इन्दौर -दिनांक 08 जनवरी 2012- अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पद्गिचम जोन-2 श्री राकेद्गा कुमार सिंह ने बताया कि थाना अन्नपूर्णा पर दिनांक 10/10/11 को सूचना प्राप्त हुई कि पटवारी लवकुमार बैरागी उम्र 40 वर्ष निवासी सूर्यदेवनगर इंदौर 09/10/11 को रात्रि 08.00 बजे से अपनी मोटर सायकल एमपी-09 एमबी/6146 सहित गायब है। जिस पर से थाना अन्नपूर्णा पर गुमइंसान क्रमांक 76/11 दर्ज कर तत्काल जांच में लिया गया। जांच के दौरान नंदकिद्गाोर कद्गयप से पूछताछ के दौरान पता लगा कि पटवारी लवकुमार बैरागी का अपहरण किया गया है एवं उसकी हत्या कर दी गई है एवं लाद्गा को उज्जैन के पास गंभीर नदी के डेम में फेंका गया है। नंदकिद्गाोर कद्गयप, भानुप्रताप सिंह राठौर उर्फ बापजी, निर्मल सिंह आंजना, अनुराग, राजेन्द्र मधुराज, अरूण शुक्ला आदि सभी लोग शामिल थे। जिस पर से दिनांक 18/10/11 को अपराध क्रमांक 646/11 धारा 364,302,34 भादवि कायम किया जाकर विवेचना में लिया गया एवंआरोपियों को गिरफ्तार किया गया किन्तू घटना दिनांक से ही घटना का मुखय आरोपी एवं कर्ताधर्ता, भानुप्रताप सिंह राठौर उर्फ अवद्युत भास्करानंद उर्फ बापजी महाराज फरार था।
घटना संवेदनद्गाील होकर चिन्हित अपराधों की श्रेणी में रखी गयी थी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक इंदौर श्री ए.साई मनोहर के द्वारा फरार आरोपी की गिरफ्तारी सुनिद्गिचत कराने हेतु प्रकरण पर विद्गोष निगाह रखी जा रही थी एवं दिन प्रतिदिन की प्रगति के बारे में नगर पुलिस अधीक्षक अन्नपूर्णा एवं थाना प्रभारी अन्नपूर्णा से जानकारी मांगी जा रही थी व आवद्गयक निर्देद्गा लगातार दिये जा रहे थे। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, पद्गिचम जोन-2 राकेद्गा सिंह को भी प्रकरण पर निगाह रखने के लिये निर्देद्गा दिये गये थे, जिन्होने सीएसपी अन्नपूर्णा दिलीप सिंह तोमर को अपराधी को गिरफ्तार करने की जिम्मेदारी थी। नगर पुलिस अधीक्षक, अन्नपूर्णा दिलीप सिंह तोमर ने थाना प्रभारी, अन्नपूर्णा गौरीद्गांकर चडार को साथ लेकर अपराधी को पकड़ने के प्रयास तेज कर दिये।
सर्वप्रथम भानुप्रताप सिंह उर्फ बापजी के परिचितों एवं द्गिाष्यों की सूची तैयार की गई एवं उनके संबंध में जानकारी जुटाई गई कि किन लोगो से घटनासे पूर्व उसका ज्यादा मिलना जुलना था। पुलिस ने 8 व्यक्तियों को चिन्हित किया एवं उनका रिकार्ड खंगालना शुरू किया व प्राप्त सूचनाओं के आधार पर 3 व्यक्तियों को पुलिस ने चिन्हित किया जो फरारी में अपराधी की धन, छीपने के स्थान के रूप में मदद कर रहे थे एवं पुलिस की गतिविधियों की सूचना चिट्ठी पत्रों के माध्यम से बापजी तक पहुंचा रहे थे। पुलिस टीम ने इन चिन्हित व्यक्तियों पर निगाह रखने के लिए सादा वस्त्रों में इनके घरों के आसपास पुलिस कर्मचारी तैनात किये जिससे बाबा के संबंध में पुलिस को जानकारी मिलना शुरू हो