इन्दौर -दिनांक 24 जुलाई 2012- प्रभारी जिला लोक अभियोजक अधिकारी श्री सिद्दीक खान ने बताया कि माननीय नवम अपर सत्र न्यायाधीश महोदय श्री सुरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव साहब इंदौर द्वारा थाना हीरानगर के सत्र प्रकरण क्रमांक 555/2010 में निर्णय पारित करते हुये प्रकरण के आरोपी 1. टोना उर्फ राजेन्द्र गौतम पिता रविन्द्रसिंह गौतम (25) निवासी 12 गौरीनगर इंदौर, 2. पप्पी उर्फ पपिया उर्फ विकास उर्फ योगेश राठौर पिता चम्पालाल राठौर (22) निवासी 244 न्यू गौरी नगर इंदौर, 3. सचिन उर्फ सलमान उर्फ गोलू चौहान पिता विजयसिंह चौहान (38) निवासी पुराना गौरीनगर इंदौर तथा 4. विजय कुशवाह पिता कमल कुशवाह (24) निवासी अंजली नगर इंदौर को धारा 302,34 भादवि के आजीवन कारावास एवं 1000 रूपयें के अर्थदण्ड से तथा धारा 450 भादवि के अंतर्गत छ-छ वर्ष के सश्रम कारावास एवं 100-100 रूपयें के अर्थदण्ड तथा धारा 394,397 भादवि के अंतर्गत 8-8 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 100-100 रूपयें के अर्थदण्ड से धारा 25(1-बी)(बी) सहपठित धारा 4 आर्म्स एक्ट में 01-01 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 100-100 रूपयें केअर्थदण्ड से दंडित किया गया।
आरोपी सचिन उर्फ सलमान को धारा 376 भादवि के अंतर्गत 10 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 100 रूपयें के अर्थदण्ड से दंडित किया गया।
आरोपी शंकर को धारा 414 भादवि के अंतर्गत 03 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 100 रूपयें के अर्थदण्ड से दंडित किया गया है। आरोपी कैलाश को धारा 212 भादवि के अंतर्गत 03 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 100 रूपयें के अर्थदण्ड से दंडित किया गया।
संक्षिप्त में घटना इस प्रकार है कि दिनांक 11/04/2010 को किशोरीलाल मालाकार निवासी क्लर्क कॉलोनी एक्स इंदौर द्वारा रिपोर्ट दर्ज करायी थी कि उनके मामा का लड़का राजेश मालाकार, पत्नि सुनीता एवं बच्चे हार्दिक एवं नंदन उर्फ वंदन के साथ में 46 क्लर्क कॉलोनी एक्स में निवास करता था, उसी मकान में, राजेश किराना की दुकान एवं बीमा का काम भी करता था। सूचना मिली थी कि कोई भी सोकर नही उठा है तब उनके द्वारा वहा जाकर दरवाजा नही खुलने से ऊपर छत पर चढ़कर देखते चारो तरफ खून फैला हुआ था एवं सभी के शरीर पर हथियारों से चोट होकर सभी की मृत्यु हो गयी थी।
उक्त प्रकरण में तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री डी.श्रीनिवास राव, तत्कालिन पुलिस अधीक्षक श्री मकरंद देउस्कर, तत्कालिन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री महेशचंद जैन, तत्कालिन नगर पुलिस अधीक्षक श्री जयवीर सिंह भदौरिया एवं तत्कालीन थाना प्रभारी हीरानगर बी.पी.एस. परिहार, एफएसएल टीम प्रभारी ज्यैष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. सुधीर शर्मा एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण घटना स्थल पर अविलंब पहुॅचे, एफएसएल अधिकारी द्वारा वैज्ञानिक, भौतिक साक्ष्यों का संकलन कराया गया।
प्रकरण का अनुसंधान वरिष्ठ अधिकारियों, क्राईम ब्रांच की टीम एवं तत्कालिन नगर पुलिस अधीक्षक श्री जयवीरसिंह भदौरिया की टीम द्वारा करते विवेचना के दौरान मुखबिर की सूचना के आधार पर विजय कुशवाह को पकड़ा गया तथा पूछताछ की गई तो उसने अपने साथियों के साथ मिलकर मकान की रैकी करने तथा शराब पीकर छत के रास्ते उतरकर घर में घुसना तथा लूट व हत्या कारित करना बताया। आरोपियों को गिरफ्तार कर, थाना हीरानगर द्वारा विवेचना पश्चात् चालान न्यायालय पेश किया गया था।
