Monday, February 17, 2020

· अंतरराज्यीय चोर गिरोह का एक शातिर नकबजन, पुलिस थाना सेन्ट्रल कोतवाली द्वारा गिरफ्तार । · पुलिस चेकिंग में आरोपी को एक खटकेदार चाकू के साथ लिया गिरफ़्त में, जो निकला एक पुराने चोरी के प्रकरण फरार अपराधी। · आरोपी है एक शातिर चोर जिसके विरुद्ध तेलंगाना में पांच एवं राजस्थान में भी हैं एक अपराध पंजीबद्ध है




इंदौर- दिनांक 17 फरवरी 2020- शहर में अपराध नियंत्रण हेतु बदमाशों के विरूद्ध की जा रही प्रभावी कार्यवाही के अन्तर्गत दिनांक 14.02.2020 को शाम में 19.30 बजे थाना सेन्ट्रल कोतवाली थाना प्रभारी बी.डी त्रिपाठी, सउनि देवनाथ पान्डेय मय हमराह फोर्स इलाका गश्त करते सियागंज कैलाश कुटी पर पहुचे जहा कुछ संदिग्ध व्यक्ति दिखे जो पुलिस को देख भागने लगे जिसे मय फोर्स के घेरा बन्दी करते पकडने की कोशिश करते एक संदिग्ध पकडा गया, जिसकी तलाशी लेने पर एक दोमुह का चाकू मिला। आरोपी को पकड थाना कोतवाली पर लाये जहा आरोपी ने अपना नाम हीरालाल पिता बाबूलाल झा जाति लोहार उम्र 24 साल नि.ग्राम उचाड सेवडा जिला दतिया ( म.प्र) का होना बताया। आरोपी से पूछताछ करने पर उसने  बताया कि वह अपने साथी के साथ थाना केतवाली क्षेत्र मे रात को चोरी करने आया था, आरोपी इसके पूर्व भी वर्ष 2019 मे सियागंज मे एक दुकान  मे रात को चोरी कर 60000 हजार रूपयें चुरा ले गया था। आरोपी हीरालाल ने बताया कि वह हैदराबाद सिटी ( राज्य तेंलगना ) मे भी चोरी के अपराध मे पकडा जा चुका है। जिस पर हैदराबाद थाना महाकाली से जानकारी लेने पर आरोपी हीरालाल के विरूद्ध चोरी/नकबजनी पाँच अपराध पंजीबद्ध होना पाये गये तथा ये भी पता लगा कि आरोपी राजस्थान के जिला उदयपुरा मे एक दुकान से 8 लाँख 50000 हजार रूपयें चुरा चुका है।  पुलिस थाना कोतवाली द्वारा  राजस्थान के जिला उदयपुरा थाना सुरजपोल पर आरोपी के संबंध में पूछताछ करने पर आरोपी द्वारा घटना कर अपराध क्र 333/19 भादवि मे फरार होना बताया। आरोपी पर थाना सेन्ट्रल कोतवाली पर अपराध क्र 27/2020  धारा 25 आर्म्स एक्ट कायम किया जाकर पूर्व अपराध  क्र 195/19 धारा 457 380 भादवि मे पुछताछ कर विवेचना में लिया गया। पुलिस द्वारा आरोपियों से अन्य वारदातों एवं उनके साथीयों व आपराधिक रिकार्ड के बारें में जानकारी प्राप्त की जा रही है।

उक्त कर्यवाही में वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी सेन्ट्रल कोतवाली बी.डी त्रिपाठी, सउनि देवानाथ पान्डेय, आर. 1539 राहुल, आर 833 प्रदीप जाट, आर. 1823 का सराहनीय योगदान रहा।



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