गई। इसी तारतम्य में पता चला कि बाबा घटना के बाद सागर, इटारसी, ग्वालियर, बासवाड़ा, उदयपुर, कोटा, मुम्बई, बुंदी, नागदा, रतलाम में रहा है एवं बीच-बीच में उसका इन्दौर एवं उज्जैन आना-जाना होता है। पुलिस को राजस्थान से यह जानकारी भी प्राप्त हुई कि अपराधी ने अपना हुलिया बदल लिया है। दाड़ी, मुंछे एवं बाल सभी कटवा लिया है एवं अपना लिबास भी परिवर्तित कर पेंट शर्ट पहनने लगा है एवं नई पहचान के कागजात एकनाथ के नाम से तैयार करा लिये है। पुलिस द्वारा लगातार निगाह रखी जा रही थी। इसी बीच पुलिस को एक व्यक्ति हाथ लगा जोबाबा को सूचना पहुचाता था, उसने पूछताछ में बताया कि बाबा धार में है लेकिन निवास नही जानता है क्योकि जब भी वह पत्र बाबा को देने जाता है तो बाबा श्रीविहार कॉलोनी के बाहर ही सड़क पर उससे चिट्ठी ले लेता है। इस सूचना पर सउनि बाबू सिंह कुद्गावाह एवं प्रआर. राजेद्गा गौड़ को सादा वस्त्रों में धार भेजा गया इन्होने 2 दिन वहां रूककर जानकारी जुटाई कि श्रीविहार कॉलोनी में 2 किरायेदार नये आये है इस जानकारी से नगर पुलिस अधीक्षक अन्नपूर्णा श्री दिलीप सिंह तोमर को अवगत कराया और यह तथ्य पुलिस की जानकारी में पहले से था कि मृतक लवकुमार बैरागी का पैत्रक मकान भी उसी श्रीविहार कॉलोनी में है। इन सभी तथ्यो से वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री ए.साई मनोहर को अवगत कराया गया उन्होने तत्काल नगर पुलिस अधीक्षक, अन्नपूर्णा एवं थाना प्रभारी अन्नपूर्णा के नेतृत्व में रात्रि में ही एक टीम को धार रवाना किया गया जिसने प्रातः 04.00 बजे संदेही के निवास पर दबिद्गा देकर, भागने का प्रयास करते हुये आरोपी भानुप्रताप सिंह उर्फ बापजी को उसके निवास से वाहन एविएटर नंबर एमपी-13/एम.के. 2388 सहित गिरफ्तार किया। छिपने के स्थान की तलाद्गाी लेने पर 10 मोबाईल फोन, 10सिम कार्ड, 10 हजार 500 रूपयें नगद, पेन ड्राईव, लैपटॉप एवं अद्गलील फुटेज (ब्लू फिल्म) मिलें । संपूर्ण घटनाक्रम से वरिष्ठ अधिकारीयों को अवगत कराया गया। हिरासत में लिये गये आरोपी से पूछताछ के दौरान हत्या का कारण स्पष्ट हुआ -
भानुप्रताप सिंह राठौर उर्फ अवद्युत भास्करानंद उर्फ बापजी महाराज ने पटवारी लवकुमार बैरागी की पत्नी को दो वर्ष पूर्व अपनी द्गिाष्या बनाया था एवं उसके ऊपर आसक्त हो गया था और उसे फोन करता रहता था। जिस पर से पटवारी लवदास बैरागी का आरोपी से विवाद भी हुआ था। जिस कारण से आरोपी पटवारी को रास्ते से हटाना चाहता था, इस कारण उसने अपने साथियों के साथ मिलकर लवकुमार बैरागी का अपहरण कर हत्या की है। यह हत्या का उसका तीसरा प्रयास था इसके पूर्व भी दो बार वह पटवारी की हत्या का प्रयास कर चुका था जिसमें एक्सीडेंट की घटना को अंजाम दिया गया था जिसमें पटवारी बच गया था। जिसका अपराध थाना अन्नपूर्णा पर दुर्घटना के रूप में पूर्व से कायम है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पद्गिचम जोन-2 श्री राकेद्गा कुमार सिंह द्वारा गठित टीम ने दिलीप सिंह तोमर नगर पुलिस अधीक्षक अन्नपूर्णा के नेतृत्व में गौरीद्गांकर चडार, थानाप्रभारी अन्नपूर्णा, सउनि बी.