इन्दौर-दिनांक
17 जुलाई 2017- पुलिस थाना गौतमपूरा क्षेत्रान्तर्गत
ग्राम गढ़ीबिल्लोद में दिनाक 10.06.17 को एक दो साल के बच्चे यश पिता सुनील
की लाश गाँव के दिलीप बगरी के आँगन में मिली थी। उक्त घटना का पर्दाफाश कर आरोपी
को पकड़ने के निर्देश पुलिस उप महानिरक्षक इंदौर शहर श्री हरिनारायाणाचारी मिश्र
द्वारा दिए गए थे। उक्त निर्देश के तारतम्य में पुलिस अधीक्षक पश्चिम श्री मनीष
अग्रवाल व अति. पुलिस अधीक्षक श्री पंकज श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में एसडीओपी
देपालपुर श्री अनिल सिंह राठौर व थाना प्रभारी गौतमपुरा श्री अनिल कुमार वर्मा को
निर्देशित किया। जिस पर कार्यवाही करते हुए थाना प्रभारी गौतमपूरा व उनकी टीम
द्वारा आरोपी व उसकी दोनों पत्नियों को
पकड़ने मे सफलता प्राप्त की है।
घटना
दिनांक 09.06.17 को शाम करीबन 06.00 बजे घर के
सामने अन्य बच्चो केखेलते खेलते गुम हो गया था। उसकी लाश मिलनें पर मृतक के पिता
सुनील पिता प्रहलाद कीर की सूचना पर थाना गौतमपुरा द्वारा मर्ग क्रमांक 19/17
धारा 174 भादवि के तहत दर्ज कर विवेचना मे ंलिया गया। मृतक की पीएम रिपोर्ट
में बालक यश की मृत्यु, मुह दबाकर साँस रोकने से हुई थी। जिस पर हत्या
का मामला अपराध क्र. 99/17 धारा 302 भादवि के तहत
कायम कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान गाँव में लोगो से पूछताछ की गई
लेकिन शक दिलीप पिता शंकरलाल बागरी उम्र 36 साल निवासी गढ़ीबिल्लोद पर था। पुलिस
टीम द्वारा दिलीप से पूछताछ करने पर बार बार अलग-अलग जवाब देकर पुलिस को गुमराह कर
पुलिस की झूठी शिकायत वरिष्ठ अधिकारियो से कर रहा था। पुलिस टीम द्वारा मुखबिरों
के माध्यम से आरोपी दिलीप की गतिविधियों पर लगातार नजर रखते हुए पर्याप्त
परिस्थितिजन्य साक्ष्य जूटाकर, आरोपी से दोबारा पूछताछ करने पर आरोपी
द्वारा अपना जुर्म स्वीकार करते हुए बताया की उसने तीन शादियाँ की है। जिसमे पहली
पत्नी की मृत्यु 11-12 साल पहले डिलेवरी के समय में ही हो गयी थी,
जिसकी
दो लडकियाँ है। लेकिन लड़का नहीं होने के कारण वह हमेशा परेशान रहता था। फिर लड़काकी
चाह में उसने धार जिले के ग्राम बिल्लोदा में पुष्पाबाई से दूसरी शादी कर ली जिससे
एक लड़का पैदा हुआ जो तीन माह जीवित रह कर मर गया। इससे परेशान होकर दिलीप ने दो
साल बाद नागदा जंक्शन की संतोष बाई से नातरा कर लिया। लेकिन संतोष बाई को पहले ही
लड़के पैदा नहीं हो रहा था। इसलिए वह जंतर मंतर, झाड़ फुक और
तांत्रिको के चक्कर में पड़ गया, जिसमे उसकी पत्नियाँ भी साथ देने लगी।
आरोपी दिलीप की पत्नी संतोष बाई मायके गई तो उसके पिता उसी गाँव के तांत्रिक
गोवर्धन बगरी जो तांत्रिक विद्या जानता था उससे लड़का पैदा करने की विधि पूछी तो
उसने बताया की यदि तुम्हे लड़का चाहिए तो किसी महिला के पहले लड़के की बलि अमावस्या
या पूर्णिमा के दिन देनी होगी, तब तुम्हे बच्चा पैदा होगा और जिन्दा
रहेगा। तब घर आकर संतोष बाई ने यह विधि दिलीप और उसकी पत्नी को बताई तो तीनो पहली
खोल के बच्चे की तलाश में लग गए। तब दिलीप द्वारा दोनों पत्नियों को बताया की
सुनील का बच्चा पहला है। फिर दिलीप व दोनों पत्नियों दिनांक 08.07.17 को
योजना बनाई की कल दिनांक 09.07.17 को पूनम है, व सुनील के
बच्चे पर निगाह रखकर जैसे ही मोका मिले उसेपकड़कर घर में छुपा लेना है। इतना कह कर
दिलीप रोज की तरह रुनीजा बडनगर चला गया फिर शाम को 06 बजे पत्नी
संतोष बाई को फ़ोन लगाकर पूछा तो उसने बताया काम हो गया है, बच्चा घर में
है। रात करीब पोने 08 बजे दिलीप गाँव में आया तो बच्चे को गाँव वाले
ढूंढ रहे थे, वह भी गाँव वालों के साथ बच्चे को ढूड़ने का
नाटक करने लगा। करीब रात 11 बजे गाँव के सभी लोग बच्चे के नहीं
मिलने से परेशान थे। तब दिलीप ने सुनील और गाँव वालो को बोला की सब लोग अपने-अपने
घर चले जाओ इस बात पर सभी लोग अपने घर चले गए। दिलीप भी अपने घर जाकर खाना खाकर
दोनों पत्नियों को साथ में बच्चे यश को दूसरे कमरे में ले गया जहा पर रेत रखी थी।
रेत पर बच्चे को लेटाकर तांत्रिक द्वारा बताई क्रियानुसार क्रिया की, फिर
बच्चे के मुह में आलपिन गडाना शुरू किया तो बच्चा रोने लगा जिस पर संतोष बाई ने
बच्चे का मुह कपडे से दबा दिया जिससे बच्चे की आवाज बाहर न जा सके। दिलीप व्
दोनों पत्नियों ने चेहरे व गर्दन पर आलपिन घुसाकर कर तांत्रिक क्रिया की, फिर
रात्री करीब साढ़े तीन बच्चे मर गया तो उसे अपने आँगन में बाथरूम के पास पड़े टाट के
बोर में लेटाकर सो गए।
इस वीभत्स हत्याकांड का पर्दाफाश कर
आरोपियों को पकड़ने में वरिष्ठ अधिकारियो के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी गौतमपुरा
श्री अनिल कुमार वर्मा व उनकी टीम की महत्वपूर्ण और सराहनीय भूमिका रही।
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