Sunday, October 29, 2017

नकली नोट बनाने वाले गिरोंह के मास्टरमांइड सहित कुल पाँच आरोपी क्राईम ब्राँच की गिरफ्त मे


आरोपी अब तक छाप चुके हैं 2000, 500 एवं 100 के 10 लाख रुपये के नकली नोट, आरोपियों से कुल 2 लाख 60 हजार रुपये के नकली नोट जप्त

नकली नोट छापने के लिये इस्तेमाल करने वाले लेपटाप , प्रिंटर , पेपर कटर , केमिकल एवं पेपर जप्त

इन्दौर-दिनांक 29 अक्टूबर 2017- शहर में नकली नोट छापनें व जाली नोटों की तस्करी रोकनें तथा आरोपियों पर प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश पुलिस उप महानिरीक्षक इन्दौर शहर श्री हरिनारायणचारी मिश्र व्दारा दिये गये। उक्त निर्देश के तारतम्य मे पुलिस अधीक्षक मुखयालय श्री मो.युसुफ कुरैशी के मार्गदर्शन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक क्राईम ब्रांच श्री अमरेन्द्र सिंह व्दारा क्राईम ब्रांच की समस्त टीम प्रभारियों को इस दिशा मे प्रभावी कार्यवाही हेतु समुचित दिशा निर्देश दिये गये।
       उक्त निर्देश पर कार्यवाही के दौरान क्राइम ब्रांच की पुलिस टीम को मुखबिर तंत्र के माध्यम से सूचना मिली की पुलिस थाना एमआईजी क्षेत्र मे पाटनीपुरा चौराहे के पास तीन लोग 2000, 500 एवं 100 रुपये के नकली नोट बाजार में चलानें के लिए घूम रहे हैं। उक्त सुचना परक्राइम ब्रांच द्वारा पुलिस थाना एमआईजी के साथ संयुक्त कार्यवाही करतें हुए तीन व्यक्तियों को पकडा। पुलिस टीम द्वारा पुछताछ करनें पर अपना नाम 1. नरेन्द्र उर्फ नंदू चौहान पिता भीम सिंह चौहान उम्र 28 साल नि. बलोदा लक्खा बडनगर उज्जैन का होना बताया। पुलिस टीम द्वारा जिसकी तलाशी लेने पर उसके पास से 2000 के 15 नोट एवं 500 रुपये के 5 नोट कुल 32500 रुपये के एक ही सीरीज के नकली नोट मिले। पुलिस टीम द्वारा दूसरे व्यक्ति से पुछताछ करनें पर  अपना नाम राजेश पिता गोवर्धन लाल माली उम्र 33 साल नि. 168 खातीपुरा हीरानगर इन्दौर का होना बताये। जिसकी तलाशी लेने पर उसके कब्जे से 2000 रुपये के 12 नोट एवं 500 रुपये के 3 नकली नोट कुल 25,500 रुपये के नकली नोट मिलें। तीसरे व्यक्ति का नाम पता पूछने पर अपना नाम चन्द्रशेखर परमार पिता बाबूलाल परमार उम्र 22 साल नि. राजनगर एरोड्रम इन्दौर का होना बताया। जिसकी तलाशी लेने पर उसके कब्जे से 2000 रुपये के 20 नोट एवं पांच सो रुपये के 4 नकली नोट कुल 42000 रुपये एक जैसी सीरीज वाले नकली नोट मिलें। पुलिस टीम द्वारा तीनो आरोपीगण से नकली नोट जप्तकर विधिवत्‌ गिरफ्तार किया गया।
        पुलिस टीम द्वारा तीनो आरोपीगण से पूछताछ करने पर उनके व्दारा बताया गया कि उन्हें यह नकली नोट चलाने के लिये नरेश पवार नि. ग्राम करोंदिया पीथमपुर देता है। पुलिस टीम द्वारा तीनो आरोपियों की निशादेही पर ग्राम करोंदिया मे एक मकान मे पहुंचे तो दो व्यक्ति एक मकान मे नकली नोट छापते हुए मिलें। पुलिस टीम द्वारा पहले व्यक्ति से नाम पता पूछने पर अपना नाम नरेश पवार पिता बलवन्त पवार उम्र 36 साल नि. 173 पी सी सेठी नगर इन्दौर का होना बताये जिसके कब्जे से 2000 के 40 नकली नोट 500 रुपये के 7 नकली नोट कुल 83,500 रुपये के नकली नोट, नोट छापने के पेपर एवं छपायी मे नोट छपे हुये खराब पेपर मिलें, जिन्हें पुलिस टीम द्वारा विधिवत्‌ रूप से जप्तकर आरोपी नरेश को गिरफ्तार किया गया। दूसरे व्यक्ति का नाम पता पूछने पर अपना नाम रामेश्वर उर्फ राजू उर्फ विजय पिता गोविन्द परिहार उम्र 35 साल नि. कल्याण संपत बेटमा इन्दौर का होना बताया जिसके कब्जे से 2000 के 36 नकली नोट, 500 के 7 नकली नोट एवं 100 के 30 नकली नोट एक ही सीरीज वाले, सिल्वर रंग का एचपी कंपनी का लेपटाप, एचपी कंपनी का प्रिंटर, एक पेपर कटर, कलर एवं केमिकल के तीन डिब्बे एक पैंसील, तथा सफेद कागज विधीवत्‌ जप्तकर गिरफ्तार किया गया। पुलिस टीमद्वारा समस्त आरोपीगण व जप्तशुदा माल के साथ थाना वापस आकर आरोपीगण का कृत्य अपराध धारा 489 ए एवं 489 सी के तहत पंजीबध्द किया गया ।
