Thursday, November 7, 2013

इंदौर पुलिस द्वारा क्राईम प्रिवेन्शन एजुकेशन प्रोग्राम




इन्दौर -दिनांक 07 नवम्बर 2013- आज दिनांक 07/11/2013 को चोईथराम स्कूल माणिकबाग रोड़ में इन्दौर पुलिस के व्दारा क्राईम प्रिवेन्द्गान एजुकेद्गान प्रोग्राम रखा गया था। इस कार्यक्रम में पुलिस महानिरीक्षक श्री विपिन माहेद्गवरी, पुलिस अधीक्षक पद्गिचम, श्री अनिल सिंह कुद्गावाह, अति.पुलिस अधीक्षक यातायात सुश्री अंजना तिवारी, अति. पुलिस अधीक्षक श्री विनय पॉल, यातायात के उप पुलिस अधीक्षक एवं थाना राजेन्द्र नगर  का स्टाफ उपस्थित रहा। स्कूल प्रबन्धन की ओर से वाईस प्रिन्सपल श्री मिश्रा एवं प्रद्गाासक श्री वलूची उपस्थित रहें।
कार्यक्रम का प्रारंभ दीप जलाकर किया गया, कार्यक्रम की रूपरेखा अति. पुलिस अधीक्षक यातायात सुश्री अंजना तिवारी व्दारा बताई गयी,तत्पद्गचात पुलिस अधीक्षक पद्गिचम श्री अनिल सिंह कुद्गावाह व्दारा बच्चों को संबोधित किया तथा यह बताया कि पुलिस के बारे मेंबच्चों को बचपन से ही विचार बनना शुरू हो जाते है। इसके पश्चात पुलिस महानिरीक्षक व्दारा बच्चों के प्रद्गनों के जवाब दिए गए।
प्रद्गन- बीआरटीएस का कन्सेप्ट क्या था, और इससे जनता को सुविधा क्यों नही मिली?
उत्तर-बीआरटीएस में अभी कई आधारभूत संरचना संबंधी समस्याऐं हैं इसलिए कन्सेप्ट अच्छा होने के बावजूदभी बहुत अच्छे फायदे नही मिले है-जैसे की पार्किंग कनेक्टिविटी आदि।
प्रद्गन- जब बीआरटीएस बना था तब उसमें सिर्फ बस ही चलती थी और अब बस के अलावा अन्य वाहन भी चलते है क्या यह बस बिना बीआरटीएस लेन के नही चल सकती थी? 
उत्तर- पब्लिक ट्रान्सपोर्ट सिस्टम को बेहतर बनाने के लियें, ईन्धन की बचत बरने के लियें, पब्लिक ट्रान्सपोर्ट सिस्टम की ओर लोगो को प्रेरित करने के लियें,यह सिस्टम बनाया गया था,इसमें कुछ कमिया है जिन्हें सुधारने का प्रयास किया जा रहा है।
प्रद्गन-कई बार हमें मिडिया से पता चलता है कि पुलिस भ्रष्टाचार करती है?
उत्तर- यह केवल पुलिस की समस्या नही है यह सोसायटी की भी समस्या है। ऐसी द्गिाकायत मिलने पर कठोर कार्यवाही की जाती है व सर्विस से हटाने की कार्यवाही भी की जाती है।
प्रद्गन- वाहन चालक नियमों का पालन जब तक करते है जबतकचौराहें पर पुलिस रहती है। उसके बाद नियम तोड़ने लगते है,उन्हें चालान का भय रहता है स्वयंप्रेरित होकर नियम का पालन नही करते?
उत्तर- 95 प्रतिद्गात जनता कानून का पालन नही करती है सिविक सेन्स डेव्हलप होना बहुत जरूरी है। ट्राफिक रूल्स आपकी सेफ्टी के लिये बनाये गये है, हमें उनका पालन करना चाहिये यह नही देखना चाहिए कि वहा पर पुलिस है कि नही है।
प्रद्गन- आई-बस पर विकलांग(हेन्डीकेप्ट )व्यक्ति कैसे पहुॅचेगा जबकी बस स्टाप पर पहुॅचने के लियें रास्ता ही नही है?
उत्तर- हम इस समस्या को आई-बस संचालित करने करने वालो को बतायेंगे।
प्रद्गन- वाहन चालक जेब्रा क्रासिगं पर अपने वाहन खड़े कर देते है, जिससे पद यात्रियों को असुविधा होती है?
उत्तर- ट्राफिक सेन्स के अभाव में इस प्रकार की गलतियॅा वाहन चालक करते है।
प्रद्गन- कई बार नकली पुलिस के व्दारा अपराध करने की द्गिाकायत मिलती है इसके बारे में क्या करना चाहिएं हम कैसे पहचाने कि ये नकली है या असली पुलिस है?
उत्तर- यदि आपको जरा सा भी सन्देह होता है तो आप 100 नम्बर डायल कर पुलिस को सूचना दे,बहुत जल्दी आपके पास पुलिस पहुॅचेगी आप तस्दीग कर सकते है।
प्रद्गन-पुलिस के पास जो उपकरण है वह काफी पुराने हैजब चन्दन नगर में कानून व्यवस्था स्थिति निर्मित हुई थी तब टीयर गैस काफी पुरानी उपयोग की गई थी?
उत्तर- पुलिस के पास आधुनिक उपकरण भी है और जहॅा तक टीयर गैस की बात है काफी लम्बे समय तक उपयोगी बनी रहती है, कई बार अपुष्ट जानकारी मिलने से आप भ्रंमित हो जाते है।
प्रद्गन- रिपोर्ट लिखते समय पुलिस सबके साथ एक जैसा व्यवहार क्यो नही करती?
