Thursday, September 2, 2010

फर्जी निकली हवाला की लूट

फरियादी ने ही रचा था षड़यंत्र ।
फरियादी के पास से निकले हवाला के रूपये ।

इन्दौर -दिनांक ०२ सितम्बर २०१०- पुलिस अधीक्षक (पूर्व/क्राईम) श्री मकरंद देउस्कर ने बताया कि दिनांक ३१/०७/१० को एम.जी. रोड़ के थाना क्षैत्रांतर्गत रहने वाले पियूष पिता कांजीभाई पटेल उम्र २३ साल निवासी प्रशांत होटल के पास पुराणिक प्लाजा जेलरोड़ इंदौर ने शाम के वक्त उसके घर में ३ अज्ञात बदमाशों द्वारा घुसकर उसको बाथरूम में बंद करने और लूट करने की कोशिश की तथा पैसा नहीं होने पर लूट नहीं कर सकने की रिपोर्ट की थी । जिस पर से थाना एम.जी. रोड़ पर अपराध क्रमांक ३८५/१० धारा ३९३ भादवि पंजीबद्व किया गया ।
    मामला संदेहास्पद होने से क्राईम ब्रांच अति. पुलिस अधीक्षक अरविन्द तिवारी को मामले की सही स्थिति मालूम करने हेतु निर्देश दिये गये इस पर से अति. पुलिस अधीक्षक अरविन्द तिवारी द्वारा उप पुलिस अधीक्षक जीतेन्द्रसिंह के निर्देशन में उप निरीक्षक सोमा मलिक एवं उनकी टीम के प्र.आर. जगदीश मालवीय ,आर. सुरेश मिश्रा ,आर. अरविन्द द्विवेदी ,आर. जीतेन्द्रसिंह परमार को लगाया गया । जिस पर टीम ने फरियादी पर संदेह होने से फरियादी पियूष पिता कांजीभाई पटेल को क्राईम ब्रांच लाकर मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ करने पर उसने बताया कि घटना की योजना स्वयं ने बनाकर उक्त घटना की रिपोर्ट थाना एम.जी. रोड़ पर की थी एवं उसने यह भी बताया कि यह कंपनी अहमदाबाद के रहने राजेश भाई की है जो रतनपोल ,तालूपोल जेवरी वार्ड में स्थित है और उसका इंदौर में ऑफिस पिछले नौ माह पूर्व से खुला है । कंपनी द्वारा उसे हेड बनाकर तीन अन्य स्टाफ के साथ भेजा गया था जो विगत आठ माह में पियूष द्वारा कंपनी का १९ से २१ लाख रूपया स्वयं ही खर्च लिया गया था जो उसे ३१/०८/१० को साल भर का हिसाब लेकर व २१ लाख रूपये लेकर अहमदाबाद जाना था परंतु उसके द्वारा स्वयं ही पैसा खर्च कर लिया गया था इसलिए उसने यह कहानी बनाई कि उसके एक अन्य साथी अंकित द्वारा उसे बाथरूम में बंद कर बाजार चला गया तब पियूष द्वारा बचाओ-बचाओ की आवाज कर चिल्लाने लगा । जब दूसरा स्टाफ वापस कमरे में लौटा तो उसने आवाज सुनकर उसे बाहर निकाला व आसपास व कंपनी में व पुलिस में बताया ताकि घटना सत्य लगे । उसके बाद प्रार्थी व उसके स्टाफ अंकित व छोटा पियुष से एम.जी. रोड़ में पूछताछ होती रही सभी अधिकारियों की पूछताछ में प्रार्थी द्वारा घटना उसके साथ घटित होना बताया गया ।
    प्रार्थी आरोपी पियूष पटेल द्वारा अपनी कंपनी में पूर्व में मुंबई भुवनेश्वर में अप्रेल २०१० को ११ लाख ५० हजार रूपया ,सूरत में दिनांक २९/०३/१० को ५१ लाख ८० हजार ,अहमदाबाद अदालत चौकड़ी में अप्रेल २०१० में ५७ लाख रूपये व पूना में जुलाई २०१० के अंतिम सप्ताह में १२ लाख रूपये की लूट आटो रिक्शा में लोगों द्वारा की जाने से प्रेरित होकर इस घटना को करने का प्लान आया कि घटना में आरोपी का पता नहीं चलने पर वह बच जायेगा । परंतु क्राईम ब्रांच की पूछताछ पर आरोपी फरियादी पियूष टूट गया व उसने स्वयं के द्वारा घटना घटित करना व हवाला का ५४८००० रूपया कमरे में छिपाकर रखना बताया ।     जिस पर पुलिस द्वारा उसके कमरे से रूपये लिए जाकर मय मुलजिम पियूष पिता कांजीभाई पटेल उम्र २३ साल निवासी धामवन तहसील विशनगर महषाणा गुजरात हाल प्रशांत होटल के पास पुराणिक प्लाजा जेलरोड़ इंदौर व अंकित पिता रमेशभाई पटेल उम्र १९ साल निवासी धामवन तहसील विशनगर महषाणा गुजरात हाल प्रशांत होटल के पास पुराणिक प्लाजा जेलरोड़ इंदौर को मय ५ लाख ४८ हजार रूपये के थाना एम.जी. रोड़ को अग्रिम कार्यवाही हेतु दिया गया ।     

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