Thursday, September 29, 2016

दस हजार का इनामी ठग क्राइम ब्रांच की गिरफ्त में, जियोनी कंपनी के लाखों रूपयों की मोबाइल ठगी में सवा साल से था फरार



इन्दौर-दिनांक 29 सितम्बर 2016-इन्दौर शहर में अपराध एवं अपराधियों पर नियत्रंण हेतु, उप पुलिस महानिरीक्षक इंदौर शहर श्री संतोष कुमार सिंह द्वारा फरारी एवं इनामी बदमाशों की धरपकड़ के लिए निर्देशित किया गया था। उक्त निर्देश के तारतम्य में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक क्राइम ब्रांच श्री विनय प्रकाश पाल के मार्गदर्शन में क्राइम ब्रांच इंदौर की टीम ने करीब सवा साल से फरार दस हजार रूपये के इनामी ठग राजेश पिता सैम्युअल जार्ज को पकड़ने में सफलता प्राप्त की है।
पुलिस थाना अपराध शाखा पर फरियादी जिओनी कंपनी के डिस्ट्रीब्यूटर तिरूपति सेलकाम वाले प्रशांत अग्रवाल ने रिपोर्ट की थी कि, श्याम जैसवार पिता खेमचंद्र नाम का व्यक्ति फरियादी से जिओनी कंपनी के 118 मोबाइल फोन ठगकर फरार हो गया है। प्रकरण में घटना के बाद से ही फरार श्याम जैसवार नि. माली मोहल्ला को पकड़ा गया जिसने अपने साथ इस आपराधिक षड़यंत्र में शामिल संतोष गुप्ता पिता रामचरण गुप्ता नि. बाणगंगा, प्रभात उर्फ रिंकू जार्ज नि. श्यामनगर एवं राजेश पितासैम्युअल जार्ज के नाम बताये थे। इसमें से शेष की गिरफ्तारी हो चुकी थी परंतु राजेश जार्ज करीब सवा साल से पुलिस को चकमा देकर फरार था। जिसकी गिरफ्तारी हेतु इन्दौर पुलिस द्वारा दस हजार का इनाम घोषित किया गया था। क्राइम ब्रांच की टीम द्वारा खातीपुरा चौराहा के पास से मुखबिर सूचना पर आरोपी राजेश जार्ज को पकड़ा गया। प्रारंभिक तौर पर पूछताछ में आरोपी राजेश जार्ज ने बताया कि वह पहले मामूली ड्रायवर था। उसका एक परिचित उसे मोबाइल एवं कम्प्यूटर व्यापार की लाइन में लाया था और इसी परिचित ने राजेश को ठगी करना सिखाया था। धीरे-धीरे वह इस काम में निपुण हो गया तो राजेश ने बडा काम करने का फैसला लिया। चूकि ड्रायवरी में ज्यादा कमाई नहीं थी और वह अकेले अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो सकता था  इसलिए उसने अपने साथ अपने लड़के रिंकू उर्फ प्रभात, टेलरिंग का काम करने वाले श्याम जैसवार एवं मोबाइल व्यापारी संतोष गुप्ता को अपने साथ मिलाया और व्यापारी को ठगकर फरार हो गया। यहा से ठगी करके वह दिल्ली भाग गया था जहा पर उसने संतनगर में बुजुर्ग दम्पित्त के यहां किराये का मकान लेकर केवल इसलिए शरण ली ताकि भोला बनकरबुजुर्गो का विश्वास जीत सके और फरारी काट सके।

जब क्राइम ब्रांच की टीम राजेश के दिल्ली वाले ठिकाने पर पहुची तो वह वहा से भी फरार हो गया। क्राइम ब्रांच को आरोपी राजेश जार्ज के बारे में पता लगा कि दिल्ली में भी राजेश जार्ज ने कम्प्यूटर एसेसरीज एवं मोबाइल की दुकान खोली थी। क्राइम ब्रांच को ऐसा अनुमान है कि आरोपी राजेश जार्ज ने दिल्ली के लोगो के साथ भी ठगी की होगी। अपनी फरारी के दौरान ठगे गये रूपयों में से 25000/- सालाना प्रीमियम की एक बीमा पालिसी भी ले ली थी। आरोपी राजेश इतना शातिर है कि काम पड़ने पर ही अपने परिचितो विशेषकर लड़कियों से बात करता था और बात करने के बाद अपना फोन स्विच आफ कर लेता था। खाली समय में फेसबुक पर अपने बेटे के बराबर उम्र की लड़कियों से चैटिंग करता था। गौरतलब है कि इसी मामले में आरोपी राजेश जार्ज का लड़का प्रभात उर्फ रिंकू जार्ज को पहले ही पकड़ा जा चुका है। यह दोनो बाप बेटे इंदौर शहर में किराये के मकान बदल बदल कर रहते थे ताकि अपने आपराधिक मंसूबो को अंजाम दे सकने के बाद पुलिस की पकड़ से दूर रह सकें। इसी वजह से इंदौर में इनका कोई स्थाई ठिकाना नहीं है। पकड़े जाने परराजेश से पूछा कि जब उसका लड़का रिंकू जार्ज पकड़ा गया था तो उसने उसकी जमानत के प्रयास क्यों नहीं किये तो राजेश ने बताया कि वह एक लड़की के प्यार में पागल है इस कारण अपने बेटे रिंकू की तरफ ध्यान ही नहीं दे पाया। प्रकरण में आज दिनांक तक 60 मोबाइल जप्त हो चुके है तथा 58 मोबाइल सेट की बरामदगी शेष है। आरोपी से पूछताछ जारी है जिसमें और भी लोगो के नाम सामने आने की संभावना है।


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