Tuesday, March 18, 2014

झूठी निकली अपहरण की कहानी, स्वयं के पिता से 10 लाख रूपयें प्राप्त करने के लिये दोस्त के साथ रची थी झूठी कहानी

इन्दौर -दिनांक 18 मार्च 2014- दिनांक 14 मार्च 2014 को 10.50 बजे प्रज्ञा पति सुमित बैरागी निवासी 3380 ई सुदामानगर इंदौर के द्वारा थाने पर सूचना दी गयी कि उनके पति दिनांक 13.03.14 शाम 07.00 बजे मार्केट जाने का बोलकर गये थे जो अभी तक नही लौटे है। सूचना पर गुम इंसान क्रं. 12/14 पंजीबद्व कर जांच में लिया गया। गुमशुदा व्यक्ति सुमित बैरागी के पिता अरूण बैरागी ने थाने आकर बताया कि 14.03.14 को प्रातः 10.58 बजे उनके मोबाईल फोन पर सुमित के मोबाईल से किसी व्यक्ति द्वारा धमकी देते हुये 10 लाख रूपयें की मांग की तथा पैसे मिलने पर पैसे क्यो मांग रहे है सुमित ही बता देगा ऐसा कहा गया। सुमित के पिता अरूण के बयान पर अज्ञात व्यक्ति के विरूद्व अपहरण का प्रकरण पंजीबद्व कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान तकनिकी साधनों से विवेचना करते हुये गुमशुदा व्यक्ति सुमित व आरोपी को ज्ञात किया गया। गुमशुदा व्यक्ति सुमित बैरागी द्वारा पूर्व में अपहरण के बारे में यह बताया कि दिनांक 13.03.14 को आशाराम बापू चौराहा के पास जब यहमो.सा. से जा रहा था तब एक सफेद लाल बत्ती लगी फारचुन कार में दो व्यक्ति पता पूछने के लिये उसके पास आये व उस पर कुछ स्प्रे डालकर गाड़ी में डालकर ले गये। दो ढाई घण्टे बाद होश आया तो उसने अपने को किसी अंधेरे जंगल में पाया व उसे घेर कर 7-8 लोग बंदूक लेकर खड़े थे। बदमाशों के द्वारा उसके मोबाईल से उसके पिता को फोन कर पैसो की मांग की गयी। बदमाशों के द्वारा सफेद लूंगी व सफेद शर्ट काले रंग की कॉलर वाली पहने थे व बुंदेलखंडी भाषा में आपस में बात कर रहे थे, व मुझे लोहे के रॉड जिसमें रबड़ लगी थी से मारपीट करते रहे। दो दिन लगातार मुझे भूखा रखा मौका पाकर उनके चंगुल से छुटकर भागना बताया, बदमाशों के द्वारा उसे जबलपुर के पास कही जंगल में रखा व उसकी घड़ी कपड़े व दोनो मोबाईल फोन बदमाशों के द्वारा छिन लिये थे ऐसा सुमित ने बताया। 
              इस प्रकार मनगढ़त कहानी गुमशुदा व्यक्ति सुमित के द्वारा बतायी गयी, जांच के दौरान सुमित के दोस्तो परिचितों से पूछताछ करने पर दोपहर बाद राजवाड़ा में होने की जानकारी मिली। जिसकी तस्दीक करने पर सी.सी.टी.वी. कैमरे में एक लड़के के साथ सुमित को कपड़े की दुकान में देखागया, उस लड़के की पतारसी करने पर राजेश मेहरा नाम के लड़के की पहिचान हुयी। राजेश मेहरा के बारे में पता करने पर यह पता चला कि राजेश मेहरा अपने घर खरगोन जाने का बोलकर गया था। सुमित व राजेश से पृथक-पृथक पूछताछ करने पर यह पता चला कि उनके द्वारा अपहरण की कहानी पैसो की तंगी के चलते सुमित के द्वारा अपने दोस्त राजेश के साथ रची गयी थी व राजेश को 20 हजार रूपयें देने की बात निश्चित हुई थी व राजेश के द्वारा सुमित के फोन पर सुमित के पिता अरूण को 10 लाख रूपयों की मांग की जा रही थी व इन दोनों के द्वारा दिनांक 11 मार्च व 12 मार्च 2014 को प्लान बनाकर दिनांक 13.03.14 को शाम 07.00 बजे के लगभग सुमित, राजेश मेहरा के घर आकर अपनी मो.