एक लापरवाही बनी जानलेवा
केयरटेकर द्वारा अपने साथी के साथ मिलकर की गयी हत्या
इन्दौर-दिनांक 13 नवम्बर 2016- दिनांक 06.11.2016 को दिन करीब 01-02 बजे के मध्य डायल 100 एवं कंटोल रूम के माध्यम से यह सूचना प्राप्त हुई कि पुलिस थाना लसूडिया अन्तर्गत अपोलो डीबी सिटी के ऑरम-2 के फ्लेट क्रमांक 205 में वृद्ध दम्पत्ति की हत्या कर दी गई है। यह घटना अत्यंत ही गंभीर एवं चुनोैतीपूर्ण थी। पुलिस थाना के अधिकारी तत्काल पहुचे एवं घटनास्थल पर साक्ष्य के दृष्टि से तत्काल सुरक्षित किया एवं क्राईम ब्रांच के अधिकारियों सहित सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी घटना स्थल पर पहॅुचे तथा उनके द्वारा घटना का सूक्ष्मता से निरीक्षणकर जॉच पडताल की गयी।
पुलिस उप महानिरीक्षक इंदौर शहर इंदौर श्री संतोष कुमार सिंह द्वारा घटना की गंभीरता को देखते हुये घटना का पर्दाफाश करने हेतु उचित दिशा निर्देश दिये गये उक्त निर्देश के तारतम्य में पुलिस टीम का गठन किया गया। पुलिस टीम द्वारा अनुसंधान में पाया गया कि घटना स्थल पर फोर्सफुल एन्ट्री नही हैं, मुखय बेडरूम से लगे हुए कक्ष में खून जमा होने से प्रथमदृष्टया यह समझ में आ गया था कि घटना का संबंध इस कक्ष से भी है। दम्पत्ति की लाश एक ही कक्ष में थी परिजनों के साथ घटना स्थल का मुआयना करने पर मोबाइल व चार्जर नही मिले जिस प्रकार से घटनास्थल का स्वरूप था जिससे ऐसा प्रतीत हो रहा था कि अपराधी को मौके से जो कुछ मिला उसी को लूट कर फरार हो गया। श्रीचंद्र मित्तल के दोनों पेर लकवाग्रस्त थे इस कारण से उन्हे केयरटेकर की आवशयकता पड़ती थी और उनकी पुत्री जो कि उनके पास के ही दूसरी बहुमंजिला ईमारत में ही रहती थी, ने बताया कि दो दिन पहले पिताजी ने एक केयरटेकर रखा था जो कि दो माह पहले भी काम कर चुका था। उसका पता लगाने के लिये पुलिस द्वारा एक टीम बनाकर अपोलो डीबी सिटी के सीसीटीबी कैमरों को खंगालना प्रारम्भ किया तो दो व्यक्ति जिनके चेहरे और नाम स्पष्ट नहीं हो रहे थे जिनको संदिग्ध के रूप में चिन्हित किया। समस्त तकनीकी संसाधनों का अत्यंत कुद्गालता से उपयोग करते हुए आरोपीगणों के संबंध में सटीक जानकारी प्राप्त की गयी। पुलिस थाना लसूडिया टीम द्वारा आने जाने वाले लोगों के रजिस्टर को देखने के बाद सुरेश नाम के एक व्यक्ति का श्रीचंद्र मित्तल के यहॉआना पाया गया। लगातार विवेचना एवं क्राईम ब्रॉच द्वारा किए गए प्रयासो के फलस्वरुप सात दिवस उपरांत अपराधी को पकडने में सफलता मिली। पूछताछ में मुखय आरोपी मनोज उर्फ बबलू चौधरी पिता भरत लाल चौधरी निवासी बी 75 बीनानगर सुखलिया ने बताया कि वह घटना दिनांक से दो माह पूर्व अगस्त माह में 6,7,8 अगस्त को खजराना के अबरार के माध्यम से श्रीचंद्र मित्तल के यहॉ गया था फिर उसके बाद वह काम छोड दिया था इस बीच इसका सम्पर्क अपने पुराने साथी धर्मेंद्र राजपूत पिता शिनारायण राजपूत निवासी बरवा खुर्रम थाना तलैन जिला राजगढ से हुई। दोनों तीन साल पहले शाजापुर में रिलायंस के टॉवर में काम करते हुए सम्पर्क में आये थे। दोनों ने मिलकर पैसे कमाने