आरोपीगणों द्वारा लूट कारित करने के लिये संयुक्त तौर पर संम्प्रक्त हुये एवं सुनिता मालाकर के साथ सामूहिक बलात्संग कारित किया था एवं तद्उपरांत इनके द्वारा चाकू से राजेश, सुनीता, हार्दिक एवं वंदन की हत्या कारित की थी।प्रकरण में शासन पक्ष की ओर से पैरवी श्री एम.एल. बागोरा, अतिरिक्त लोक अभियोजक इंदौर द्वारा की गयी।
आरोपी सचिन उर्फ सलमान को धारा 376 भादवि के अंतर्गत 10 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 100 रूपयें के अर्थदण्ड से दंडित किया गया।
आरोपी शंकर को धारा 414 भादवि के अंतर्गत 03 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 100 रूपयें के अर्थदण्ड से दंडित किया गया है। आरोपी कैलाश को धारा 212 भादवि के अंतर्गत 03 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 100 रूपयें के अर्थदण्ड से दंडित किया गया।
संक्षिप्त में घटना इस प्रकार है कि दिनांक 11/04/2010 को किशोरीलाल मालाकार निवासी क्लर्क कॉलोनी एक्स इंदौर द्वारा रिपोर्ट दर्ज करायी थी कि उनके मामा का लड़का राजेश मालाकार, पत्नि सुनीता एवं बच्चे हार्दिक एवं नंदन उर्फ वंदन के साथ में 46 क्लर्क कॉलोनी एक्स में निवास करता था, उसी मकान में, राजेश किराना की दुकान एवं बीमा का काम भी करता था। सूचना मिली थी कि कोई भी सोकर नही उठा है तब उनके द्वारा वहा जाकर दरवाजा नही खुलने से ऊपर छत पर चढ़कर देखते चारो तरफ खून फैला हुआ था एवं सभी के शरीर पर हथियारों से चोट होकर सभी की मृत्यु हो गयी थी।
उक्त प्रकरण में तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री डी.श्रीनिवास राव, तत्कालिन पुलिस अधीक्षक श्री मकरंद देउस्कर, तत्कालिन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री महेशचंद जैन, तत्कालिन नगर पुलिस अधीक्षक श्री जयवीर सिंह भदौरिया एवं तत्कालीन थाना प्रभारी हीरानगर बी.पी.एस. परिहार, एफएसएल टीम प्रभारी ज्यैष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. सुधीर शर्मा एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण घटना स्थल पर अविलंब पहुॅचे, एफएसएल अधिकारी द्वारा वैज्ञानिक, भौतिक साक्ष्यों का संकलन कराया गया।
प्रकरण का अनुसंधान वरिष्ठ अधिकारियों, क्राईम ब्रांच की टीम एवं तत्कालिन नगर पुलिस अधीक्षक श्री जयवीरसिंह भदौरिया की टीम द्वारा करते विवेचना के दौरान मुखबिर की सूचना के आधार पर विजय कुशवाह को पकड़ा गया तथा पूछताछ की गई तो उसने अपने साथियों के साथ मिलकर मकान की रैकी करने तथा शराब पीकर छत के रास्ते उतरकर घर में घुसना तथा लूट व हत्या कारित करना बताया। आरोपियों को गिरफ्तार कर, थाना हीरानगर द्वारा विवेचना पश्चात् चालान न्यायालय पेश किया गया था।
आरोपीगणों द्वारा लूट कारित करने के लिये संयुक्त तौर पर संम्प्रक्त हुये एवं सुनिता मालाकर के साथ सामूहिक बलात्संग कारित किया था एवं तद्उपरांत इनके द्वारा चाकू से राजेश, सुनीता, हार्दिक एवं वंदन की हत्या कारित की थी।प्रकरण में शासन पक्ष की ओर से पैरवी श्री एम.एल. बागोरा, अतिरिक्त लोक अभियोजक इंदौर द्वारा की गयी।
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