इन्दौर-दिनांक 26 अगस्त 2015-
यातायात पुलिस इन्दौर द्वारा आज दिनांक 26.08.2015 को
गुजराती समाज ए.एम.एन. इग्लिश मीडियम स्कूल इन्दौर में ''यातायात शिक्षा एवं अपराध रोकथाम कार्यक्रम''
का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुखय
आतिथि अति. पुलिस महानिदेद्गाक इन्दौर ज़ोन इन्दौर श्री विपिन माहेश्वरी, द्वारा किया गया। इस दौरान पुलिस अधीक्षक पूर्व
इन्दौर श्री ओ.पी. त्रिपाठी, अतिरिक्त पुलिस
अधीक्षक यातायात श्री पंकज श्रीवास्तव, अति.पुलिस अधीक्षक, पूर्व जोन-1 श्री राजेश सहाय, नगर पुलिस अधीक्षक विजय नगर श्री विपुल श्रीवास्तव, एवं उप पुलिस अधीक्षक यातायात श्री विक्रम सिंह
रघुवंशी तथा अन्य पुलिस अधिकारीगण भी
उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में स्कूल के लगभग 100 बच्चे शामिल हुये। इस दौरान यातायात पुलिस द्वारा यातायात
के नियमों की जागरूकता हेतु शिक्षाप्रद फिल्में दिखाई गई। इसके उपरान्त बच्चों
द्वारा जिज्ञासावश प्रश्न पूछे गये, जिनके यातायात अधिकारियों द्वारा बडी सहजता से उत्तर दिये गये।
प्रमुख प्रश्न निम्नानुसार है :-
प्रश्न क्र. 1 मीडिया यदि गलत रिपोर्ट देरही है तो आप इसके
विरुद्ध रिपोर्ट क्यों नही करते?
उत्तर ऐसा नही है, किन्तु कई बार मीडिया खबर को सनसनीखेज बनाने के
लिये सही खबर पर प्रकाशन नही कर पाती और कई बार व्यक्ति विशेष की सोच से प्रभावित
हो जाती है ।
प्रश्न क्र. 2 ''जूनियर्स सीनियर्स को देखकर करते है ऐसा स्कूल
में सिखाते है। सीनियर को देखकर जूनियर
सीखते है तथा रिश्वत भी कैटेगरी वाईज ली जाती है किसी से कम किसी से अधिक ऐसा
क्यों ? चालान किसी से 100 किसी से 500 ?
उत्तर यह बात सही है जुनियर्स सीनियर्स
से सिखते है पर ऐसा सभी जगह संभव नही है ।
यदि आप लोग ऐसे किसी भी पुलिस वालों को अनैतिक रूप से अवैध राशि की मांग
करते देखे को तत्काल हमें सीटीजन कॉप, 100 नम्बर, 1073 यातायात हेल्प
लाईन, फेसबुक या फोटो खीचकर
हमें सूचित कर सकते है उस पर निश्चित रूप से कार्यवाही होगी ।
प्रश्न क्र. 3 प्रुफ के बिना पुलिस हमारी रिपोर्ट नही लिखती,
ऐसा क्यों ?
उत्तर जी हॉ, क्योंकि पुलिस के पास ऐसे कई लोग भी आते है, जो कि झूठ होते है या फिर जानबूझकर किसी दूसरे
को परेशान करना चाहते है, इसलिये घटना की
सत्यता की जांच किये बिना रिपोर्ट लिखना किसी सामान्य या सही आदमी के लिये गलत भी
हो सकता है ।
प्रश्न क्र. 4 एक सप्ताह पहले अखबार में आया था कि रोज पॉच
बच्चों का अपहरण हो रहा है, ऐसा क्यों ?
उत्तर हम लोग निरन्तर अपने कार्यो के
प्रति कटिबद्ध है जिसका परिणाम यह है कि 95 प्रतिशत अपहरण के प्रकरणों में पुलिस को सफलता मिल जाती है ।
प्रश्न क्र. 5 लोग पुलिस से डरते क्यों है ?
उत्तर इसी डर को समाप्त करने के लिये
हम लोग आपके समक्ष आये है । हम लोग भी आप
जैसे लोगो के बीच मे रहते है और वैसा ही व्यवहार करते है । पुलिस केवल अपराधियों के लिये सख्त होती है और
जिसने कुछ गलत नही किया हो उसे डरने की जरूरत भी नही है ।
प्रश्न क्र. 6 हेलमेट न लगाने के लिये फाईन लेते है, फिर भी कुछ लोग
नही लगाते है ? इनके लिये सख्त
नियम क्यों नही है ?
उत्तर कोई भी कानून या नियम हमारी
सुरक्षा को देखकर ही बनाया जाता है हम लोग जितना नियमों का पालन करेगे हमारी जीवन
उतना सुखमय होगा। कुछ लोग अपने जीवन के प्रति सजगता नही रखते है और फिर अनहोनी के
शिकार होते है। हमें स्वमेव होकर हेलमेट
को स्वीकार्य करना होगा न कि पुलिस के डर से
कार्यक्रम की समाप्ति पर
श्रृति जैन, रोहित चौधरी,
आशी जैन एवं तुषार जायसवाल को यातायात पुलिस
इन्दौर द्वारा पुरूस्कृत किया गया।
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