इन्दौर -दिनांक 14 मई 2012- अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक देहात क्षेत्र श्री पद्मविलोचन शुक्ल ने बताया कि दिनांक 03.05.12 को चोरल कालाकुण्ड रोड ग्राम रतवी जंगल में अज्ञात व्यक्ति की सिर कुचली हुई लाश मिली थी, थाना सिमरोल पर पुलिस द्वारा अज्ञात आरोपियों के विरूद्ध धारा 302, 201 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना मे लिया गया। मृतक की पहचान तीसरे दिन मांगूदास वैरागी निवासी बेटमा के रूप मे तब हुई जब उसका लड़का रवीन्द्र थाना बेटमा पर अपने पिता की गुमशुद्गी की रिपोर्ट लिखाने पहुंचा। रवीन्द्र को जिला अस्पताल बुलाकर मृतक की शिनाखत कराई गई तो उसने अपने पिता मांगूदास वैरागी के रूप में की।
मृतक के पास मोबाईल नही पाया गया था परन्तु जब उसके मोबाईल फोन कॉल डिटेल निकलवाई गई तो उसका मोबाईल फोन चालू पाया गया। थाना प्रभारी सिमरोल अजीत कुमार पटैल, सउनि एन के रघुवंशी तथा उनकी टीम द्वारा गहन छानबीन तथा विवेचना के दौरान यह बात सामने आई कि मृतक मांगूदास वैरागी अय्याश किस्म का व्यक्ति था जिससे उसके परिवार के सदस्य भी परेशान थे। पुलिस द्वारा विभिन्नतथ्यों के आधार पर उसके पुत्र रवीन्द्र से विस्तृत पूछताछ की गयी तो उसने अपने पिता की हत्या करना स्वीकार किया।
पुलिस द्वारा विस्तृत पूछताछ करने पर रवीन्द्र ने बताया कि उसने अपने जीजा श्यामदास वैरागी के माध्यम से राहुल खत्री, राहुल भोई तथा कमल बड़गुन्दा को 45 हजार रूपये की सुपारी देकर हत्या करवाई थी। श्यामदास द्वारा उक्त तीनों लड़को तथा मांगूदास वैरागी को बेटमा से मारूति वेन से चोरल के जंगलों में ले जाया जाकर बबूल की लकड़ियों से पीट-पीटकर मांगूदास वैरागी की हत्या कर दी तथा लाश की पहचान छुपाने के लिये चेहरे को पत्थरों से कुचल दिया था। पुलिस द्वारा उपरोक्त सभी आरोपियों 1. रवीन्द्र पिता मांगूदास वैरागी (22) निवासी बेटमा 2. श्यामदास पिता रामदुलारीदास (49) निवासी सदर 3. राहुल पिता राजू खत्री (22) निवासी सदर 4. राहुल पिता कैलाद्गा भोई (20) निवासी सदर तथा कमल पिता जादूलाल वर्मा (21) निवासी सदर को गिरफ्तार कर मारूति वेन तथा सुपारी में दिये गये 25 हजार रूपये जप्त किये गये।
मृतक के पास मोबाईल नही पाया गया था परन्तु जब उसके मोबाईल फोन कॉल डिटेल निकलवाई गई तो उसका मोबाईल फोन चालू पाया गया। थाना प्रभारी सिमरोल अजीत कुमार पटैल, सउनि एन के रघुवंशी तथा उनकी टीम द्वारा गहन छानबीन तथा विवेचना के दौरान यह बात सामने आई कि मृतक मांगूदास वैरागी अय्याश किस्म का व्यक्ति था जिससे उसके परिवार के सदस्य भी परेशान थे। पुलिस द्वारा विभिन्नतथ्यों के आधार पर उसके पुत्र रवीन्द्र से विस्तृत पूछताछ की गयी तो उसने अपने पिता की हत्या करना स्वीकार किया।
पुलिस द्वारा विस्तृत पूछताछ करने पर रवीन्द्र ने बताया कि उसने अपने जीजा श्यामदास वैरागी के माध्यम से राहुल खत्री, राहुल भोई तथा कमल बड़गुन्दा को 45 हजार रूपये की सुपारी देकर हत्या करवाई थी। श्यामदास द्वारा उक्त तीनों लड़को तथा मांगूदास वैरागी को बेटमा से मारूति वेन से चोरल के जंगलों में ले जाया जाकर बबूल की लकड़ियों से पीट-पीटकर मांगूदास वैरागी की हत्या कर दी तथा लाश की पहचान छुपाने के लिये चेहरे को पत्थरों से कुचल दिया था। पुलिस द्वारा उपरोक्त सभी आरोपियों 1. रवीन्द्र पिता मांगूदास वैरागी (22) निवासी बेटमा 2. श्यामदास पिता रामदुलारीदास (49) निवासी सदर 3. राहुल पिता राजू खत्री (22) निवासी सदर 4. राहुल पिता कैलाद्गा भोई (20) निवासी सदर तथा कमल पिता जादूलाल वर्मा (21) निवासी सदर को गिरफ्तार कर मारूति वेन तथा सुपारी में दिये गये 25 हजार रूपये जप्त किये गये।
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