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फर्जी उच्च अधिकारी, मजिस्ट्रेट, पुलिस अथवा
जनप्रतिनिधि बनकर करता था लोगों को फोन, पारिवारिक समस्या बताकर, लोगों को झांसे
में लेकर मांगता था लाखों रूपये की राशि।
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आरोपी ने म0प्र0, राजस्थान, उ0प्र0, गुजरात व अन्य
कई प्रदेशों में वारदातें करना कबूला।
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इण्टरनेट से
मशहूर अथवा प्रतिष्ठित लोगों के मोबाईल नम्बर तथा नाम पता ज्ञात कर कॉल करता था
आरोपी।
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आरोपी किसी भी व्यक्ति की आवाज कॉपी करने में
है माहिर,
मिमिक्री
आर्टिस्ट आवाज की नकल कर बनाता था लोगों को निशाना।
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ठगी के लिये
प्रयोग किये जाना फोन तथा सिम कार्ड प्रत्येक घटना के तुरंत बाद तोड़कर फेंक देता
था आरोपी।
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थाना पाली राजस्थान का हिस्ट्रीशीटर बदमाश है
आरोपी, राजस्थान के कई जिलों में आरोपी पर पूर्व से
दर्ज है तीन दर्जन से भी अधिक अपराध।
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मिस्टर नटवर लाल
के नाम से मशहूर है ठगोरा।
इंदौर- दिनांक 14 जनवरी 2020 - पुलिस
उपमहानिरीक्षक (शहर) इन्दौर श्रीमती रुचिवर्धन मिश्र द्वारा लोगों को विभिन्न
प्रकार के प्रलोभन देकर झांसे में लेकर, लोगों के साथ धोखाधड़ीपूर्वक ठगी की वारदातें करने
वाले ठगों को पकड़ने के लिये इंदौर पुलिस को निर्देशित किया गया था। उक्त निर्देशों
के तारतम्य पुलिस अधीक्षक (पूर्व) मो0 युसूफ कुरैशी एवं पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय)
इंदौर श्री सूरज वर्मा के मार्गदर्शन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (अपराध) श्री
अमरेन्द्र सिंह द्वारा क्राईम ब्रांच के टीम प्रभारियों को इस दिशा में आसूचना
संकलित कर ठगोरों को पकड़ने के लिये प्रभावी कार्यवाही करने हेतु समुचित दिशा
निर्देश दिये गये थे।
इसी अनुक्रम में
क्राईम ब्रांच इंदौर को सूचना मिली कि कोई अज्ञात व्यक्ति छलपूर्वक, फोन कर, अधिकारियों के
नाम का प्रयोग करते हुये फरियादी राम पिता मंगलसिंह तर्फे वर्तमान जनप्रतिनिधि
विधायक श्री आकाश विजयवर्गीय से 10 लाख रूपये की मांग कर रहा है जिसके तारतम्य में थाना परदेशीपुरा पर
अपराध क्रमांक 19/20 धारा 419, 420 भादवि
एवं 66 डी आईटी
एक्ट का प्रकरण अज्ञात आरोपी के विरूद्ध पंजीबद्ध किया जाकर विवेचना में लिया गया
जिसके अज्ञात आरोपी की गिरफ्तारी हेतु 10 हजार रूपये के नगद ईनाम की उद्घोषणा पुलिस
अधीक्षक (पूर्व) जिला इंदौर द्वारा जारी की गई थी। उपरोक्त प्रकरण के अज्ञात आरोपी
की तलाश करते हुये क्राईम ब्रांच ने प्रकरण के संबंध में सूचना संकलन किया जिसके
परिप्रेक्ष्य में सभी मोबाईल नम्बर तथा अन्य आवशयक बिन्दुओं के संबंध में जानकारी
एकत्रित की जाने पर यह ज्ञात हुआ कि आरोपी का संबंध राजस्थान के पाली जिले से है
बाद जिस नम्बर से फोन तथा मैसेज आये थे उसके उपयोगकर्ता की पुलिस टीम ने पहचान