सा. स्पलेन्डर क्रं. एमपी-09/क्यूडी/3055 से आया व राजेश को लेकर राजवाड़ा पहुॅचा जहां से एक ब्ल्यू जिंस व एक टी शर्ट खुद के लिये सुमित ने खरीदी बाद में वहॉ से रवाना होकर पलासिया ट्रेड सेन्टर पहुॅचा जहॉ पार्किंग में अपनी मो.सा. लॉक कर ऑटो से सरवटे बस स्टैण्ड पहुॅचकर प्रायवेट बस से रात्री 11.00 बजे के लगभग भोपाल पहुॅचे। जहॉ बस स्टैण्ड के पास एक लॉज में सुमित के द्वारा एक अन्य व्यक्तिसुनिल की वोटर आईडी से सुनिल के नाम से इन्ट्री करायी गयी। दूसरे दिन 14.03.14 को जबलपुर जाने को रवाना हुये, जबलपुर जाने के लिये ट्रेन डेढ़ घण्टा लेट थी, भोपाल रेल्वे स्टेशन से सुमित के मोबाईल से राजेश मेहरा द्वारा बात कर पहली बार सुमित के पिता अरूण बैरागी को सुमित के अपहरण करने व 10 लाख रूपयें की मांग की गयी। सुमित व राजेश के द्वारा 14.03.14 को शाम 05.00 बजे रेल्वे स्टेशन पहुॅचकर पास के किसी होटल में सुमित के द्वारा अपनी आईडी बताकर दोनो वहॉ रूके। दिनांक 15.03.14 के प्रातः शनिवार को दूसरी बार राजेश के द्वारा सुमित के पिता अरूण को सुमित के मोबाईल से कॉल कर पैसे का इंतजाम कर सुमित के खाते में 12.30 बजे तक रूपयें ट्रांसफर करने की धमकी दी, बाद दोनों के द्वारा जबलपुर से रवाना होकर ईटारसी पहुॅचे व वहॉ श्री देवी होटल में राजेश के द्वारा इंट्री कर वहॉ रूके व सुमित के द्वारा अपने एसबीआई के एटीएम से चेक किया, उसके खाते में 05 लाख रूपयें ट्रांसफर हो गये थे। बाद में ये दोनो ईटारसी से बाय ट्रेन दिनांक 16.03.14 को रवाना होकर 11.00 बजे के लगभग भोपाल पहुॅचे और वहॉ से बाय बस इंदौर आये और बंगाली चौराहे पर उतर कर ऑटो से अपने-अपने घर चले गये। बाद में पुलिस के द्वारा पूछताछ में इस पूरी कहानी में यह पाया गया कि सुमित पिता अरूण बैरागी (27) निवासी 3380 ई सुदामा नगर के द्वारा अपहरण की झूठी साजिश रची गयी व सुनिल के वोटर आईडी का गलत उपयोग किया गया व राजेश के द्वारा फिरौती के लिये 10 लाख की मांग पर ना देने पर जान से मारने की धमकी दी गयी। 
            उक्त दोनो को धारा 182,211,419,386,120बी भादवि के तहत गिरफ्तार किया गया। सुमित के मेमोरेण्डम पर सुमित से सुनिल की वोटर आईडी व ट्रेड सेन्टर से सुमित की मो.सा. नं. एमपी-09/क्यूडी/3055 को जप्त किया गया व राजेश के मेमो पर राजेश के घर से सुनिल का बैग राजवाड़ा से खरीदे गये कपड़े व सुनिल के दोनो मोबाईल व घड़ी बरामद की गयी। सुमित व राजेश को न्यायालय में पेश कर पुलिस रिमाण्ड लिया जायेगा। 

No comments:

Post a Comment