Thursday, December 21, 2017

41 करोड़ के आबकारी घोटाले प्रकरण में फरार व 20, हजार रूपये का इनामी, शराब व्यवसायी लवकुश पाण्डेय क्राईम ब्रांच इंदौर की गिरफ्त में


इन्दौर-दिनांक 21 दिसबंर 2017-शराब व्यवसायियों द्वारा नकली चालान बनाकर आबकारी विभाग को पिछले कई वर्षों से करोड़ों के राजस्व का घोटाला करसरकार को चूना लगा कर फरार हुए शराब कारोबारियों की गिरफ्तारी हेतु पुलिस उप महानिरीक्षक इंदौर शहर श्री हरिनारायणाचारी मिश्र द्वारा इंदौर पुलिस को निर्देशित किया गया था। उक्त निर्देशों के तारतम्य में पुलिस अधीक्षक (मुखयालय) मो.युसुफ कुरैशी के मार्गदर्शन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (क्राइम) श्री अमरेन्द्र सिंह के द्वारा क्राइम ब्रांच की टीमों को इस दिशा में कार्यवाही करने हेतु समुचित दिशा-निर्देश दिये गये है।
क्राईम ब्रांच इंदौर द्वारा 41 करोड़ की एक्साईज़ ड्‌यूटी की हेराफेरी के प्रकरण में प्रभावी कार्यवाही करते हुए पूर्व में आरोपी योगेन्द्र जायसवाल, अविनाश मंडलोई एवं अंश त्रिवेदी की पतारसी कर उन्हें गिरफ्तार किया गया है। इसी कड़ी में उक्त घोटाले के पुलिस थाना रावजी बाजार इंदौर में पंजीबद्ध अप. 172/17 धारा 420,467,468,471,120 बी भादवि में फरार चल रहे 20 हजार रूपये के ईनामी बदमाश लवकुश पाण्डेय को गिरफ्तार किये जाने हेतु पिछले कई दिनों से लगातार क्राईम ब्रांच की टीमों द्वारा प्रयास किये जा रहे थे। इसी दौरान क्राइम ब्रांच की टीम को सूचना प्राप्त हुई थी कि उक्त फरार आरोपी लवकुश पाण्डेय पिता स्व. रमाशंकर पाण्डेय उम्र. 38 साल निवासी23 शक्तिनगर इंदौर, उत्तर प्रदेश से बस या ट्रेन द्वारा इन्दौर आ रहा है। उक्त सूचना पर तत्काल क्राईम ब्रांच द्वारा पुलिस थाना रावजी बाजार की टीम के साथ संयुक्त व त्वरित कार्यवाही करते हुए आरोपी की घेराबंदी के लिये रेल्वे स्टेशन व सरवटे बस स्टेण्ड पर निगरानी हेतु पुलिस बल तैनात किया गया। इसी बीच आरोपी लवकुश पाण्डेय सरवटे बस स्टेण्ड पर दिखाई दिया, जिसका पुलिस टीम द्वारा पीछा किया जिसे बाद में कंचन तिलक होटल के सामने वाली वाइन शॉप पर शराब खरीदते समय टीम द्वारा घेराबंदी कर पकड़ा गया।

आरोपी लवकुश ने पूछताछ के दौरान बताया कि अब तक वह धार, देवास एवं उत्तर प्रदेश में फैजाबाद आदि जगहों पर उसके साथियों रमेश राय, संतोष रघुवंशी एवं प्रमोद मिश्रा की सहायता से फरारी काट रहा था। आरोपी ने बताया कि वह पूर्व में विजय श्रीवास्तव के यहां नौकरी करता था, जिस दौरान विजय श्रीवास्तव एवं उसके परिचित राजू दशवंत ने मेरे नाम पर वर्ष 2015-16 के लिये मानपुर समूह एवं गीता भवन चौराहा इन्दौर की शराब की दुकानों का लाइसेंसी अनुज्ञापी बनाया था, जिसके बारे में आरोपी लवकुश को कोई जानकारी नहीं थी। क्राईम ब्रांच इंदौर की टीम द्वारा उपरोक्त घोटाले के प्रकरण में शेष बचे हुऐ फरार आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु भी सतत्‌ प्रयास जारी हैं, आरोपी लवकुश से पूछताछ में जानकारी सामने आने पर अन्य आरोपियों के जल्द ही पुलिस की गिरफ्त में आने की संभावना है।

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