Wednesday, July 19, 2017

अंध विश्वास के चलते मासूम की हत्या, तंत्र मन्त्र की क्रिया बताने वाला , थाना गौतमपुरा की गिरफ्त में



इन्दौर-दिनांक 19 जुलाई 2017-थाना गौतमपुरा क्षेत्रांतर्गत के ग्राम गढीबिल्लोदा मे दिनांक 10.06.17 को लडके की चाह में तांत्रिक क्रिया द्वारा दो साल के बच्चे यश की हत्या आरोपी दिलिप व उसकी पत्नी द्वारा की गई थी, जिन्हे पुर्व मे थाना गौतमपुरा द्वारा गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर जेल भेजा गया। आरोपियों से तांत्रिक क्रिया करवानें वाला तांत्रिक इस घटना के बाद फरार हो गया था। जिसकी तलाश पुलिस टीम द्वारा लगातार की जा रही थी। जिसे पुलिस थाना गौतम पूरा की टीम द्वारा  गिरफ्तार करनें में सफलता प्राप्त की है।
       घटना दिनांक 09.06.17 को शाम करीबन 06.00 बजे घर के सामने अन्य बच्चो के खेलते खेलते गुम हो गया था। उसकी लाश मिलनें पर मृतक के पिता सुनील पिता प्रहलाद कीर की सूचना पर थाना गौतमपुरा द्वारा मर्ग क्रमांक 19/17 धारा 174 भादवि के तहत दर्ज कर विवेचना मे लिया गया। मृतक की पीएम रिपोर्ट में बालक यश की मृत्यु, मुह दबाकर साँस रोकने से हुई थी। जिस पर हत्या का मामला अपराध क्र. 99/17 धारा 302 भादवि के तहत कायम कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान गाँव में लोगो से पूछताछ की गई लेकिन शक दिलीप पिता शंकरलाल बागरी उम्र 36 साल निवासी गढ़ीबिल्लोद पर था। पुलिस टीम द्वारा दिलीप से पूछताछ करने पर बार बार अलग-अलग जवाब देकर पुलिस को गुमराह कर पुलिस की झूठी शिकायत वरिष्ठ अधिकारियो से कर रहा था। पुलिस टीम द्वारा मुखबिरों के माध्यम से आरोपी दिलीप की गतिविधियों पर लगातार नजर रखते हुए पर्याप्त परिस्थितिजन्य साक्ष्य जूटाकर, आरोपी से दोबारा पूछताछ करने पर आरोपी द्वारा अपना जुर्म स्वीकार करते हुए बताया की उसने तीन शादियाँ की है। जिसमे पहली पत्नी की मृत्यु 11-12 साल पहले डिलेवरी के समय में ही हो गयी थी, जिसकी दो लडकियाँ है। लेकिन लड़का नहीं होने के कारण वह हमेशा परेशान रहता था। फिर लड़का की चाह में उसने धार जिले के ग्राम बिल्लोदा में पुष्पाबाई से दूसरी शादी कर ली जिससे एक लड़का पैदा हुआ जो तीन माह जीवित रह कर मर गया। इससे परेशान होकर दिलीप ने दो साल बाद नागदा जंक्शन की संतोष बाई से नातरा कर लिया। लेकिन संतोष बाई को पहले ही लड़के पैदा नहीं हो रहा था। इसलिए वह जंतर मंतर, झाड़ फुक और तांत्रिको के चक्कर में पड़ गया, जिसमे उसकी पत्नियाँ भीसाथ देने लगी। आरोपी दिलीप की पत्नी संतोष बाई मायके गई तो उसके पिता उसी गाँव के तांत्रिक गोवर्धन बगरी जो तांत्रिक विद्या जानता था उससे लड़का पैदा करने की विधि पूछी तो उसने बताया की यदि तुम्हे लड़का चाहिए तो किसी महिला के पहले लड़के की बलि अमावस्या या पूर्णिमा के दिन देनी होगी, तब तुम्हे बच्चा पैदा होगा और जिन्दा रहेगा। तब घर आकर संतोष बाई ने यह विधि दिलीप और उसकी पत्नी को बताई तो तीनो पहली खोल के बच्चे की तलाश में लग गए। तब दिलीप द्वारा दोनों पत्नियों को बताया की सुनील का बच्चा पहला है। फिर दिलीप व दोनों पत्नियों दिनांक 08.07.17 को योजना बनाई की कल दिनांक 09.07.17 को पूनम है, व सुनील के बच्चे पर निगाह रखकर जैसे ही मोका मिले उसे पकड़कर घर में छुपा लेना है। इतना कह कर दिलीप रोज की तरह रुनीजा बडनगर चला गया फिर शाम को 06 बजे पत्नी संतोष बाई को फ़ोन लगाकर पूछा तो उसने बताया काम हो गया है, बच्चा घर में है। रात करीब पोने  08 बजे दिलीप गाँव में आया तो बच्चे को गाँव वाले ढूंढ रहे थे, वह भी गाँव वालों के साथ बच्चे को ढूड़ने का नाटक करने लगा। करीब रात 11 बजे गाँव के सभी लोग बच्चे के नहीं मिलने सेपरेशान थे। तब दिलीप ने सुनील और गाँव वालो को बोला की सब लोग अपने-अपने घर चले जाओ इस बात पर सभी लोग अपने घर चले गए। दिलीप भी अपने घर जाकर खाना खाकर दोनों पत्नियों को साथ में बच्चे यश को दूसरे कमरे में ले गया जहा पर रेत रखी थी। रेत पर बच्चे को लेटाकर तांत्रिक द्वारा बताई क्रियानुसार क्रिया की, फिर बच्चे के मुह में आलपिन गडाना शुरू किया तो बच्चा रोने लगा जिस पर संतोष बाई ने बच्चे का मुह कपडे से दबा दिया जिससे बच्चे की आवाज बाहर न जा सके। दिलीप व्‌ दोनों पत्नियों ने चेहरे व गर्दन पर आलपिन घुसाकर कर तांत्रिक क्रिया की, फिर रात्री करीब साढ़े तीन बच्चे मर गया तो उसे अपने आँगन में बाथरूम के पास पड़े टाट के बोर में लेटाकर सो गए।

