इन्दौर-दिनांक
14 सितंबर 2017-पुलिस उप महानिरीक्षक इन्दौर शहर श्री
हरिनारायणाचारी मिश्र द्वारा ऑनलाइन सटटा गेंमिंग के प्रकरण 12/16 के
फरार आरोपियों की धरपकड़ हेतू विशेष प्रयास कर कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये
। जिस पर पुलिस अधीक्षक मुखयालय इन्दौर श्री मो.युसुफ कुरैशी के मार्गदर्शन में
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक क्राईम ब्रॉच श्री अमरेन्द्र सिह के नेतृत्व में क्राईम
ब्रांच की टीम द्वारा थाना अपराध शाखा के अपराध क्रमांक 12/16
धारा 420,465,467,468,470,471,120 बी भादवि के प्रकरण में फरार आरोपी
अचल चौरसिया पिता रमेद्गा चौरसिया निवासी 3701 सी ब्लाक लोधा
ब्लासिम्स लोवर परेल मुम्बई को नमन मिडटाउन बाबा साहेब अम्बेडकर नगर मुम्बई के पास
से गिरफ्तार करने में महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त हुई है।
टीम द्वारा पकड़े गये आरोपी अचल चौरसिया पिता
रमेश चौरसिया चौरसिया निवासी 15 घासवाला स्टेट सानेगुरुजी मार्ग
तारेदव मुम्बई हाल 3701 सी ब्लाक लोधा ब्लासिम्स लोवर परेल मुम्बइ ने
बताया कि वह दुनिया के 15 देशों और देश के 7
राज्यों में आनलाइन सटटा Gameking India Pvt. Ltd का मालिक है तथा उनका 7 राज्यों में
आन्लाइन सटटे का नेटवर्क है। आरोपी वर्तमान समय में एआरसी ग्रुप नाम से कंपनी चला रहा था जो कि मिडटाउन
पैलेस मुम्बई में स्थित है। अचल ने बताया कि उसका सालाना टर्नऑवर 200
करोड़ से अधिक है। अचल द्वारा ऐसा सॉफ्टवेयर बनवाया गया था जिसमें ग्राहक का हारना
तय होता था। कंपनी एजेन्ट को नियुक्त कर मास्टर आईडी दे देती थी जिसमें ग्राहको द्वारा
रोजाना करोडों रूपये़ से अधिक का सटटा लगाया जाता है।
अचल चौरसिया ने एमसीए की शिक्षा कनाड़ा से
प्राप्त की थी, शिक्षा प्राप्त करने के बाद अचल ने अपने पिता रमे
चौरसिया के साथ रिकनेक्ट टैक्नोलॉजी और गेम प्रालि कंपनी रजिस्टर्ड कराई और पिता
अचल चौरसिया के साथ मिलकर आनलाइन सटटा का काम करने लगा। अतः इन कंपनियों में 200
करोड़ का ट्रांजैक्शन हो चुका है। गेम प्रालि कंपनी का ऑफिस 13/15
घासवाला एस्टेट सानेगुरुजी मार्ग तारदेव मुम्बई में था, जो अभी
रिकन्स्ट्रैक्शन है। न्यू आफिस 2162 फलोर केवल इंडस्ट्रीज एस्टेट लोवर
परेल मुम्बई है। वर्तमान में आरोपी ऐसे मकान में रह रहा था जिसमें से पुलिस उसे
गिरफतार नहीं कर सके और जरुरत पढ़ने पर भाग सके। क्राइम ब्रांचने चारों और से
घेराबंदी कर आरोपी के इरादों को विफल कर दिया।
आरोपी
अचल चौरसिया द्वारा कई वर्षों से सटटा खिलाने का काम कर रहा था। इसके आफिस में
लगभग 15 लोगो का स्टाफ काम करता है बाम्बे के अतिरिक्त अन्य राज्यों में भी
नेटवर्क फैला हुआ है। मध्यप्रदेश में इंदौर के अलावा, उज्जैन, खन्डवा,
धार,
दतिया,
मुरैना,
ग्वालियर,
बड़वानी
आदि शहरों में ऑनलाइन सटटे का गेम खिलाया जाता है तथा ऐरिया मैनेजर को आरोपी
द्वारा नियुक्त किया जाता है। ऐरिया
मैनेजर दुकानदारों को क्लाइंट आईडी बनाकर देते है। इस आईडी के माध्यम से 1
रुपए का 1 पांइट के हिसाब से बेचा जाता है ऐरिया मैनेजर दुकानदारो को क्लाइंट
आईडी देगे और दुकानदार गैम खेलने वाले कस्टमरों को पाइन्ट देते है। कस्टमर
दुकानदार के सिस्टम या मोबाइलों पर साफटवेयर डालकर खिलाते है। इस गेम में कस्टमर
से हार जीत होती है उसमें जीत की राशि में 10 प्रतिशत ऐरिया
मैनेजर को व 50 दुकानदारों का दिया जाता है। अगर कस्टमर जीतता
है तो उसकी जीत का पैसा ऐरिया मैनेजर देगा और हारता तो पुनःपाइन्ट खरीदेगा।
अचल के मुताबिक उसके ऊपर जालंधर (पंजाब),
मेरठ
(उप्र), समतानगर (मुम्बई), आर्थर रोड (मुम्बई), कांदीवली
(मुम्बई), लक्ष्मी नगर (दिल्ली), लुधियाना(पंजाब), फरीदाबाद(हरियाणा),
नागपुर
उल्लासनगर, नोयडा सेक्टर 58 और 65 (उप्र), फिरोजपुर (पंजाब), इंदौर,
उज्जैन,
धार
(मप्र) में केस दर्ज है। पूछताछ में खुलासा हुआ कि आरोपी ने अपने गेम का सॉफ्टवेयर
ऐसा बना रखा था जिसमें खिलाड़ी का हारना तय होता था।
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