Monday, March 25, 2013

अंधे कत्ल का खुलासा फरियादी ही निकला आरोपी पति ने सुपारी देकर कराई पत्नी की हत्या




इन्दौर -दिनांक 25 मार्च 2013- पुलिस उपमहानिरीक्षक इंदौर श्री राकेश गुप्ता ने बताया कि एक चर्चित हत्या काण्ड में बाणगंगा पुलिस को एक बहुत उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई है। दिनांक 19.01.2012 को एस.ए.एफ. का आरक्षक लवकेश राजपूत अपनी पत्नी और बच्चे के साथ रात्रि में फिल्म देखकर जब लोैट रहा था, तो पोलो ग्राउण्ड माल गोडाउन के समीप दो अज्ञात हमलावरों ने उक्त आरक्षक और उसकी पत्नी पर हमला कर मोटरसायकल लूटकर फरार हो गये थे। फरियादी आरक्षक लवकेश राजपूत जो एस.ए.एफ का आरक्षक है और आर.ए.पी.टी.सी. में ड्‌यूटी करता है, उसकी रिपोर्ट पर थाना बाणगंगा में अपराध क्रमांक 75/12 धारा 394, 34 भादवि एवं बढ़ाने धारा 397 भादवि का मामला अज्ञात आरोपियों के विरूद्ध दर्ज हुआ था। प्रकरण में दिनांक 24.01.2012 को फरियादी की घायल पत्नी जयन्ती बाई की ईलाज के दौरान मृत्यु हो गई। उक्त प्रकरण में आरोपियों का कोई सुराग नहीं लगा था। पिछले दिनों लंबित प्रकरणों की समीक्षा के दौरान अंधे कत्ल के मामले की गंभीरता को देखते हुये पुलिस उपमहानिरीक्षक, इन्दौर श्री राकेश गुप्ता एवं पुलिस अधीक्षक, जिला इन्दौर (पूर्व) श्री ओ.पी. त्रिपाठी के मार्गदर्शन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री दिलीप सोनी एवं नगर पुलिस अधीक्षक श्री राजेश दण्डोतिया की टीम ने इस अंधे कत्ल को चुनौती के रूप में लेकर मामले की नये सिरे से खोजबीन शुरू की, जिसमें एक चौंकाने वाली कहानी सामने आई है। अनुसंधान में यह तथ्य आया है, कि लवकेद्गा राजपूत ने ही सुपारी देकर अपनी पत्नी की हत्या कराई थी। लवकेश राजपूत की वर्ष 1998 में नौकरी लगी थी, यह मूलतः (मेैनवारा) ललितपुर का निवासी है, वर्ष 2003 में खरगापुर (टीकमगढ़) की जयन्तीबाई से इसकी शादी हुई थी। पिछले कुछ वर्षों से पति-पत्नी का संबंध ठीक नहीं था और रोज-रोज झगड़े होते थे। आरोपी आरक्षक का ममेरा भाई मनमोहन राजपूत भी इन्दौर में आकर लवकेद्गा और उसकी पत्नी के साथ रहने लगा था, इसके कारण भी पति-पत्नी के बीच आपसी झगड़ा होता था। एक बार उक्त मनमोहन पुनः आरक्षक लवकेद्गा के घर गेहूं लेकर आ गया, जिससे पुनः पति-पत्नी के बीच विवाद हुआ, बाद में पति-पत्नी का राजीनामा भी हो गया था। इस बीच वैवाहिक विज्ञापन के द्वारा आरोपी लवकेद्गा काबेगमगंज जिला रायसेन में रहने वाली एक महिला द्गिाक्षिका से संपर्क हुआ और धीरे-धीरे इनकी नजदीकियां बढ़ने लगी और उस महिला के प्रेम में दीवाना होकर आरक्षक ने उस महिला से शादी करने का फैसला कर लिया, लेकिन इसकी राह में रोढ़ा बनने वाली अपनी पत्नी को रास्ते से कैसे हटाया जाये, इसके लिये योजना बनाने लगा और इसी सिलसिले में उसने प्रथम वाहिनी के पास राजश्री टेलर के राजू कुद्गावाह से चर्चा किया और सुपारी देकर हत्या का षडयंत्र रचा, राजू टेलर के द्वारा इस काम के लिये एक लाख रूपये की मांग की गई, जो 60,000/- रूपये में मामला तय हो गया, तब दोनों ने जाकर जगह का चुनाव किया और पोलो ग्राउण्ड रेल्वे गोडाउन के सामने की जगह घटना के लिये उपयुक्त मानकर उसको तय किया, इसके साथ-ही आरोपी आरक्षक ने अपनी पत्नी के नाम से एक एल.