इन्दौर-दिनांक
11
फरवरी 2017- उप पुलिस महानिरीक्षक इन्दौर शहर श्री
हरिनारायणाचारी मिश्र द्वारा इन्दौर शहर की कमान संभालते ही भूमाफियाओं के विरूद्ध
प्रभावी व कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये थे। उक्त कार्यवाही को निरंतर
जारी रखते हुये मानवतानगर स्थित प्लाटों की खरीद फरोखत मे हुई धोखाधड़ी की शिकायतें
प्राप्त होने पर, इस संबंध मे पुलिस अधीक्षक मुख्यालय
श्री मोह. युसुफ कुरैशी को भूमाफियाओं पर प्रभावी कार्यवाही करने हेतु निर्देशित
किया गया था। पुलिस अधीक्षक मुखयालय द्वारा अति.पुलिस अधीक्षक अपराध श्री
अमरेन्द्र सिंह के नेतृत्व मे क्राईम ब्रांच की टीम को इस संबंध मे लगातार सक्रिय
कर आवश्यक कार्यवाही हेतु लगाया गया था।
क्राईम
ब्रांच की टीम ने पाया कि आवेदिका सूरजदेवी जैन निवासी ओल्ड पलासिया इन्दौर का एक
प्लाट मानवता नगर मे स्थित था, जिसे उन्होने सन् 2005 मे
योगेन्द्र पाराशर से खरीदा था, इस प्लाट का स्वामित्व पूर्व मे दयाल
सिंह के नाम से था, जो काफी समय पहले प्लाट बेचकर पंजाब
चला गया था। इस प्लाट पर भूमाफियाओ की नजर गई तो उन्होने पाया कि प्लाट का मालिक
दयाल सिंह काफी समय पूर्व पंजाब चला गया है, तथा
वे इस बात से अनभिज्ञ थे कि दयाल सिंह द्वारा उक्त प्लाट किसी अन्य व्यक्ति को
बेचा जा चुका है। इस बात का फायदा उठाने की नीयत से भूमाफियाओं 1. मनोहर
सिंह पिता छतर सिंह बैस (63) निवासी रोसला तह. कालापीपल जिला
शाजापुर हाल मुकाम 51 श्यामनगर एनएक्स थाना हीरानगर इंदौर, 2. राजेश
पिता लखन राजपूत (32) निवासी ग्राम खोखरिया तह. हरसूद जिला
खंडवा, 3. आशिष पिता बंसीलाल पहाडिया (27) निवासी
गोमा की फेल 65/1 मालवा मील इंदौर, 4. सौहराब
पटेल पिता नवाब पटेल (44) निवासी प्रेमबंधन गार्डन के सामने
कनाडिया रोड इंदौर ने मिलकर, मनोहर सिंह बैस को नकली दयाल सिंह
बनाकर उसके नाम के फर्जी वोटर आई.डी. कार्ड इत्यादी बनाकर मनोहर सिंह के नाम से
इण्डियन ओवरसीज बैंक इन्दौर मे दयाल सिंह के नाम का फर्जी बैंक खाता खुलवाया गया
तथा सोहराब पटेल के कनाडिया स्थित प्रापर्टी ब्रोकर के ऑफिस पर मनमोहन सिंह अरोरा
की पहचान फर्जी दयाल सिंह से कराई और उसे भू-स्वामी बताते हुये प्लाट को आपराधिक
षडयंत्र रचकर फर्जी किराएदारी अनुबंध फर्जी विक्रय अनुबंध आदि दस्तावेज तैयार कर
सुरजदेवी जैन के प्लाट को छल एवं बेईमानीपूवर्क मनमोनह सिंह अरोरा को कुल 26,25,000/-रूपये
मे विक्रय कर दिया गया और इन रूपयो को सभी आरोपियो ने आपस मे बटंवारा कर लिया।
अनावेदकगण द्वारा सौदे के समय 8,10,000/- रुपये की राशि नगद प्राप्त की गई और इस
प्लाट का फर्जी विक्रय अनुबंध लेख कनाडिया स्थित पटेल प्रोपर्टी ब्रोकर्स के
सौहराब पटेल ने तैयार कराया तथा शेष राशि 6,15,000/- रुपये
नगद एवं 12,00,000/- रुपये चैक के माध्यम से प्राप्त कर
प्लाट की रजिस्ट्री मनमोहन सिंह अरोरा के नाम से दिनांक 29.11.2013 को
करके उक्त प्लाट का कब्जा खरीददार मनमोहन सिंह अरोरा को दे दिया। जब मनमोहन सिंह
अरोरा ने मकान बनाना प्रारंभ किया तो आवेदिका सूरजदेवी जैन द्वारा मौके पर जाकर
आपत्ति ली गई, जिस पर मनमोहन सिंह अरोरा ने उक्त
प्लाट दयाल सिंह से खरीदना बताया और अपना निर्माण कार्य जारी रखा, जिसकी
शिकायत आवेदिका द्वारा की गई थी, जिसकी जांच पर क्राईम ब्रांच द्वारा
उक्त सभी भूमाफियाओं के खिलाफ अपराध धारा 419, 420, 467, 468, 471, 120 बी
भादवि. का अपराध पंजीबद्ध किया जाकर सर्वप्रथम इन चार भूमाफियों को पकडा जाकर
हिरासत मे लिया गया है। क्राईम ब्रांच की इस कार्यवाही से भूमाफियाओं मे हडकंप है।
हिरासत मे लिये गये इन लोगो से पूछताछ मे मानवतानगर के ओर भी फर्जी प्लाटो की
खरीदी-बिक्री के खुलासे हो सकते है, तथा
इन भूमाफियो से संबद्ध अन्य अपराधियों की भी जानकारी सामने आने संभावना है।
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