Wednesday, September 27, 2017

42 करोड़ के आबकारी घोटाले में एक्साईज़ ड्‌यूटी की हेराफेरी करने वाले, फरार 02 शराब ठेकेदार क्राईम ब्रांच इंदौर की गिरफ्त में, आरोपियों पर था 20-20 हजार रूपयें का ईनाम आरोपियों से 46 लाख से भी अधिक की नगद राशि तथा एक ऑडी कार बरामद


इन्दौर-दिनांक 27 सितंबर 2017- शराब कारोबारियों द्वारा नकली चालान बनाकर आबकारी विभागको पिछले कई वर्षों से करोड़ों के राजस्व का घोटाला कर सरकार को चूना लगा कर फरार हुए शराब कारोबारियों की गिरफ्तारी हेतु पुलिस उप महानिरीक्षक इन्दौर शहर श्री हरिनारायणाचारी मिश्र द्वारा निर्देश दिये गयें थे। उक्त निर्देश के तारतम्य में पुलिस अधीक्षक मुखयालय श्री मो.युसुफ कुरैशी एवं पुलिस अधीक्षक पश्चिम श्री विवेक सिंह के मार्गदर्शन में अपुअ पूर्व झोन 3 श्री संपत उपाध्याय व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक क्राइम अमरेन्द्र सिंह के द्वारा क्राइम ब्रांच की एक टीम को इस बिन्दु पर कार्य करने हेतु लगाया गया। आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु पुलिस अधीक्षक मुखयालय इंदौर द्वारा उक्त फरार शराब व्यवसायियों पर 20-20 हजार के ईनाम घोषित किया गया।
क्राइम ब्रांच को कार्यवाही के दौरान मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई कि उपरोक्त प्रकरण का फरार आरोपी योगेन्द्र पिता हुकुमचंद जायसवाल निवासी डब्ल्यूए स्कीम नं. 94 विजय नगर इंदौर, देवास से एक सफेद रंग की ऑडी कार में इंदौर आ रहा है एवं इंदौर से कुछ सामान लेकर उज्जैन जाने वाला है। मुखबिर की सूचना पर क्राईम ब्रांच द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए पुलिस थाना रावजी बाजार को सूचना दी गई। उक्त सूचना पर क्राईम ब्रांच द्वारा पुलिस थाना रावजी बाजार के साथ संयुक्त कार्यवाही करते हुए पुलिस टीम को तत्काल रवाना कर, आरोपी की घेराबंदी हेतु पुलिस टीम को बारोली टोल टैक्स प्लाजा पर लगाया। इस दौरान कुछ देर बाद एक सफेद रंग की ऑडी कार इंदौर तरफ से आती दिखाई दी, जिसको पुलिस टीम द्वारा घेराबंदी कर पकडा गया। पुलिस टीम द्वारा गाडी को चेक करने पर उसमें फरार आरोपी योगेन्द्र पिता हुकुमचंद जायसवाल मिला तथा ऑडी कार की तलाशी लेने पर उसमें 46 लाख 50 हजार रू नगदी भी मिले। पुलिस टीम द्वारा आरोपी से पूछताछ करने पर, उसने बताया कि वह उज्जैन होते हुए अन्य प्रदेश में फरारी काटने की तैयारी कर रहा था, वह अपने साथ ड्राइवर महेन्द्र पाटिल को लेकर जा रहा था।
इसी प्रकरण के एक अन्य आरोपी अविनाश मंडलोई पिता स्व. डोंगर सिंह मण्डलोई के संबंध में सूचना मिली थी कि रात में वह अपने घर विद्या नगर में आने वाला है। उक्त सूचना पर पुलिस टीम द्वारा आरोपी के घर 149 विद्या नगर की घेराबंदी की गई जिसमें आरोपी अपने घर पर मिला। आरोपी को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ करने पर आरोपी ने बताया कि वर्ष 2017-18 के लिये इंदौर शहर में आबकारी विभाग से ठेके परलिये गये शराब दुकान के ग्रुप में से जो दुकाने घाटे में जा रही थी, उन्ही दुकानों को आपसी अनुबंध के आधार पर गैरकानूनी तरीके से आरोपी राजु दसवंत को दुकान संचालित करने हेतु दी गई थी। आरोपी योगेन्द्र जायसवाल की तोपखाना स्थित दुकान की अक्टूबर माह तक की एक्साईज ड्‌यूटी के 1 करोड़ 5 लाख रू करीब का फर्जी चालान लगाकर उसके द्वारा राजस्व की हानि शासन को पहुॅचाई गई। आरोपी अविनाश मंडलोई ने बताया कि उसने अपने ग्रुप में से बड़ी ग्वालटोली की दुकान राजु दसवंत को चलाने हेतु दी गई थी जोकि राजु दसवंत द्वारा उसकी दुकान के भी फर्जी चालान बनाकर जमा किये गये एवं सरकार को राजस्व की हानि पहुचाई गई। आरोपियों ने पूछताछ में यह भी बताया कि इस प्रकरण के अन्य आरोपियों द्वारा भी अपनी शराब दुकानों को घाटे से बचाने हेतु इसी प्रकार आरोपी राजु दसवंत को करीब 10-12 दुकाने संचालित करने हेतु आपसी अनुबंध कर गैर कानूनी तरीके से दी गई थी तथा राजु दसवंत द्वारा उक्त सभी दुकानों का करीब 42 करोड की एक्साईज ड्‌यूटी का फर्जी चालान तैयार कर राजस्व की हानि पहुचाई गई है।

                उल्लेखनीय है कि आरोपी योगेन्द्र जायसवाल कईसालों से शराब व्यवसायी रहा है एवं 2004 से शराब का व्यवसाय कर रहा था। पुलिस टीम द्वारा आरोपी योगेन्द्र फरारी के दौरान जिस कार का उपयोग कर रहा था, उस ऑडी काऱ को भी जप्त किया गया है।  फरारी के दौरान आरोंपी भोपाल उज्जैन धार आदि में फरारी काटी गयी है, जिसके संबंध में पूछताछ की जा रही है। पुलिस टीम द्वारा अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु प्रयास किये जा रहे है, अन्य आरोपियों के भी जल्द ही पुलिस की गिरफ्त में आने की संभावना है।



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