहित पकडा गया। आरोपिया के विरूद्ध अप क्रं. 200/2018
धारा 25 आर्म्स एक्ट का पंजीबद्ध कर पकडा आरोपीया निधि को मान. न्यायालय में
पेश किया गया जहां से न्यायालय द्वारा जेल भेजा गया है। पुलिस टीम द्वारा आरोपीया
निधि के पास जो स्कूटर होण्डा एक्टिवा एमपी 09/एसएफ 0211
मिला है, उसके बारे में पता करने पर उक्त स्कूटर आरोपीया ने दिनांक 08.04.2018 को
117 श्रीनगर मैन इंदौर के सामने से चुराया था। उक्त स्कूटर चोरी की
रिपोर्ट स्कूटर मालिक कैरम सिंह पिता अभयसिंह दोगावत नि. 117 श्री नगर मेन
एम आई जी कालोनी इंदौर ने थाना एम आई जी में दिनांक 12.04.2018 को
की थी जिस पर थाना एम आई जी में अप क्रं. 257/2018 धारा 379
भादविका प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया था।
उक्त
कार्यवाही मे वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी चदंन नगर श्री
राजीव त्रिपाठी, उप निरी. एम ए एच खान, आर. 3321
धर्मेन्द्र,
आर 724
अशोक,
एवं
3188 राजकुमार का सराहनीय योगदान रहा।
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