Monday, August 22, 2016

इन्दौर पुलिस के आरक्षकों ने बचाईं तीन नागरिकों की जान



इन्दौर-दिनांक 22 अगस्त 2016-इन्दौर पुलिस के थाना हीरानगर के आरक्षकों द्वारा अपनी सक्रियता एवं संवेदनशीलता का परिचय देते हुए, थाना क्षेत्र के तीन नागरिकों, जो कि अपनी पारिवारिक परेशानियों के कारण आत्महत्या का विचार बनाकर, प्रयासरत्‌ थे, उन्हे पुलिस द्वारा उचित समाझाईश व कार्यवाही करते हुए, उनकी जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।
पुलिस थाना हीरानगर पर पदस्थ आरक्षक विनोद पटेल एवं सुनील यादव को दिनांक 18.08.16 की रात्रि में 02.30 बजे गश्त के दौरान एक व्यक्ति परिवर्तित नाम विक्की निवासी मेघदूत नगर इन्दौर, चन्द्र गुप्त मोर्य चौराहा पर संदिग्ध अवस्था में दिखाई दिया। आरक्षको द्वारा उसे रोककर पूछताछ की तो उसने बताया कि मैं अपने ससुर व पत्नि से परेशान होकर ट्रेन से कटकर आत्महत्या करने जा रहा हूं। इस पर से दोनों आरक्षकों ने उसे समझा कर रोका और उसके भाई को फोन लगाकर बुलाया तथा विक्की को समझाईस देकर उसके भाई के सुपुर्द कर उसकी जान बचाई।
इसी प्रकार पुलिस थाना हीरा नगर के आरक्षक चेतन सिसोदिया तथा मनोज पटेल ने दिनांक 21.08.16 को दिन में करीब01.00 बजे बीट भ्रमण के दौरान एक महिला परिवर्तित नाम गरिमा निवासी सी सेक्टर सुखलिया इन्दौर को रेल्वे ट्रेक एम.आर. 10 ब्रिज के पास रोते हुए देखा तो उससे पूछताछ की गयी। जिस पर उसने बताया की मैं अपने पति से झगड़ा कर परेशान होकर ट्रेन से कटकर आत्महत्या करने जा रही हूं। इस पर से दोनों आरक्षकों ने उसके पति को फोन लगाकर बुलाया तथा गरिमा को समझाईस देकर उसके पति के सुपुर्द कर उसकी जान बचाई।
ऐसे ही एक और प्रकरण में, पुलिस थाना हीरा नगर के आरक्षक प्रमोद शर्मा व आरक्षक रेवाशंकर चौहान को दिनांक 21.08.16 को रात्रि में 11.00 बजे बीट भ्रमण के दौरान एक व्यक्ति परिवर्तित नाम राजेन्द्र निवासी गौरीनगर इन्दौर द्वारा अपने ही घर में दरवाजा बंद कर गैस की नली खोलकर माचिस से आग लगाकर आत्महत्या करने का मन बना रहा था, जिसकी सूचना उसके द्धारा 100 नम्बर पर की गई, जिसकी खबर उक्त दोनों आरक्षकों को मिलने पर, उनके द्वारा घटना स्थल पर तत्काल पहुंचकर आस पडोसियों एवं उसके मौसा को बुलाया तथा राजेन्द्र को समझाईस देकर उसके मौसा के सुपुर्द कर उसकी जान बचाई।
पुलिस थाना हीरा नगर के आरक्षकों विनोद पटेल, सुनील यादव,चेतन सिसोदिया, मनोज पटेल, प्रमोद शर्मा तथा रेवाशंकर चौहान द्वारा सक्रियता एवं संवेदनशीलता के साथ त्वरित कार्यवाही करते हुए, तीन आम नागरिकों की जान बचाने में अहम भूमिका रही है।

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