Tuesday, August 17, 2010

महाराष्ट्र से चोरी गये नौ डम्फर एवं दो ट्रक, इन्दौर में पकडाये । फर्जी कागजात बनवाकर बैेचे गये थे।

इन्दौर -दिनांक १७ अगस्त २०१०- पुलिस अधीक्षक पूर्व श्री मकरंद देउस्कर ने बताया कि क्राईम ब्रान्च व्दारा चोरी के डम्फर एवं ट्रक पकडने में सफलता प्राप्त की गई है। पिछले २ माह से फर्जी कागजातों के आधार पर डम्फर बैचे जाने की सूचनाऐं प्राप्त हो रही थी। इस कार्य हेतु अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक  अरविन्द तिवारी एवं  डी.एस.पी. जितेन्द्र सिह के निर्देशन में उप निरीक्षक अनिलसिह चौहान को लगाया गया था । आरक्षक बशीर खान ने सूचना लाकर दी की पत्थर मुण्डला में सोहेल पिता सफी खान उम्र २८ साल नि. पत्थर मुण्डला इन्दौर के गैेरेज पर एक डम्पर खडा है जो चोरी के होने की आशंका है। इस पर डम्पर पर अकिंत इन्जन नम्बर, चैचिस नम्बर की जांच करते अस्पष्ट एवं खुदरे हुऐ पाये गये। अतः गैरेज मालिक सोहेल से गहन पूछताछ की गई तो बताया की अनुप पुराणिक, तथा गुरमुखसिह ने गाडी लाकर दी हैं । पूछताछ पर यह भी ज्ञात हुआ कि अनुप पुराणिक का एक ड्रायवर मदन पिता भिकुलाल वर्मा ४० साल नि. १०१ हुकुमचन्द्र कालोनी थाना मल्हारगंज इन्दौर नाम का है। उसे बुलाकर पूछताछ की तो बताया कि अनुप पुराणिक तथा गुरमुख सिह महाराष्ट्र से सस्ते दामो पर चोरी के डम्पर बुलाते थे जिसे ड्रायवर मदन लेकर आता था गुरूमुख सिह दस्तावेजो में हेराफेरी कर आरटीओ से नकली एनओसी के आधार पर दुबारा पंजीकृत करा लिया करते थे। डम्फरो के चेचिस नम्बर , इन्जन नम्बर, के माध्यम से आरक्षक सुरेश यादव, एवं सुरेश भतकारे, शैलेन्द्र पंवार को भेजकर गोपनीय रूप से जानकारी प्राप्त की गई तो ज्ञात हुआ की ये सभी डम्पर महाराष्ट्र से थाणे, नासिक, जलगॉव आदी जिलो से चोरी हुये है एवं कम्पनी से पता कराया तो सभी वाहनो के चैचिस नम्बर फर्जी होना पाये गये । इस प्रकार अभी तक जांच में कुल ११ जिसमें २ ट्रक व ९ डम्पर फर्जी कागजातो पर रजिस्ट्रर होना ज्ञात हुऐ है।  सोहेल ने बताया कि वह अनुप द्वारा लाई गई गाडियों में इन्जन नम्बर चैचिस नम्बर बदलने का काम अपने गैरेज पर करता था। आरोपी अनुप पुराणिक तथा गुरूमुख सिह के साथ सोहेल ने मिलकर कई गाडिया बिकवाई है। जिनकी जांच की जा रही है।
जांच से यह भी ज्ञात हुआ है कि उक्त गिरोह के मुखिया अनुप पुराणिक, तथा गुरूमुख सिह वर्ष २००५ से लगातार इस तरह की चोरी की गाडियो पर फर्जी कागजात के माध्यम से नागालेण्ड में रजिस्ट्रेशन कराते है। उस एनओसी के माध्यम से मध्य प्रदेश में पुनः रजिस्टे्रशन कराते है। पकडी गई गाडिया भी पहले नागालेण्ड में रजिस्टे्रशन कराया गया तथा पश्चात आरटीओ हरदा, उज्जैन, देवास, व इन्दौर आरटीओ में नाम परिवर्तन कराया गया । सभी डम्फर ५ से ७ लाख के आस-पास बैचे गये है। 
खरीददारों द्वारा जिनके पास वाहन चल रहे है। उनकी सूची निम्नानुसार है।

१.  एमपी-४१/एचए/०३०७ रमेश पिता पृथ्वी नि. बालगड देवास
२.  एमपी-४७/एच/०२२७ चुन्नीलाल पिता छगनलाल नि. शंकरपुर देवास
३.  एमपी-१३/जीए/१०५८ इमरान पिता शब्बीर नि. अब्दुल हकीम १०१ मदिनानगर इन्दौर
४. एमपी-१३/जीए/११४४ प्रकाश पिता गोमाजी नि. शंकरपुर देवास
५. एमपी-४१/एचए/०३२७ इमरान पिता शब्बीर शेख नि. १४५ सुभाषचौक मुखुचुग नागालेण्ड
६  एमपी-४७/एच/०२०१ लक्ष्मीनारायण पिता भागीरथसिह पटेल नि. सनावदिया इन्दौर
७  एमपी-४७/एच/०१९९ मनीष पिता लक्ष्मीनारायण नि. सनावदिया इन्दौर
८  एमपी-४७/एच/०२०३ जितेन्द्र पिता लक्ष्मीनारायण पटेल नि. सनावदिया इन्दौर
९  एमपी-४७/एच/०१८५ निशार पिता शफी नि. इन्दौर द्वारा बेचने पर वर्तमान में आजाम   
   उर्फ अज्जू  कबाडी विजय पैलेश दुकान ट्रान्सपोर्ट नगर इन्दौर जो फरार चल रहा है।
              उक्त खरीददारों की भूमिका की जांच की जा रही है। खरीददारों ने बताया कि उन्होने डम्फर के कागजातों की जांच संबंधीत आरटीओ से कराने के उपरान्त क्रय किये है। साथ ही कुछ गाडिया श्रीराम फायनेन्स कम्पनी, इण्डिया बुल्स फायनेन्स कम्पनी द्वारा फायनेंस कराई गई है। साथ -साथ सभी गाडियों के बीमें बीमा कम्पनी द्वारा किये गये है। जिसमें मुख्य नेशनल इंश्योरेन्स कम्पनी , यूनाईटेड कम्पनी, रिलायंस इंश्योरेन्स कम्पनी द्वारा बीमा किये गये है।
              फायनेंस कम्पनी तथा बीमा करने से पहले पूरी प्रक्रिया करते है। गाडी की जांच भौतिक रूप से सत्यापीत करते है। किन्तु वर्तमान में किसी भी गांडी पर कम्पनी द्वारा लगाई गई इन्जन नम्बर चैचिस नम्बर की प्लेट उपलब्ध नही है। बीमा कम्पनी तथा फायनेंस कम्पनी के संबंधीत व्यक्तियों की भूमिका की जांच की जा रही है।
              क्राईम बं्राच द्वारा मुम्बई क्राईम बं्राच की वाहन चोरी हेड में काम करने वाले अधिकारियों से चर्चा कर वाहनों की जानकारी भेजी गई है।
 

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