Tuesday, October 17, 2017

पुलिस थाना महू के वर्ष 2007 के हत्या के अपराध का फरार व 20,000 रुपये का इनामी बदमाश क्राईम ब्रांच इंदौर की गिरफ्त में आरोपी को छत्तीसगढ़ से किया गया गिरफ्तार, नाम बदलकर जिला-रायगढ़, (छ.ग.) में रह रहा था आरोपी


इन्दौर-दिनांक 17 अक्टूबर 2017-पुलिस उप महानिरीक्षक इन्दौर (शहर) श्री हरिनारायणचारी मिश्र व्दारा इंदौर जिलें के फरार व इनामी आरोपियों धरपकड़ हेतु विशेष प्रयास कर, प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये है। उक्त निर्देश के तारतम्य में पुलिस अधीक्षक (मुखयालय) इंदौर,श्री मो.युसुफ कुरैशी के मार्गदर्शन में मे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक क्राईम ब्रांच श्री अमरेन्द्र सिंह चौहान व्दारा थाना प्रभारी क्राईम ब्रांच को इस दिशा मे प्रभावी कार्यवाही हेतु समुचित निर्देश दिये जाकर टीमों को लगाया गया था ।
इसी कड़ी में क्राईम ब्रांच इन्दौर को आज एक बडी सफलता उस वक्त मिली जब मुखबीर द्वारा क्राईम ब्रांच की टीम को सूचना मिली कि पुलिस थाना महू, इन्दौर के क्षेत्रांतर्गत वर्ष-2007 में हुई एक महिला की हत्या में फरार व इनामी बदमाश जो कि अपना नाम पता बदलकर वर्तमान में जिला-रायगढ़ (छ.ग.) में रह रहा है, आज निरंजनपुर इन्दौर में रह रहे अपने दोनों बच्चों से मिलने इन्दौर आया हुआ है। उक्त सूचना पर क्राईम ब्रांच इंदौर व पुलिस थानामहू की टीमों द्वारा संयुक्त कार्यवाही करते हुये थाना महू के अप.क्र. 188/07 धारा-294,324,506,307,302 भादवि में वर्ष 2007 से फरार व 20,000 रुपये के इनामी आरोपी सतीष यादव पिता फूलसिंह यादव उम्र 45 साल नि.म.न. 2839 यादव मोहल्ला, महू, इंदौर को संयुक्त रुप से कार्यवाही करते हुये आरोपी सतीश उर्फ संजय यादव पिता फुलसिंह यादव उर्फ फुल्लु उम्र 45 साल नि 2839 यादव मोहल्ला महू इंदौर तथा वर्तमान पता ग्राम डोंगा ढकेल थाना बुगदेपुर जिला रायगढ छत्तीसगढ को घेराबंदी कर पकडा गया।
आरोपी सतीष उर्फ संजय यादव ने पूछताछ पर बताया की उसकी शादी वर्ष 1997 मे निरंजनपुर इंदौर मे रहने वाले बाबूलाल यादव की लडकी सुनीता यादव से हुई थी, जिससे उसके दो लडके यशवंत तथा सिद्धार्थ है, व उसने बताया की वह महू जिला इंदौर मे रहकर कारपेंटरी का काम अशोक ठेकेदार के साथ करता था तथा कारपेंटरी के काम हेतु इन्दौर के बाहर अन्य शहरों मे भी जाकर काम करता रहता था। ज्यादातर  घर से बाहर रहने के कारण आरोपी की पत्नी संगीता के उसकी सगी बुआ उषाबाई के लडके मनीष से अवैध संबध बन गये थे। इस बात का पता आरोपी सतीश को उसकी चचेरी साली केद्वारा चला, जिसने बताया कि आज-कल मोहल्ले में इस बात की चर्चा है कि तुम्हारे घर पर न रहने के दौरान मनीष आपके घर में रहता है व आपकी पत्नी से उसके संबंध अच्छे नही है। इस बात पर सतीश को काफी आश्चर्य व दुःख हुआ जिसके कारण वह इन्दौर से बाहर जाने के कामों  केन्सिल कर अपनी पत्नी व मनीष पर नजर रखने लगा। कुछ दिनों तक नजर रखने के उपरांत एक दिन सतीश ने अपनी पत्नी को बताया कि वह काम करने के लिए इन्दौर से बाहर जा रहा है।
दिनांक 05.05.2007 की बात है दूसरे दिन सुबह होते ही जिस ट्रेन से मनीष काम करने का बता कर इन्दौर आ रहा था उसी ट्रेन से मनीष पर नजर रखते हुए वह भी बैठ गया एवं राऊ स्टेशन आने पर मनीष ट्रेन से उतरा तो वह भी दूसरी तरफ ट्रेन से उतरकर अपने घर पहुंचा एवं घर के पीछे वाले दरवाजे से घर के अंदर गया जहां कमरे में रखी चारपाई पर संगीता व मनीष को अपत्तिजनक स्थिती मे देख लेने के उपरांत मनीष वहां से भाग गया। सतीश द्वारा आवाज लगाकर अपने सगे संबंधियों को बुलाने पर उस समय घरों में उपस्थित महिलाऐं मौके पर आई जहाँ मनीष भी अपनी मां व भाई के साथ आ गया व इनकी आपस में उसी बातको लेकर मार-पीट व गाली-गलौच होने लगी। सतीष यादव ने चाकू लेकर मनीष को मारने के लिये वार किये तो बचाव में उसकी मां उषाबाई सामने आ गई, जिससे वह घायल होकर गिर गयी तो आरोपी सतीश मौके से भाग गया।
