Friday, May 2, 2014

घर का नौकर ही चोर निकला, ढाई लाख के सोने के जेवर सहित गिरफ्‌तार

इन्दौर -दिनांक 02 मई 2014- पुलिस अधीक्षक-पश्चिम जिला इन्दौर श्री आबिद खान ने बताया कि दिनांक 26 अप्रेल 2014 को थाना सदर बाजार क्षेत्र के कुशल कॉम्पलेक्स के फ्‌लेट नं. 201 में प्रकाश मेहता के घर में रात्रि में खिड़की तोड़कर चोरी होने की रिपोर्ट थाने पर की गई थी। जिस पर से अपराध क्रं 151/14 धारा 457, 380 भादवि का पंजीबद्ध कर, घटना स्थल के निरीक्षण में पाया कि घर के बाहर का गेट का लॉंक सही बंद नहीं किया गया था एवं पीछे की खिड़की की उपर की चटकनी खुली थी, जिससे घटना किसी जान-पहचान के व्यक्ति द्वारा किये जाने की शंका हुई। घर वालो से पूछताछ की गई तो बताया कि उनके यहां नौकर सुखलाल काम करता है। नौकर सुखलाल से पूछताछ हेतु तलाश करने पर पता चला कि, सुखलाल एस.एन.जी. हॉस्पिटल में भर्ती है। वहां जाकर पूछताछ की गई तो सुखलाल ने बताया कि उसका रात में अज्ञात आटो रिक्शा से एक्सीडेन्ट हो गया है, जिससे मेरे हाथ कोहनी मे फ्रेक्चर एवं मुंह में चोट होने से आईसीयू में भर्तीहुआ हूॅ। नौकर सुखलाल को चोट होने से ज्यादा पूछताछ नहीं हो सकी, उसके अस्पताल से छुट्‌टी होने पर सखती से पूछताछ करने पर उसने बताया कि घटना के एक दिन पहले उसने गैस की टंकिया निकालने के लिये ताला खोला था तो गेट बंद करते समय उसने बीच वाला गेट अन्दर से खुला रखा व बाहर से कुंडी लगाकर मेन गेट पर ताला लगाकर चाबी मालिक को देकर चला गया था, फिर रात्रि में 10 बजे वापस आकर मैने बीच वाला दरवाजा खोलकर अन्दर गोदरेज की अलमारियों के लॉक को संडासी से तोड़कर जेवर चुराकर पीछे की खिड़की से पाईप के सहारे उतर रहा था तो मैं हड़बड़ाहट में नीचे गिर पड़ा, जिससे मुझे चोट आई, वहां से उठकर में मधुर कुरियर के पास अपने घर गया, वहां चोरी के जेवर रखकर, अस्पताल में एक्सीडेंट की कहानी बताकर भर्ती हो गया। 
            आरोपी सुखलाल पिता अमरा उर्फ अमृत परमार (25) निवासी ग्राम माण्डव थाना बरदा तह. सगवाड़ा जिला डूंगरपूर राजस्थान से एक सोने का हार तथा चार सोने की चूड़िया कीमत 2 लाख पचास हजार रूपयें की बरामद की गई है। आरोपी से अन्य चोरियों के संबंध में भी पूछताछ की जा रही है।
            इस कार्यवाही में अति. पुलिस अधीक्षक श्री विनय प्रकाशपॉल के निर्देशन में, थाना प्रभारी सदर बाजार एस.एस. यादव के नेतृत्व में थाने की टीम का अहम योगदान रहा।

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