Friday, August 19, 2016

पूर्व विधायक की भाभी श्रीमती सावित्री यादव के अंधे कत्ल का पर्दाफाश, आरोपी पुलिस थाना बाणगंगा की गिरफ्त में


इन्दौर-दिनांक 19 अगस्त 2016-पुलिस थाना बाणगंगा द्वारा 17.08.16 को हुए, पूर्व विधायक श्री रामलाल यादव की भाभी श्रीमती सावित्री यादव केअंधे कत्ल का पर्दाफाश कर, आरोपी को पकड़ने में सफलता प्राप्त की है।
दिनांक 17.08.16 को पुलिस थाना बाणगंगा पर सूचना प्राप्त हुई कि, पूर्व विधायक श्री रामलाल यादव की भाभी सावित्री यादव की अपने घर के कमरे मे हत्या हो गई है। उक्त सूचना प्राप्त होने पर तत्काल पुलिस घटना स्थल पर पहुचकर परिजनो से पूछताछ करते उन्होने बताया कि आज 17.08.16 को प्रातः 7 बजे सावित्री यादव अपने कमरे से सोकर नही निकली तो बहू एवं लड़को ने कमरे मे देखा तो, वह खून से लथपथ पड़ी थी, जिन्हे अस्पताल पहुंचाने पर, मृत घोषित किया गया। मृतिका के सिर पर हथियारो के गहरे घाव के निशान थे तथा कान के नीचे व पीठ पर भी चोटों के निशान पाये गये। उक्त घटना पर पुलिस थाना बाणगंगा द्वारा अपराध क्र. 668/2016 धारा 302 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना मे लिया गया।
उक्त घटना को गंभीरता से लेते हुए, पुलिस उप महानिरीक्षक इन्दौर शहर श्री संतोष कुमार सिह व्दारा शीघ्र इस अंधेकत्ल का पर्दाफाश कर अपराधियों की गिरफ्तारी के निर्देश दिये गये। उक्त निर्देश के तारतम्य में पुलिस अधीक्षक पूर्व इन्दौर श्रीमती मोनिका शुक्ला एवं अति. पुलिस अधीक्षक पूर्व जोन-1 श्री राकेश सिहके मार्गदर्शन में नगर पुलिस अधीक्षक परदेशीपुरा श्री अजय जैन के नेतृत्व में थाना प्रभारी बाणगंगा विनोद दीक्षित व उनकी टीम गठित कर, शीघ्र उक्त हत्याकांड के आरोपियों का पता लगाकर, उन्हे तत्काल गिरफ्तार करने के लिये आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये। 
पुलिस टीम द्वारा परिजनों व आसपास के लोगो से पूछताछ करते हुए, प्रकरण में सभी बिन्दुओं पर विवेचना व घटना स्थल का निरीक्षण के आधार पर, प्रकरण में किसी परिचित का हाथ होनें की शंका हुई। पुलिस टीम द्वारा इस तथ्य को ध्यान मे रखते हुऐ, हर आने-जाने वालों पर नजर रखी गई व उनके समस्त क्रिया कलापों कि जानकारी प्राप्त की गई। पुलिस द्वारा विवेचना के दौरान लगातार परिचितो व करीबी नौकरो एवं सभी संबधित परिचितो से पूछताछ की जा रही थी, तभी घटना स्थल के सामने रहने वाले नौकर मोहन पिता नगीना, जो कि करीब 16 वर्ष से काम कर रहा था उसकी गतिविधियां संदिग्ध प्रतित हुई। पुलिस द्वारा उससे सखती से पूछताछ की गई तो, वह कई प्रकार की कहानी सुनाता रहा किन्तु बाद मे उसने स्वीकार किया कि उसने ही सावित्री देवी की हत्या की है। उसने बताया कि उसकी पत्नी के चार बच्चे है, जिसमे दो बच्चे पहले पति केहै तथा दो बच्चे स्वंय के है। दिनांक 16.08.16 को उसके बच्चे बीमार थे और उसके पास पैसो की कमी थी। मोहन मात्र 150 रुपये प्रतिदिन कमाता था, उसके पास बच्चे के ईलाज के पैसे नही थे और जो पैसे उसने कमाये थे, वह उसकी शराब पी गया था। ईलाज के पैसे नही होने से उसने नशे मे अपने पास एक उस्तरा जिससे वो स्वंय दाड़ी बनाता था व एक राड़ जो बगीचे के काम मे आती थी, उसे लेकर बैल के पेड़ से मृतिका के कमरे तक पहुंचा, मृतिका अक्सर कमरा खुला रख कर सोती थी। आरोपी पैसे प्राप्त करने की नियत से कमरे के अंदर घुसा किन्तु मृतिका के खांसने व पहचाने के कारण आरोपी ने मृतिका के सिर मे राड़ से वार किया व उस्तरे से चोटें पहुचाई व उतरकर भाग गया। इस प्रकार आरोपी ने पैसे के लालच मे मृतिका कि हत्या कर दी, जिसे पुलिस द्वारा पकड़ा गया।
आरोपी मोहन पिता नगीना नाई पूर्व मे 2001 मे नकबजनी के प्रकरण में पुलिस थाना बाणगंगा से बन्द होकर 05 वर्ष की सजा काट चुका है। आरोपी मुखयतः बैलगाडा चलाकर मजदुरी करता है तथा उसी से जीवन यापन करता है।

उक्त अंधे कत्ल का पर्दाफाश कर, अरोपी को पकड़ने में वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शनमें थाना प्रभारी विनोद दीक्षित, सउनि राजकुमार भदौरिया तथा आर. घनश्याम सिह चौहान का महत्वपूर्ण एवं सराहनीय योगदान रहा।


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