एस. कुद्गावाह, प्रआर. राजेद्गा गौड़, आरक्षक श्याम सुदंर तिवारी, धर्मेन्द्र राठौर, ब्रजभूषण, अनिल को श्रीविहार कॉलोनी धार में कड़कड़ाती ठंड मे रैकी कर दबीद्गा देकर दस हजार रूपयें का इनामद्गाुदा फरार आरोपी भानुप्रताप सिंह राठौर उर्फ अवद्युत भस्करानंद उर्फ बापजी महाराज को हिरासत में लेकर वारदात का खुलासा किया है।
घटना संवेदनद्गाील होकर चिन्हित अपराधों की श्रेणी में रखी गयी थी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक इंदौर श्री ए.साई मनोहर के द्वारा फरार आरोपी की गिरफ्तारी सुनिद्गिचत कराने हेतु प्रकरण पर विद्गोष निगाह रखी जा रही थी एवं दिन प्रतिदिन की प्रगति के बारे में नगर पुलिस अधीक्षक अन्नपूर्णा एवं थाना प्रभारी अन्नपूर्णा से जानकारी मांगी जा रही थी व आवद्गयक निर्देद्गा लगातार दिये जा रहे थे। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, पद्गिचम जोन-2 राकेद्गा सिंह को भी प्रकरण पर निगाह रखने के लिये निर्देद्गा दिये गये थे, जिन्होने सीएसपी अन्नपूर्णा दिलीप सिंह तोमर को अपराधी को गिरफ्तार करने की जिम्मेदारी थी। नगर पुलिस अधीक्षक, अन्नपूर्णा दिलीप सिंह तोमर ने थाना प्रभारी, अन्नपूर्णा गौरीद्गांकर चडार को साथ लेकर अपराधी को पकड़ने के प्रयास तेज कर दिये।
सर्वप्रथम भानुप्रताप सिंह उर्फ बापजी के परिचितों एवं द्गिाष्यों की सूची तैयार की गई एवं उनके संबंध में जानकारी जुटाई गई कि किन लोगो से घटनासे पूर्व उसका ज्यादा मिलना जुलना था। पुलिस ने 8 व्यक्तियों को चिन्हित किया एवं उनका रिकार्ड खंगालना शुरू किया व प्राप्त सूचनाओं के आधार पर 3 व्यक्तियों को पुलिस ने चिन्हित किया जो फरारी में अपराधी की धन, छीपने के स्थान के रूप में मदद कर रहे थे एवं पुलिस की गतिविधियों की सूचना चिट्ठी पत्रों के माध्यम से बापजी तक पहुंचा रहे थे। पुलिस टीम ने इन चिन्हित व्यक्तियों पर निगाह रखने के लिए सादा वस्त्रों में इनके घरों के आसपास पुलिस कर्मचारी तैनात किये जिससे बाबा के संबंध में पुलिस को जानकारी मिलना शुरू हो गई। इसी तारतम्य में पता चला कि बाबा घटना के बाद सागर, इटारसी, ग्वालियर, बासवाड़ा, उदयपुर, कोटा, मुम्बई, बुंदी, नागदा, रतलाम में रहा है एवं बीच-बीच में उसका इन्दौर एवं उज्जैन आना-जाना होता है। पुलिस को राजस्थान से यह जानकारी भी प्राप्त हुई कि अपराधी ने अपना हुलिया बदल लिया है। दाड़ी, मुंछे एवं बाल सभी कटवा लिया है एवं अपना लिबास भी परिवर्तित कर पेंट शर्ट पहनने लगा है एवं नई पहचान के कागजात एकनाथ के नाम से तैयार करा लिये है। पुलिस द्वारा लगातार निगाह रखी जा रही थी। इसी बीच पुलिस को एक व्यक्ति हाथ लगा जोबाबा को सूचना पहुचाता था, उसने