उत्तर- रिपोर्ट दो प्रकार की होती है संज्ञेय अपराध एवं असंज्ञेय अपराध। असंज्ञेय अपराध में प्राथमिक रिपोर्ट के बाद अग्रिम कार्यवाही हेतु कोर्ट जाने की समझाईश दी जाती है,जिसका मतलव कई बार कार्यवाही नहीं करना लगा लिया जाता है।
प्रद्गन- नकली पुलिस के बारे में कई बार यह देखने में आया है कि जानकारी होने के बाद भी लोग इसका द्गिाकार हो जाते है क्या यह सम्मोहन का प्रभाव है?
उत्तर- इस संबंध में समय-समय पर जनता को सर्तक रहने के सन्देद्गा दिये जाते है कई बार जागरूक नागरिकों ने ऐसी घटना होने से रोका भी है।
प्रद्गन- पुलिस को कैसे ज्वाईन किया जा सकता है?
उत्तर- पुलिस फोर्स में प्रवेद्गा करने के 4 लेवल होते है ,सभी के लिए परीक्षा देना होता है,जैसे आरक्षक/उप निरीक्षक/डीएसपी/आईपीएस।
प्रद्गन-बहुत से लोग सीट बेल्ट नही लगाते /हेलमेट नही पहनते है, इस संबंध में पुलिस कार्यवाही नही करती है इसे कम्पलसरी होना चाहिए?
उत्तर-ट्राफिक के नियम आपकी सुरक्षा के लिए होते है हर नियम का पालन डण्डे के बल पर नही हो सकता,इसके लिए द्गिाक्षा के साथ-साथ ट्राफिक सेन्स का विकास होना भी बहुत जरूरी है।
प्रद्गन- गॉधी चौक पर जीरो टॉलरेंस जोन वापस शुरू क्यो नही किया जा सकता ।
उत्तर-किसी भी एक स्थान पर ज्यादा बल लगाकर कार्यवाही करना काफी आसान है लेकिन पुलिस के हटने के बाद वही गलती पुनः शुरू हो जाती है इसलियें एक ही स्थान पर ज्यादा व्यवस्था लगाने के स्थान पर पूरे क्षेत्र में आवद्गयकतानुसार बल लगाकर यातायात व्यवस्था सुनिद्गिचत करना चाहिए, आवद्गयकता पड़ने पर विद्गोष अभियान चलाया जाता है।
प्रद्गन- एक्सीडेन्ट के मामलों में लोग हेल्प नही करते,क्योकि उन्हे ऐसा लगता है कि पुलिस केस हो जायेगा दूर रहों?
उत्तर- पहले घायल की मदद करना चाहिए इससे किसी भी प्रकार से आपको तकलीफ नही होगी इसके लिये पुलिस आपको परेद्गाान नही करेगी।
प्रद्गन- इन्दौर में कितनी शराब की दुकाने है, उन्हे क्यो नही हटाया जा सकता ?
उत्तर- इसके लिए पृथक विभाग है जो इन्हेंनियंत्रित करता है जहा जनता का विरोध होता है वहा से इन्हें हटाने की कार्यवाही भी की जाती है।
प्रद्गन- यदि किसी के पास लायसेन्स नही हों ओर उसके घर में कोई बीमार हो तो गाड़ी चलाना पड़ती है,ऐसे में उसे गाड़ी चलाने की छूट होना चाहिए?
उत्तर- यह संभव नही है संबंधित व्यक्ति एम्बुलेंस बुलवा सकता है या किसी अन्य की मदद ली जा सकती है।
प्रद्गन- जब पुलिस विना नम्बर की गाडी का चालान बनाती है तो रसीद नही देती ओर जब उनसे यह कहा जाता है कि आगे किसी ने रोक ली तो क्या कहा जायेगा तो कहते है लिम्का-लिम्का कह देना?
उत्तर- इस प्रद्गन के जबाव में डीएसपी श्री अरविन्द तिवारी ने प्रद्गनकर्ता से पूछा ऐसा आपने देखा,आपके साथ हुआ है या आपने सुना है? तब विद्यार्थी व्दारा बताया गया कि उनके व्दारा सुना गया है। विद्यार्थी को बताया गया कि चालान कानूनी प्रकिया के तहत बनाये जाते है सुनी सुनाई बात पर विद्गवास न करते हुये अपने अधिकारों को जाने और यदि कोई गलत करता है तो उसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दे।
   इसके अलावा लडको के चालान अधिक बनते है लड़कियों के कम, पुलिस कर्मचारियों की फिटनेस, हेलमेट एवं ई-चालान के बारे में भी प्रद्गनपुछेगये जिनके जबाव मोैके पर ही दिये गये। हेमलेट के प्रश्न पर एक बच्चे का कहना था कि मेरे पापा तो हेलमेट पहनते है लेकिन दूसरों के लिये क्या करें, जवाब में बतलाया गया कि इसी प्रकार की भावना सभी में रहे और स्वप्रेरित रहे, तो समस्या स्वतः समाप्त हो जाएगी । 
कार्यक्रम की समाप्ति पर अच्छे प्रद्गन पुछने वाले 3 बच्चों को पुरूस्कृत किया गया जिनके नाम कुमारी प्रियांशी पोरवाल, कुणाल जोद्गाी एवं सौम्या अजमेरा है। आभार प्रदर्शन सौम्या अजमेरा द्वारा किया गया ।

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