सुरेश उर्फ भेरिया पिता भंवरलाल घांची निवासी 03 रजत नगर, रामदेव रोङ के रूप में सुनिश्चित की।
आरोपी की तलाश हेतु क्राईम ब्रांच की टीम राजस्थान रवाना हुई जहां
उसके गृहनिवास पर तलाश करने पर आरोपी नहीं मिला अतः पुलिस उसकी तलाश में राजस्थान
के संभावित स्थलों पर दबिश देने हेतु कई जिलों में पहुंची बाद अथक प्रयास के बाद
आरोपी को थाना फालना क्षेत्र राजस्थान से पतासाजी कर पकड़ने में सफलता मिली।
आरोपी को पकड़कर
पुलिस टीम इंदौर लाई जिसे थाना परदेशीपुरा के अपराध क्रमांक 19/20 धारा 419, 420 भादवि 66 डी आई टी एक्ट
के प्रकरण में गिरफ्तार किया गया। बाद आरोपी से की गई विस्तृत पूछताछ में आरोपी
सुरेश ने बताया कि वह एक शातिर किस्म का ठग है वह किसी की भी एक बार आवाज सुनने के
उपरांत उसकी आवाज की नकल करने मे माहिर है, आरोपी पर जिला पाली, माउंट आबू, जयपुर, जलौर, जोधपुर, अजमेर, सिरोही एवं सहित
राजस्थान के कई अन्य शहरों मे तीन दर्जन से अधिक अपराध पंजीबद्ध हैं। आरोपी सिर्फ 8 वीं कक्षा तक
पढा है लेकिन मोबाइल का अच्छा जानकार है जिससे इंटरनेट के माध्यम से वरिष्ठ
प्रशासनिक अधिकारियों, राजनेताओं, उधोगपतियों एवं संपन्न लोगों के मोबाइल नंबर निकालकर उनको फोन करता
था। अपनी आवाज की नकल करने की कला का उपयोग कर अफसरशाही का रूआब दिखाते हुये वह
लोगों को अपने झांसे मे लेकर रूपयों की ठगी करता था जोकि आर.टी.जी.एस., फण्ड ट्रांसफर, ऑनलाइन वैलेट्स
आदि में लाखों रूपयों ठगी के जमा करा लेता था। बाद में अपना सिम कार्ड एवं अपना
मोबाइल तोङकर फेंक देता था एवं बाद में किसी अन्य के नाम से सिम लेकर पुनः उपयोग
करता था।
आरोपी ने इंदौर
की घटनाक्रम के संदर्भ में खुलासा किया के उसने इण्टरनेट के माध्यम से बेबसाईट पर
इंदौर के विधायक के नाम को सर्च किया तो श्री आकाश विजयवर्गीय का नाम आया जिनका
मोबाईल नम्बर उसने पता कर लिया। बाद आरोपी ने इंदौर पुलिस कण्ट्रोल रूम का
इण्टरनेट से मोबाईल नम्बर ज्ञात कर, फोन कर इंदौर में पदस्थ पुलिस अधीक्षक के नाम
पता किये तथा पुलिस अधीक्षक के नाम का दुरूपयोग कर आरोपी ने श्री आकाश विजयवर्गीय
को कॉल कर 10 लाख
रूपये किसी परिजन के बैंक खातें में जमा कराने की बात कही। आरोपी ने चतुराई दिखाते
हुये जिस नम्बर से कॉल किया उसको ट्रू कॉलर पर एस0पी0 इंदौर लिखकर पंजीकृत कर लिया था।
आरोपी राजस्थान के पाली
थाने का हिस्ट्रीशीटर बदमाश है जोकि क्षेत्र में मिस्टर नटवरलाल के नाम से मशहूर
है लेकिन स्वभावगत आरोपी आपराधिक प्रवृत्ति का है। पूर्व आरोपी 6-7 बार जेल में भी
निरूद्ध किया जा चुका है। आरोपी ने राजस्थान सहित म0प्र0 उ0प्र0 गुजरात तथा अन्य कई राज्यों में इस प्रकार ठगी
की वारदातें कबूला है जिससे प्राप्त रूपये पैसे से वह जुआ सट्टा खेलता था। आरोपी
ठग इतना बदमाश है कि कई बार जेल जाने के बाद भी लगातार वारदातें करता रहा जोकि
लगभग 02 दर्जन
जिले के सैकड़ों लोगों को ठग चुका है। आरोपी घर पर परिजनों के साथ भी नहीं रहता है
जोकि पुलिस से बचने के लिये कई जिलों के अलग अलग ठिकानों पर ठहरता था अथवा अपनी
कार में ही रात गुजारा करता था।
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