       थाना गौतमपूरा  पुलिस टीम द्वारा प्रकरण की विवेचना के दौरान आज दिनांक 19.7.17 को प्रात प्रकरण के तांत्रिक आरोपी अम्बाराम बागरी पिता गोवर्धन बागरी निवासी ग्राम उमरनी थाना बिरमा ग्राम नागदा जिला उज्जैन को गिरफ्तार किया गया। पुलिस टीम द्वारा पुछताछ करने पर आरोपी ने बताया की मुझें जोगनी भैसासूर चामुण्डा माताजी आती है। मेरे पास 3-4 महीने पहले होली के समय सन्तोषबाई उसके पिताजी रमेशबागरी को लेकर आई थी। सन्तोषबाई को बच्चे पैदा नही होते थे इसलिए उसनें बच्चा पैदा करनें के लिए लिए उपाय पुछा था। तो मेरे द्वारा उनकी खोल भरी थी, खोल भराते समय एक नारियल गेहू के दाने, भभूती को अलग-अलग कागज की पुडीया मे बांधकर दी थी। और बताया था कि मिट्टी की मटकी के अन्दर लाल कपडे मे बांधकर ऊपर से नारियल रखकर उसे घर मे ऐसे स्थान पर रखें जहाँ पर किसी की नजर नही पडे। और बच्चा (लडका ) पैदा होने तक किसी की मौत होनें तक मिट्टी घर में किसी सदस्य को नही जाने का बोला था। और यह तंन्त्रिक क्रिया अमावस्या व पूर्णिमा को करने का  तरिका बताया था। पुलिस टीम द्वारा आरोपी तांत्रिक से और पुछताछ की जा रही है।

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