के उद्देश्य से यह अपराधिक योजना बनाई और उनकी योजना यह थी कि ऐसी जगह काम डाला जाये जहॉ पर उन्हे काफी पैसे मिले। मनोज चौधरी जो कि पूर्व में भी पुलिस थाना कोतवाली इंदौर में लूट का एक गम्भीर अपराध घटित कर चुका था, ने मित्तल दम्पत्ति के यहॉ घटना करने की योजना बनाई घटना में प्रयुक्त चाकू धर्मेंद्र ने उपलब्ध कराया इसी योजना के तहत दोनों 04 नबम्बर को मित्तल दम्पत्ति के यहॉ पहुचे और केयरटेकर कार्य करने की पुनः इच्छा जताई परंतु किसी के फ्लेट में आ जाने से धर्मेंद्र तत्काल फ्लेट से बाहर निकल गया तथा मनोज जो कि साथ में मिलकर अपराध करना चाहता था उस दिन घटना घटित करने की योजना कार्यरूप नहीं दे सका। वह भी कुछ देर बाद अपना केयरटेकर का कार्य करके निकल गया। अगले दिन मनोज अपने साथी धर्मेंद्र के साथ आया जरूर लेकिन उसे काफी पहले छोड दिया और फिर वह अकेले श्रीचंद्र मित्तल के यहॉ पहुॅचा दोनों दिन उसने अपना नाम रजिस्टर में सुरेश लिखा तथा गलत मोबाईल नम्बर एवं गलत पता रजिस्टर में दर्ज किया और घर के अंदर के जाकर श्रीचंद्र मित्तल को नित्य कर्म सम्पन्न कराया और इसी दौरान शांति देवी मित्तल दूसरे बेडरूम के बाथरूम में नहाने चली गई। इसी बीच लूट करने की नियत से मनोज ने श्रीचंद्र मित्तल की चाकू से प्राणघातक चोटें पहुचाकर हत्या कर दी। उसके बाद मनोज ने दूसरे बेडरूम के अलमारी की तलाशी लेने लगा तब तक शांति देवी खटपट की आवाज सुनकर बाथरूम से बाहर आ गई और उसे अलमारी चेक करने से रोका जिस पर से उसने शांति देवी मित्तल पर भी चाकू से प्राणघातक चोटें पहॅुचाई जिससे वह गिर गई और मनोज दूसरेकमरे की तलाशी लेने पहॅुच गया। उसी समय घायल शांति देवी उस कमरे तक पहॅुची फिर इसने घायल शांतिदेवी पर निर्दयतापूर्वक पुनः प्रहार किया और वह गिर पडी। मनोज उन्हे खींचकर जिस कमरे में श्रीचंद्र मित्तल की हत्या की थी वहॉ पहॅुचा दिया और जो भी सामान ओैर रूपये उसे मिले वह लेकर वहॉ से तेजी से निकल गया। उसके बाद वह बाहर आकर अपने साथी धर्मेंद्र से मिला और भमोंरी स्थित शराब दुकान पर गये और वहॉ शराब पिया फिर बस से दोनो उज्जैन गये वहॉ अपने-अपने रिश्तेदारों के यहॉ रूके तथा एक दिन बाद पुनः मिले और इंदौर आये वहॉ से फिर दोनों वापस निकल गये। आरोपी मनोज अलग-अलग शहरो में फरारी काटते हुए जब उन्हे लगा कि मामला ठण्डा पड रहा है तो यह वापस देवास होते हुए इंदौर आ रहा था देवास मे इसका साथी धर्मेंद्र भी इसे मिल गया वहॉ से दोनों जब इंदौर आ रहे थे तो उन्हे अरंडिया के पास से पुलिस ने पकड लिया। अपराधीगणों ने उक्त हत्याकाण्ड को करना कबूल किया तथा उनसे घटना में लूटा गया केनन कम्पनी का केमरा, 2 मोबाईल फोन एवं घटना में प्रयुक्त चाकू एवं नगदी जब्त किए गए। आरोपी मनोज को बिना किसी वेरीफिकेशन एवंजानकारी लिए बगैर मित्तल दम्पत्ति को भेजने वाले सर्विस प्रोवाइडर M-S SYZYGY HOSPITALITY AND CARE PVT LTD, 287
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PANI KI TANKIके विरुध्द कार्यवाही की जाएगी ।
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