Sunday, May 3, 2020

सैनिक तुम सीमा साधे रहना, हम भीतर देश बचाएंगे ।। तुम कसम निभाना सरहद पर, हम अपना नमक चुकाएंगे ।। उक्त ओजपूर्ण कविता से आर अमर चैहान ने किया इंदौर पुलिस में एक नये उत्साह का संचार



इन्दौर दिनांक 03 मई 2020 . वर्तमान समय में वैश्विक महामारी कोरोना से उत्पन्न इस विकट स्थिति में पुलिस बहुत ही चुनौतीपूर्ण एवं कठिन ड्यूटी कर रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए पुलिस महानिरीक्षक इंदौर जोन श्री विवेक शर्मा द्वारा पुलिस के मनोबल को बढ़ाने व उनमें सकारात्मकता लाने के लिये एक अभिनव प्रयास के तहत, प्रतिदिन इंदौर पुलिस एक साथ 2 मिनिट के लिये रेडियो मैसेज के द्वारा एक दूसरे से जुड़कर अपनी रचनात्मक एंव सकारात्मक कविता/गानें
/बातें आदि को साझा कर रहे हैं।

इस पहल की कड़ी में आज थाना पलासिया में पदस्थ आर 3096 अमर चैहान द्वारा हम सभी में एक सकारात्मकता व उत्साह बढ़ाने वाली जोशीली कविता सुनाई गयी।

            राष्ट्र वंदना.............

राष्ट्र की आराधना आराधना करें सभी.......
राष्ट्र हो प्रबल सबल ये साधना करें सभी.......
आराधना आराधना आराधना करें सभी.......
हो विचार द्वार द्वार शुक्र के प्रसार का.....
शस्त्र से या शास्त्र से नाश हो विकार का ....
उन्नति के पथ सुगम कंठको से हीन  हो........
संकटों में जूझने से सिद्ध हो प्रवीण हो.......
तंत्र मंत्र यंत्र से विश्व में विशेष हो....
सोच में नवीन से नवीनतम यह देश हो......
देश के विकास की कामना करें सभी......
आराधना आराधना आराधना करें सभी.....
धृष्टता निकृष्ट ता से युद्ध का बिगुल बजे........
व्यक्ति व्यक्ति संख फूंक सैन्य सा सजे धजे.......
यह रक्त ना निशक्त हो सशक्त सोर्य मन बहे......
श्वेत शुष्क हो नहीं यह तन पर मन सगन रहे.....
अस्ति अस्ति में नदीचिका का दिव्य नूर हो......
हम लड़े तो शत्रु का गुरूर चूर-चूर हो.....
शत्रुता से कोरोना का सामना करें सभी......
आराधना आराधना आराधना करें सभी......
           
आर. अमर ने हमारे कर्मवीर योद्धा स्वर्गीय श्री देवेंद्र चंदवंशी एवं स्वर्गीय यशवंत पाल जी को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कुछ पंक्तियां समर्पित की.....

शत्रु की साजिश के सम्मुख जिनका स्वाभिमान तना ।।
जिनकी रज मिली धरा में मिलकर हिंदुस्तान बना ।।
आंखें मूंद जिन्होंने हमको जीवन का उल्लास दिया ।।
स्वयं हुए आधार देश को साहस का विस्वास दिया ।।
जीनने जीवन छोटा माना, माना देश महान है ।।
उनके दम पर खड़ा हुआ यह मेरा हिंदुस्तान है ।।

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अंत में इन पंक्तियों के साथ मैं अपनी कविता को विराम दिया
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हम असी मसी के संयोजन से चित्र बनाया करते हैं ।।
मिला स्वेत मै श्रोंडिक को नवरंग सजाया करते हैं ।।
प्यार कपूतों से हमको पर बाजुओं से परहेज नहीं ।।
भारत की तरुणाई को होंगे देंगे निस्तेज नहीं ।।
हम इसकी रज में खेले हैं हम इसीलिए अभिमानी है ।।
हम धन्य हुए हम गर्वित हैं क्योंकि हम हिंदुस्तानी हैं ।।
यह वक्त बहुत ही नाजुक है हम पर हमले दर हमले हैं ।।
दुश्मन का दर्द यही तो है हम हर हमले पर संभले है ।।
सैनिक ओ सैनिक .......
सैनिक सीमा साधे रहना हम भीतर देश बचाएंगे ।।
तुम कसम निभाना सरहद पर हम अपना नमक चुकाएंगे ।।
                 जय हिंद जय भारत

उक्त सकारात्मकता से भरी ओजपूर्ण व जोशीली कविता सुनाने पर पुलिस महानिरीक्षक इंदौर द्वारा आर 3096 अमर चैहान की प्रशंसा कर उनका उत्साहवर्धन किया गया।

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