         आरोपी नरेश पवार ने पूछताछ पर बताया की वह 10 वी तक पढा है तथा 173 पी सी सेठी नगर मे उसका मकान है वहाँ वह अपनी बीवी व बच्चो के साथ रहा करता था। वह पहले सिल्वर माल मे एक फोटोकॉपी की दुकान पर काम किया करता था। वहीं उसने पहली बार दोस्तो के साथ मजाक मजाक मे नोट की फोटो कॉपी निकाली जो की हुबहु असली नोट की तरह लगी वही से उसके दिमाग मे आया की इसमे अच्छे प्रिंटर का प्रयोग करने पर अच्छी क्वालिटी के नकली नोट छापे जा सकते हैं। तथा उसने नकली नोट छापने का काम शुरु कर दिया। वब पहली बार वर्ष 2005 मे एमआईजी थाने मे नकली नोट बनाने मे बन्द हुआ था, उस समय उसके पास से चालीस हजार रुपये (40,000 रुपये) पकडाये थे। उस केस मे मै जैल मे गया था तो मै चार महिने मे जेल से जमानत पर छूटा था। इस केस मे उसे 7 साल की सजा लगी थी लेकिन बाद मे सजा कम हो गयी और वह 3.5 साल मे जेल से बाहर आ गया था। वर्ष 2011 मे वह उसके पिता बलवन्त सिंह और मेरा भाई शैलेन्द्र नकली नोटबनाते हीरानगर थाना क्षेत्र मे पकडा गये थे उस समय उनके पास से करीब 1 लाख 10 हजार रुपये मिले थे। इसके बाद मै वर्ष 2012 मे विजयनगर थाने मे नकली नोट बनाने के केस मे बन्द हुआ था उस समय वह अपने दोस्त शिवेन्द्र उर्फ बन्टी निवासी नेहरु नगर इन्दौर पकडाये थे उस समय 1 लाख 40 हजार रुपये पकडाये थे। इस प्रकरण मे उसे जेल हो गयी थी तथा वह वर्ष 2014 मे जेल से छूटकर बाहर आया था। नरेश ने बताया की वह लोगो को 10 हजार रुपये के असली नोट लेकर उसके बदले मे 30 हजार रुपये के नकली नोट देता है जो वह भीड भाड वाले स्थान शराब अड्डे, पेट्रोल पंप, बाजारों व ढाबो पर चलाते थे। यह लोग ज्यादातर अँधेरे मे नकली नोट चलाते थे ताकी अँधेरे मे लोग नोट को ढंग से पहचान ना सके। नरेन्द्र उर्फ नंदू, राजेश एवं चन्द्रशेखर परमार को उसने यह नकली नोट चलाने के लिये दिये थे। जेल से छूटने के बाद से अभी तक नरेश ने करीब 10 लाख रुपये के नकली नोट छाप चुका है जिसमे से सबसे ज्यादा उसने राजेश के माध्यम से गुजरात मे भेजे हैं जिसके संबंध मे पुलिस टीम द्वारा पूछताछ की जा रही है। नरेश की पहली पत्नी रुपाली उसके दो बच्चों के साथ पीसी सेठी नगर स्थितमकान मे रह रही है तथा नरेश ने दूसरी शादी अनिता नाम की महिला से शादी कर ली तथा उसके साथ पीथमपुर मे किराये के मकान से लगभग दो वषोर्ं से रह रहा है। आरोपी नरेश पहले इन्दौर मे पुलिस थाना साँवेर व एमआईजी मे मारपीट के केस मे तथा विजय नगर थाने मे मोटरसायकल चोरी के केस मे बन्द हो चुका है। नरेश ने अपनी गैंग मे उसके घर के पास ही रहने वाले रामेश्वर उर्फ राजू उर्फ विजय एवं अभिषेक चौहान को भी शामिल कर लिया था यही तीनो लेपटॉप से नोट को स्केन करने के बाद प्रिंट आउट निकाला करते थे अभिषेक नोट को चलाने का काम करता था अभिषेक वर्तमान मे फरार है उसकी तलाश की जा रही है।
