इन्दौर- दिनांक ०२ जून २०१०-पुलिस अधीक्षक (पश्चिम) श्री डी.श्रीनिवास वर्मा ने बताया कि दिनांक १२ दिसम्बर २००८ को शरदचन्द्र पिता बाबूलाल हार्डिकर निवासी ३१ जती कालोनी अपने घर पर अपनी पत्नी विजया व पुत्र भूपेन्द्र के साथ था रात १० बजे दरवाजा खटखटाने की आवाज आई, शरदचन्द्र ने खिडकी खोलकर देखा तो वहां पर एक व्यक्ति मुहॅ पर कपडा बांधे हुए खडा था, उस व्यक्ति ने कहा कि भूपेन्द्र को बाहर भेज दो शहर ने मना किया दिया तब उस व्यक्ति ने मग्गे मे भरा हुआ एसिड शरदचन्द्र के उपर फेंक दिया जो विजय के उपर भी गिरा इससे दोनो गम्भीर रूप से घायल हो गये जिन्हे उपचार हेतु अस्पताल ले जाया गया। दिनांक १२ दिसम्बर २००८ को शरदचन्द्र एवं दिनांक ९ फरवरी २००९ को विजया की मृत्यु हो गयी।पुलिस ने धारा ३०७,३०२ भादवि का प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना आरम्भ की, घटना के बाद से ही अज्ञात व्यक्तिस्थान बदल बदल कर लगातार धमका रहा था, परनतु एस.टी.डी. का नम्बर होने के कारण पहिचान नही हो पा रही थी, इसके अलावा वह व्यक्ति रजिस्टर मे अपना नाम गलत लिखाता था, पुलिस ने इन सभी एस.टी.डी. वालो से पूछताछ कर हुलिये का स्के्रच तैयार करवा लिया था, जो आरोपी की कदकाठी से मेल खाता था।आज दिनांक २ जून २०१० को भी आरोपी द्वारा बस स्टेण्ड एस.टी.डी. से फोन किया गया तो मृतको के परिजनो ने इसकी सूचना पुलिस को दी , पुलिस सारी एसटीडी जिनसे पहिले फोन किया गया था, सभी के पति ठिकाने लिये हुए थे, पुलिस तत्काल मौके पर पहॅुची, एसटीडी के बाहर निकलते ही संदिग्ध व्यक्तियो को हिरासत मे ले लिया, पहले उसने भागने की कोशिश की परन्तु जवानो ने उसका धर दबोचा।पूछताछ मे उसने अपना नाम संजय पिता रमेश चन्द गुप्ता (४१) निवासी ५२१ सुदामानगर इन्दौर बताया, पूछताछ मे सजय टूट गया और उसने पूरी कहानी पुलिस के सामने उगल दी, सजय ने बताया कि उसकी गणेश प्रिन्टर्स शिव मन्दिर के चौक मे दुकान है पास मे ही रहने वाला अमोल पिता दिलीप वालेकर उसका पारिवारिक मित्र है, अमोल बेरोजगार है इसलिये उसकी मदद करने के नाते पडोस में स्क्रिन प्रिन्टिंग की दुकान खुलवा दी। अमोल ने धोखा करते हुए संजय के ग्राहक तोड लिये, संजय ने ही दुकान खुलवाइ थी और उसी के ग्राहक तोडकर उसे ही अमोल के द्वारा आर्थिक क्षति पहुॅचाई गयी, इसलिये अमोल से बदला लेने की संजय ने ठान ली। चूॅकि अमोल पारिवारिक मित्र रहा है, अतः सीधा हमला करने पर पकडे जाने की पूरी सम्भावना थी इस लिये संजय ने अप्रत्यक्ष रूप से बदला लेने की योजना बनाई। संजय को मालूम पडा कि अमोल की बहन का रिश्ता भूपेन्द्र पिता शरदचन्द्र हार्डिकर से तय हो गया है इस रिश्ते को तुडवाकर अमोल से बदला लिया जा सकता है, संजय ने एसटीडीसे अमोल ओर भूपेन्द्र दोनो के परिवारो को फोनकर अनर्गल बाते कर अनुजा और भूपेन्द्र के चरित्र के बारे मे बताई, इससे भी रिश्ता न टूटने पर शादी होने पर परिणाम देखलेने की धमकी दी। जब संजय को भरोसा हो गया कि इनका रिश्ता टूटने वाला नही है तो फिर संजय ने तेजाब खरीदकर हार्डिकर दंपत्ति के उपर फेंक दिया जिससे उनकी मृत्यु हो गई, परन्तु उसके बाद भी जब रिश्ता नही टूटा तो फिर धमकाना आरम्भ किया और पुलिस ने दबोच लिया। पुुलिस ने आरोपी को ऐसिड बेचने वाले दुकानदार मिकुर पिता महेन्द्र शाह निवासी केमिटेड एक बादशाह चेम्बर के सामने जवाहर मार्ग की जॉच आरम्भ कर दी है। मृतक के परिजनो ने आरोपियो को पकडेजाने पर पुलिस टीम को नगद पुरूस्कार देने की घोषणा की है, पुलिस अधीक्षक पश्चिम द्वारा टीम को पूर्व घोषित ५००० रूपये इनाम दिया है। इस दोहरे हत्याकाण्ड का खुलासा निरीक्षक संजीव मूले, उप निरीक्षक हिंगवे, प्रधान आरक्षक हरद्धिार, आरक्षक ओमनारायण, तथा मनोज यादव की टीम द्वारा किया गया।
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