इन्दौर- दिनांक १३ मई २०१०- पुलिस अधीक्षक पश्चिम श्रीनिवास वर्मा ने बताया कि पुलिस थाना एरोड्रम पर श्रीमती चन्द्रकांता पति राधेश्याम सोनी नि. ५७ बी विद्वापैलेस द्धारा शिकायत की गयी की उसका पुत्र हरीश उम्र २२ वर्ष देर रात से घर से गया है। उसके बाद से ही नही लौटा है उसके फोन पर किसी लक्ष्मी नाम की लड़की का फोन आया था और उसी से मिलने का कह कर गया है। सूचना पर थाने पर गुमसुदगी कायम करते हुये मामले की जॉच आरम्भ की गयी पड़ोस मे रहने वाली लड़की लक्ष्मी पति देवेन्द्र सिंह उम्र ३२ वर्ष नि. ५१बी विद्यापेलेस कालोनी इन्दौर से पूछताछ की गई उसके द्वारा हरीश को अपने घर आना बताया। लक्ष्मी द्वारा बताया गया कि हरीश उससे रात को डेढ बजे उसके घर मिलने आया था, उसके आने पर उसके मकान मालिक प्रदीप पिता कृपालदत्त पाण्डे उम्र ५३वर्ष के द्वारा देख लेने पर दरवाजा बंद कर दिया गया और उसके पिता अमर बहादुर पुत्र माताबदर ठाकुर को बता दिया गया ।दोनो ने मिलकर हरीश को पकड लिया और हाथ पैर बांध कर मारपीट की, इसके बाद इन दोनों के द्वारा लक्ष्मी के पति देवेन्द्र पुत्र शिवबहादुरसिह को बुलाया गया जब देवेन्द्र ने आने से इंकार किया तो उसे बताया गया कि तुम्हारा ६ वर्ष का पुत्र बीमार है पुत्र की बीमारी के कारण देवेन्द्र घर आ गया ।
देवेनद्र ने पूछताछ मे बताया की उसकी शादी लक्ष्मीबाई से हुई थी परन्तु चरित्र पर शंका होने के कारण वह पत्नि से अलग रहता है लक्ष्मी से उसको ५ वर्ष का पुत्र भी है जो लक्ष्मी के साथ रहता है। घर आने पर उसे अमर बहादुर और प्रदीप पाण्डे द्वारा बताया गया कि हमने दूसरा दामाद पकड रखा है तो देवेन्द्र ने कहा कि शादी करा दो। देवेन्द्र ने बताया कि उसने हरीश को हाथ पैर बंधी हालत मे देखा है इसी दौरान लक्ष्मी के फुपेरे भाई दीपक पिता जगदीश उम्र ३४साल नि. ७ जंगमपुरा मालगज को भी बुला लिया गया ।
दीपक द्वारा बताया गया कि उसने घर पर देखा कि हरीश के हाथ पैर रस्सी से बांध रखे है तो पाण्डे ने बताया कि वह हमने रंगेहाथ चोर पकडा है दीपक ने बोला कि पुलिस को बता दो तो पाण्डे ने बोला की पुलिस को हम बतायेगें परन्तु उसने पुलिस को सूचना नही दी। अमरबहादुर और प्रदीप से हरीश के संबध मे पूछताछ करने पर बताया कि उन्होने हरीश को इंडिगो गाडी मे डालकर महॅू के पास जंगलों मे छोड दिया है । हरीश राजस्थान मे कहीं चला गया है । पुलिस द्वारा जंगल मे काफी तलाश करने के बाद भी हरीश का कोई पता नही चला इससे स्पष्ट हो गया कि ये दोनो पुलिस को गुमराह कर रहे है।
चूॅकि पुलिस को हरीश मिला नही था और न ही हरीश ने कोई सम्पर्क किया था हरीश के पेतृक व रिश्तेदारी के गॉव मे तलाश करने पर भी हरीश का पता नही चलने पर यह शंका भी थी कहीं इन्होने हरीश को मार दिया होगा । पुलिस के द्वारा आस पास के थानों व जिलों मे २४ घंटे के अन्दर मृत व्यक्तियो के संबध मे जानकारी प्राप्त करने पर पता चला कि थाना औकारेश्वर जिला खण्डवा मे हरीश के हुलिये से मिलती जुलती लाश मिली है । पुलिस टीम भेजकर जब वहॉ पर परिजनों से लाश की पहचान करायी जाने पर उसकी पहचान हरीओम हाथ पर लिखे होने से हरीश के रूप मे की गई ।
पुलिस द्वारा सघन पछताछ करने पर आरोपियों द्वारा अपना जुर्म कबूल कर लिया गया और पाण्डे के द्वारा बताया गया कि वह लक्ष्मी पर बुरी नजर रखता है और लक्ष्मी का किसी से बात करना उसे अच्छा नही लगता है। हरीश के रात मे लक्ष्मी के साथ रंगे हाथ पकडे जाने पर उन्होने उसको मारपीट कर बांध दिया और अपने मित्र शर्मा निवासी महॅू की इडिगा गाडी मे डालकर मोरटका के पास नदी मे फेंक दिया । आरोपियो द्वारा मौके पर जाकर घटना स्थल को सत्यापित कर दिया गया है । इसके अलावा शेष बची रस्सी को भी बरामद करा दिया गया है । पुलिस ने मामलें पर धारा ३४२,३६४,३६५,भादवि का प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया है शेष धाराओं की बढोतरी की जा रही है । शेष एक आरोपी वाहन चालक शर्मा कीे तलाश महॅू उसके निवास पर व इन्दौर मे की जा रही है । प्रकरण की पतारसी पुलिस अधीक्षक पश्चिम श्रीनिवास वर्मा एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अपराध श्री अरविन्द तिवारी मार्ग दर्शन मे नगर पुलिस अधीक्षक मल्हारगंज शैलेन्द्रसिंह चौहान थाना प्रभारी एरोड्रम महेश भार्गव सउनि मिश्रा ,आर.जितेन्द्र व मनोहर की टीम द्वारा थाना मल्हारगंज एवं सदरबाजार के स्टाप के सहयोग से की गई ।
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