आरोपी नरेश ने पूछताछ पर बताया की वह दो तरह से नोट छापते थे पहला तरीका यह होता था की एक पेज पर तीन नोट को चिपकाते थे तथा एक तरफ के पेज का कलर प्रिंटआउट निकालते थे उसके पश्चात कलर प्रिंटआउट वाले पेपर को बल्ब के उजाले मे रखकर पीछे की तरफ से नोट के पिछलें हिस्से को छापने के लिये मार्जीन बनाते थे मार्जन सेट करने के बाद मार्जिन के अन्दर नोट के पिछलें हिस्से को सेलोंटेप से चिपकाते थे उसके प्श्चात पिछलें हिस्से की कॉपी करते थे। एक पेजपर तीन नोट छप जाते थे, उसके पश्चात्‌ पेपर कटर के माध्यम से नोट को आकार व साईज के अनुरुप काट लिया करते थे। टोनर एवं कलर के माध्यम से नोट पर आये प्रिंट को चमकाते थे तथा गांधीजी की वाटर इमेज बनाते थे। दूसरा तरीका यह होता था की नोट को स्केन करके मार्जिन सेट करके आगे पीछे की साईड कापी कर के मार्जिन के अनुसार प्रिंट आउट निकाल लेते थे तथा उसके पश्चात्‌ पेपर कटर के माध्यम से नोट के साईज के अनुसार काट लिया करते थे। तथा टोनर एवं कलर के माध्यम से नोट पर आये प्रिंट को चमकाते थे तथा गांधीजी की वाटर इमेज बनाते थे।
         आरोपी रामेश्वर ने पूछताछ पर बताया की वह ग्राम गिरौढी तहसील देपालपुर जिला इन्दौर का रहने वाला है तथा वर्तमान मे अपनी दूसरी पत्नी ज्योति के साथ कल्याण संपत बेटमा मे विगत 7 साल से रह रहा है। वह 10वी कक्षा तक पढा है। उसकी पहचान नरेश से अभिषेक चौहान ने करायी थी अभिषेक ने उसे बताया की वह नरेश को जानता है नरेश नकली नोट बनाने मे एक्सपर्ट है तो वह उससे मिला तथा दोनो ने नकली नोट बनाने का काम शुरु कर दिया। दोनो साथ मे करीब 6 माह से काम कर रहे हैं। 10 रुपये के नकली नोट बनाकर मार्केट मेचला चुके हैं। अभिषेक, नरेन्द्र उर्फ नन्दु, राजेश एवं चन्द्रशेखर मार्केट एवं भीडभाड वाली जगहों पर रात मे उक्त नोटो का प्रयोग करते थे।
         आरोपी नरेन्द्र उर्फ नन्दू ने पूछताछ पर बताया की वह मूलत ग्राम बलोदा लक्खा तहसील बडनगर जिला उज्जैन का रहने वाला हैं तथा खेतीबाडी का काम करता है। वह रामेश्वर को पहले से जानता था। रामेश्वर की पहले फोटो स्टूडियो की दुकान भाट पछलाना मे थी तब से उसको जानता है। रामेश्वर के द्वारा ही उसे नकली नोट गाँव की कलाली व पेट्रोल पंप पर चलाने के लिये दिया करता था। वह दस हजार रुपये के बदले तीस हजार रुपये के नकली नोट लेकर मार्केट मे चलाता था।
         आरोपी राजेश नि. खातीपुरा ने पूछताछ करनें पर बताया की वह वर्तमान मे आटो चलाता है कक्षा आठवी तक पढा है। उसकी नरेश पवार से जेल मे मुलाकात हुई थी। वह लडाई झगडे मे जेल गया था। तब नरेश ने उसे बताया था की वह नकली नोट बनाने का काम करता था तो उसने बोला की जेल से छूटने के बाद वह साथ मे काम करेगा तथा मार्केट मे नकली नोट चलाया करेगा। जेल से छूटने के बाद वह नरेश के साथ काम करने लगा तथा मार्केट, कलाली व पेट्रोल पंप पर नकली नोट चलाने लगा।आरोपी चन्द्रशेखर परमार भी वर्ष 2014 मे जेल मे डकेती की योजना मे बन्द हुआ था वहीं उसकी मुलाकात नरेश पवार से हुयी थी। नरेश ने उसे बताया था की वह नकली नोट बनाने का काम करता था। तो उसने बोला की जेल से छूटने के बाद वह साथ मे काम करेगा तथा मार्केट मे नकली नोट चलाया करेगा। जेल से छूटने के बाद वह नरेश के साथ काम करने लगा तथा मार्केट व कलाली व पेट्रोल पंप पर नकली नोट चलाने लगा। आरोपी अभिषेक चौहान पिता तेजराम चौहान उम्र 19 साल नि. कल्याण संपत कालोनी बेटमा इन्दौर घर से फरार है जिसकी तलाश की जा रही है।

        पुलिस टीम द्वारा आरोपीगण के कब्जे से 2000, 500, 100 के कुल 2 लाख 60 हजार रुपये के नकली नोट एवं नोट छापने के उपकरण लेपटाप, प्रिंटर, पेपर कटर, केमिकल्स व कलर पेज जप्त किये गये हैं। आरोपीगण से पूछताछ मे पता चला है कि गुजरात के सूरत मे धनराज नाम के व्यक्ति के माध्यम से उन्होने नकली नोट चलाये हैं। पुलिस टीम द्वारा जिसकी जानकारी प्राप्त कर, उसके विरुध्द अग्रिम कार्यवाही की जावेगी।





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