सतीष उर्फ संजय यादव ने बताया कि इस घटना के बाद वह दिन भर महू में ही रेल्वे पटरी के पास छुपकर बैठा रहा व अंधेरा होने के उपरांत वह अपने घर गया व अपनी पत्नी सुनीता व दोनों बच्चों सिद्धार्थ एवं यशवंत को लेकर अपने ससूराल निरंजनपुर इन्दौर छोड दिया, और सुबह इन्दौर रेल्वे स्टेशन आ गया, रेल्वे स्टेशन पर अखबार के माध्यम से मालूम पडा कि उसने जो मनीष की मां को चाकू मारा था उससे उसकी मृत्यु हो गई है, तो काफी सोच विचार करने के उपरांत इन्दौर से बिलासपुर के लिए रवाना हो रही ट्रेन में बैठकर बिलासपुर चला गया। बिलासपुर पहुंचकर उसने लोगों को अपना नाम संजय यादव एवं पिता का नाम फुल्लु यादव के रूप में सभी को बताते हुए बिलासपुर में 3-4 दिन इधर उधर भटकता रहा, कुछ काम नही मिला तब जानकारी मिली की रायगढ़ में बहुत फेक्ट्री है वहा तुमको काम मिल जाएगा तो वह बिलासपुर से रायगढ ट्रेन में बैठ गया। फिर रायगढ में भी 3-4दिन इधर उधर भटकता रहा, फिर वहां पर दीनू महराज के यहां पर उसे 90 रूपये प्रतिदिन के हिसाब से कारपेंटर का काम मिल गया, वह करीब 5 माह वही काम किया। इस दौरान वहां पर उसके साथ काम करने वाले सुखीराम यादव के घर पर ही 300 रूपये प्रतिमाह के किराये पर उसके घर में रहने लगा। सुखीराम यादव उसकी पत्नी पंचुबाई व लडकी चंपाबाई तथा चंपाबाई की पुत्री नीता यादव के साथ रहते थे। चंपाबाई के पति से अच्छे संबंध नहीं होने के कारण वह अपने मां-बाप के साथ ही रह रही थी। फिर उसने चंपाबाई से शादी के संबंध में बात करके शादी कर ली। चंपाबाई से शादी के बाद आरोपी ने अलग कमरा उसी मोहल्ले में प्रेमलाल के यहा किराये से ले लिया, जहां पर वह करीब डेढ वर्ष किराये पर रहा व सब्जी बेचने का काम करता था। कुछ समय यहां रहने के बाद वह अपने साढूभाई शिवप्रसाद के यहा ग्राम-डोंगाढकेल में करीब 08 दिन रहा इसके बाद उसने पास में ही घासी नाम के व्यक्ति से 18,500 रूपये में 30बाय50 का एक बाडा खरीद लिया जिसमें एक कमरा बना था जिसमें वह अपने परिवार के साथ रहने लगा। इस दौरान उसने अपने हत्या के अपराध की की जानकारी किसी को नहीं दी गयी।इस दौरान आरोपी दो बार इन्दौर अपने ससुराल निरंजनपुर में अपने बच्चों को देखने आया था। करीब 02 वर्ष पूर्व वह अपने दोनों बच्चों यशवंत व सिद्धार्थ को साथ लेकर भी गया था, जो 6-7 माह बाद रहे फिर वहा से वापस इन्दौर आ गये। उसने अपनी दूसरी पत्नी की लडकी नीता यादव की शादी सन्‌ 2014 में रमेश यादव गढकुरी से की है। दूसरी पत्नी चंपाबाई से शादी करने के बाद से अभी तक उससे कोई औलाद नहीं है।
आरोपी सतीश ने बताया कि रायगढ़ में कुछ समय तक उसने ढाबा संचालन करने के अलावा जिंदल इस्पात कारखाना से निकलने वाले रॉ मटेरियल बिनकर बेचने का काम भी किया है एवं लोडिंग में सब्जी रख कर बाजार एवं कस्बों में सब्जी बेचने का काम भी करता था। वर्ष 2015 में शराब के कुछ बोतलें लिए हुए पकडे जाने पर थाना-भूप्देओपुर, रायगढ़ पुलिस द्वारा पकडा गया था, जिस पर 34 आब अधि का प्रकरण पंजीबद्ध हुआ था, जो न्यायालय खरसिया, रायगढ़ में विचाराधीन है ।

पुलिस टीम द्वारा आरोपी सतीश उर्फ संजय यादव को गिरफ्तार कर पुलिस थाना महूं के सुपुर्द किया गया है तथा आरोपी की मदद करने वालों के संबंध में व अन्य जानकारियाँ एकत्र की जा रही है।


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