पूछताछ में बताया कि बाबा धार में है लेकिन निवास नही जानता है क्योकि जब भी वह पत्र बाबा को देने जाता है तो बाबा श्रीविहार कॉलोनी के बाहर ही सड़क पर उससे चिट्ठी ले लेता है। इस सूचना पर सउनि बाबू सिंह कुद्गावाह एवं प्रआर. राजेद्गा गौड़ को सादा वस्त्रों में धार भेजा गया इन्होने 2 दिन वहां रूककर जानकारी जुटाई कि श्रीविहार कॉलोनी में 2 किरायेदार नये आये है इस जानकारी से नगर पुलिस अधीक्षक अन्नपूर्णा श्री दिलीप सिंह तोमर को अवगत कराया और यह तथ्य पुलिस की जानकारी में पहले से था कि मृतक लवकुमार बैरागी का पैत्रक मकान भी उसी श्रीविहार कॉलोनी में है। इन सभी तथ्यो से वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री ए.साई मनोहर को अवगत कराया गया उन्होने तत्काल नगर पुलिस अधीक्षक, अन्नपूर्णा एवं थाना प्रभारी अन्नपूर्णा के नेतृत्व में रात्रि में ही एक टीम को धार रवाना किया गया जिसने प्रातः 04.00 बजे संदेही के निवास पर दबिद्गा देकर, भागने का प्रयास करते हुये आरोपी भानुप्रताप सिंह उर्फ बापजी को उसके निवास से वाहन एविएटर नंबर एमपी-13/एम.के. 2388 सहित गिरफ्तार किया। छिपने के स्थान की तलाद्गाी लेने पर 10 मोबाईल फोन, 10सिम कार्ड, 10 हजार 500 रूपयें नगद, पेन ड्राईव, लैपटॉप एवं अद्गलील फुटेज (ब्लू फिल्म) मिलें । संपूर्ण घटनाक्रम से वरिष्ठ अधिकारीयों को अवगत कराया गया। हिरासत में लिये गये आरोपी से पूछताछ के दौरान हत्या का कारण स्पष्ट हुआ -
भानुप्रताप सिंह राठौर उर्फ अवद्युत भास्करानंद उर्फ बापजी महाराज ने पटवारी लवकुमार बैरागी की पत्नी को दो वर्ष पूर्व अपनी द्गिाष्या बनाया था एवं उसके ऊपर आसक्त हो गया था और उसे फोन करता रहता था। जिस पर से पटवारी लवदास बैरागी का आरोपी से विवाद भी हुआ था। जिस कारण से आरोपी पटवारी को रास्ते से हटाना चाहता था, इस कारण उसने अपने साथियों के साथ मिलकर लवकुमार बैरागी का अपहरण कर हत्या की है। यह हत्या का उसका तीसरा प्रयास था इसके पूर्व भी दो बार वह पटवारी की हत्या का प्रयास कर चुका था जिसमें एक्सीडेंट की घटना को अंजाम दिया गया था जिसमें पटवारी बच गया था। जिसका अपराध थाना अन्नपूर्णा पर दुर्घटना के रूप में पूर्व से कायम है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पद्गिचम जोन-2 श्री राकेद्गा कुमार सिंह द्वारा गठित टीम ने दिलीप सिंह तोमर नगर पुलिस अधीक्षक अन्नपूर्णा के नेतृत्व में गौरीद्गांकर चडार, थानाप्रभारी अन्नपूर्णा, सउनि बी.एस. कुद्गावाह, प्रआर. राजेद्गा गौड़, आरक्षक श्याम सुदंर तिवारी, धर्मेन्द्र राठौर, ब्रजभूषण, अनिल को श्रीविहार कॉलोनी धार में कड़कड़ाती ठंड मे रैकी कर दबीद्गा देकर दस हजार रूपयें का इनामद्गाुदा फरार आरोपी भानुप्रताप सिंह राठौर उर्फ अवद्युत भस्करानंद उर्फ बापजी महाराज को हिरासत में लेकर वारदात का खुलासा किया है।
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