इन्दौर-दिनांक 29 मार्च 2017- माननीय न्यायालय के समक्ष परिवादी श्रीमती सुलभा कामले द्वारा अनावेदक मनदीप सिंह पिता श्रवरण सिंह निवासी 68-सी स्कीम नंबर 51, इंदौर यशवंत सिंह, तरणजीत सिंह पति मनदीप सिंह व मनजीत कौर पति यशवंत सिंह के विरूद्ध एक परिवाद प्रस्तुत किया गया जिसमें परिवादी द्वारा शिकायत की गई कि उक्त अनावेदकगणों द्वारा मुझ वृद्ध महिला को लोन दिलाने का झांसा देकर मेरे लडके धीरज कामले के नाम पर मेरे स्वामित्व का मकान नंबर 1071 स्कीम नंबर 51 रजिस्टर्ड कराने की जगह आरोपी मनदीप द्वारा अपने साथियों के साथ मिलकर छलपूर्वक मकान की रजिस्ट्री स्वयं अपने एवं पत्नी तरणजीत के नाम पर कूटरचित दस्तावेज तैयार कर करवा ली तथा मुझे यह विश्वास दिलाया कि उक्त रजिस्ट्री उसके पुत्र धीरज के नाम पर हुई है जिसके पश्चात आरोपियों द्वारा परिवादी सुलभा कामले को एक 18 लाख रूपये की डीडी प्रदान की गयी जिसमें आरोपियों द्वारा परिवादी सुलभा के खाते से आरटीजीएस के माध्यम से छल पूर्वक 14 लाख रूपये मनी मोर फाइनेंस कंपनी में इनवेस्ट कर दिये गये। उक्त शिकायत के आधार पर माननीय न्यायालयद्वारा धारा 156 (3) जाफौ के तहत पुलिस थाना रावजीबाजार इंदौर को उक्त अनावेदकों के विरूद्ध अपराध कायम करने हेतु आदेश दिया गया जिस रावजीबाजार पुलिस द्वारा आरोपियों के विरूद्ध अप. क.्र 42/2017 धारा 420, 467, 468, 471, 406, 120बी भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान आरोपियों की तलाश करते हुये चारों आरोपियों 1. मनदीप सिंह पिता श्रवरण सिंह निवासी 68-सी स्कीम नंबर 51, इंदौर 2. यशवंत सिंह निवासी सदर 3. तरणजीत सिंह पति मनदीप सिंह निवासी सदर व 4. मनजीत कौर पति यशवंत सिंह निवासी सदर को गिरफ्तार किया गया तथा माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर आरोपी मनदीप सिंह को पुलिस अभिरक्षा में लिया गया।
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