आई.सी. की पॉलिसी भी ले ली, ताकि पत्नी की हत्या के बाद आरक्षक आर्थिक लाभ ले सके। पूरी योजना बनाकर आरोपी लवकेद्गा ने रूपये 40,000/- राजू टेलर को एडवांस के रूप में दे दिये। दिनांक 19.01.2012 की रात्रि में आरोपी योजनाबद्ध तरीके से अपनी पत्नी को लेकर मंगलसिटी में फिल्म दिखाने ले गया, जहां पर इन लोगों ने 4084(नसरूद्‌दीन शाह की) फिल्म देखी, फिल्म से निकलने पर आरक्षक लवकेद्गा ने फोन से राजू टेलर को सतर्क कर दिया, कि हम अब निकल रहे हैं, इसके बाद पोलोग्राउण्ड तरफ जाने के स्वभाविक मार्ग से हटकर वह भागीरथपुरा तरफ से पत्नी को लेकर के गया, जहां नियत स्थान पर पहुंचकर उसने गाड़ी खड़ी करके वाथरूम के बहाने थोड़ी दूरी पर हट गया और इतने में आरोपी राजू टेलर अपने भांजा धर्मेन्द्र कुद्गावाह के साथ जो पहले से वहां खड़ा था जिन्होंने आरक्षक को पूर्व योजना अनुसार पैरों पर हल्के से मारा और गिरा दिया और महिला के सिर पर घातक प्रहार किया एवं मोटरसायकल लेकर भाग गये। महिला को घायल अवस्था में एमव्हायएच भर्ती कराया गया और आरक्षक लवकेद्गा राजपूत की रिपोर्ट पर थाना बाणगंगा में लूट का मामला दर्ज कर लिया गया, इस प्रकार आरक्षक लवकेद्गा ने फर्जी कहानी गढ़कर लूट की रिपोर्ट थाने में दर्ज करा दी । एमव्हायएच में ईलाज के दौरान महिला की हालत में जब सुधार होने लगा, तो लवकेद्गा को चिन्ता होने लगी, कि महिला बच जायेगी, तब उसने राजू टेलर से संपर्क किया, तो उसने महिला की ड्रिप में इंजेक्द्गान के रूप में पानी डाल देने का सुझाव दिया, आरोपी आरक्षकने ड्रिप में पानी इन्जेक्ट किया, लेकिन उससे कोई फर्क नहीं पड़ा, तब उसने फिर से राजू टेलर से संपर्क किया, तब राजू टेलर ने उसे गेहूं में डालने वाला जहरीला इंजेक्द्गान लाकर दिया, तब मौका देखकर आरोपी लवकेद्गा ने नई ड्रिप लगाने के लिये रखी गई बॉटल में उस इंजेक्द्गान को इंजेक्ट कर दिया, जब वह बॉटल दिनांक 23.01.2012 को महिला को लगाई गई, तो उसके बाद उसकी तबियत बिगड़ने लगी, जिससे महिला को एमव्हायएच से सीएचएल अपोलो रेफर किया गया, जहां उपचार के दौरान 24.01.2012 के अपरान्ह में उक्त महिला की मृत्यु हो गई। महिला की मृत्यु के बाद पुलिस की विवेचना चलती रही । बाद में आरोपी आरक्षक ने एलआईसी के क्लेम के लिये संपर्क किया, तो पुलिस की खात्मा रिपोर्ट की मांग की गई, इससे आरोपी के द्वारा थाने पर खात्मा रिपोर्ट के लिये जब संपर्क किया गया, तो उससे पुलिस को संदेह हुआ और बाद में अत्यन्त सूक्षमता से अनुसंधान करने पर इस अंधे कत्ल का खुलासा हुआ है। इसमें वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व में थाना प्रभारी, बाणगंगा श्री योगेद्गा सिंह तौमर और उनकी टीम के उप निरीक्षक उपेन्द्र सिंह सेंगर, आरक्षक संतोष चोटी, आरक्षक घनद्गयाम ने बहुत हीसराहनीय योगदान दिया है ।

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