इन्दौर-दिनांक
18 जुलाई 2018- थाना परदेद्गाीपुरा क्षेत्रांतर्गत
रहनें वाल व्यवसायी दिनेश कुमार उपाध्याय पिता स्वर्गीय रतनलाल उपाध्याय नि- 16,17,18
इलेट्रॉनिक काम्पलेक्सपरदेशीपुरा द्वारा पुलिस उप महानिरीक्षक इन्दौर शहर के समक्ष
पेश होकर लिखित आवेदन प्रस्तुत किया था। जिसमें फरियादी द्वारा बताया की उसके नाम
की सिम नं- 9302100854 किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा आवेदक के नाम का
सिम गुम हो जाने के संबंध का झूठा आवेदन मे रिलायंस के आउट लेट पर जाली दस्तावेज
प्रस्तुत कर बंद करवाकर वही सिम न. की दूसरी सिम आवंटित करवाकर आवेदक के बैंक
अकाउंट से 11 लाख 50 हजार रुपये जालसाजी पूर्वक निकाल लिये
गये। इस आवेदन पर पुलिस उप महानिरीक्षक इन्दौर शहर श्री हरिनारायणाचारी मिश्र द्वारा
बैंक फ्रॉड की घटनाओं पर अंकुश लगानें व आरोपियों को पकडने के निर्देश दिये गयें।
उक्त निर्देश के तारतम्य में पुलिस अधीक्षक मुखयालय श्री मो. युसुफ कुरैशी के
मार्गदर्शन में अतिरिक्त पुलिस अधीाक क्राईम ब्रॉच श्री अमरेन्द्र सिह के द्वारा
उप पुलिस अधीक्षक क्राईम ब्रॉच व थाना प्रभारी क्राईम ब्रॉच की टीमों को इस दिशा
में प्रभावी कार्यवाही करने हेतु समुचित निर्देश दिये गये।
उक्त
शिकायत पर क्राईम ब्रांच द्वारा अप.क्र. 04/17 धारा 420,467,468,471,
भादवि
का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान जिन अकाउंट में जाली
सिम काउपयोग कर फर्म के खाता से अन्य अकाउंट में पैसा ट्रॉसफर किया गया था,
उनकी
जानकारी एवं जिस रिलायंस आउटलेट से जाली सिम जारी करवाई गई थी, वहा
के सीसीटीवी फुटेज प्राप्त किये गये एवं संदिग्धो की पहचान की गई। पुलिस टीम
द्वारा विवेचना करनें में आया कि फर्म के अकाउंट से कलकत्ता की यूनियन बैंक ऑफ
इंडिया के श्याम बाजार शाखा के खाते में ट्रांसफर करना पाया गया।
पुलिस
टीम द्वारा इस दौरान कई अन्य जगहो से अपराधों की जानकारी प्राप्त की गई, जिसमे
हिसार कोतवाली हरियाणा में भी इसी प्रकार से अपराध घटित होकर एक आरोपी को गिरफ्तार
करना पता चला। इस दौरान जानकारी प्राप्त करनें पर पुलिस टीम को पता चला की इसी
आरोपी द्वारा इंदौर की भी घटना की गई है। इसी आधार पर आरोपी विपलव पिता सदानंन्द
पाल निवासी 24 परगना पश्चिम बंगाल का प्रोडक्शन वारण्ट श्री
धर्मेन्द्र टाडा जे एम एफ सी महोदय इंदौर के न्यायालय से जारी कराया जाकर आरोपी को
तलब किया गया था। जिसकी गिरफ्तारी की जाकर दिनाक 27.7.17 तक का पुलिस
रिमाण्ड लिया गया है।
पुलिस टीम द्वारा आरोपी से पूछताछ करनें पर
उसने बताया कि वह सागर नाम के व्यक्ति द्वारा संचालित ठगी के गिरोह कासदस्य है,
जिसमे
आरोपी को 5000/- रूपये प्रतिमाह के हिसाब से पैसा मिलता है।
गिरोह मे आरोपी विपलव के अलावा सागर, कृष्णा, पप्पु जाधव,
रोहन
जाधव, संतोष साहू है। आरोपी का मुखय काम सागर द्वारा उपलब्ध कराये गये
अकाउण्ट धारक के आईडी व एड्रेस दस्तावेज के आधार पर पुरानी सिम बंद कराके नई सिम
प्राप्त करना व सिम दस्तावेज सागर को उपलब्ध कराना है। आरोपी विपलव जैसे 4-5
सदस्य और है जिनका काम अलग-अलग शहरो मे जाकर दूसरी सिम प्राप्त करना है। सागर मुखय
रूप से इस गिरोह का मुखिया है, वह भी ग्राम गाडोलिया थाना नवापारा
जिला 24 परगना का रहने वाला है। सागर का मुखय काम बैक खाते का पता कर उसके
आईडी एड्रेस प्रुफ की फर्जी दस्तावेज तैयार करना है। पैसा ट्रान्सफर का काम करता
था व अकाउंट का पूरा डिटेल उसके पास व्हाट्स अप से आता था जिसकी जानकारी वह किसी
को नहीं देता था। डिटेल कहॉ से आई किसको गई यह वह नहीं बताता था। पैसा आना और
अकाउंट में भेजना सब वही करता था। जिसके लिये वह अपना कम्प्यूटर उपयोग करता था ।
सागर के पास जाइलो गाडी है जिसका नं डब्ल्यू बी 24 बी / 5229 है
जिसमे वह अपना ज्यादातर काम लेपटॉप से ही करता है। एक अन्यसाथी कृष्णा का काम
फर्जी अकाउंट बनाना था जिसमें पैसा सागर द्वारा ट्रांसफर किया जाता था। कृष्णा
अपने पास के लोंगों को बहला फुसलाकर बैंक ले जाता और उनके नाम पर अकाउंट खुलवाता
था। रोहन और संतोष द्वारा इन दोनों का काम आये हुये पैसे से पीसी चंद्र ज्वैलर्स व
अंजली ज्वैलर्स शोदपुर स्टेशन रोड से सोना खरीदना था। जब भी पैसा आता था सागर उनको
खुलवाये हुये फर्जी अकाउंट का एटीएम देकर सोना मंगवाता था। आरोपी पप्पू का काम
अकाउंट होल्डर के अकाउंट के बचे हुये पैसे को होल्डर पर्सन के द्वारा चेक साईन करा
कर बैंक से कैश कराना और वो पैसा लाकर सागर को दे देना था।
टीम को जॉच के दौरान पता चला कि गिरफ्तार आरोपी
द्वारा ही इंदौर निवासी उपाध्याय की जाली
दस्तावेज के आधार पर डुप्लीकेट सिम जारी करवाकर उनके अकाउंट से 11
लाख 50 हजार रुपये की राशि कलकत्ता के यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के श्याम
बाजार शाखा के अकाउंट में ट्रांसफर की थी। इस कार्य में कई अन्य साथियो के नाम भी
सामने आये।
शहर एवं शहर के आसपास चल रही बैंक
धोखाधडी करने वाले आरोपीयो के खिलाफ एवं उनकी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के
लियेउपरोक्त आरोपियों से पुछताछ कर अन्य गिरोहो के संबंध में पूछताछ की जा रही हैं।
पता लगने अन्य आरोपीयों के खिलाफ भी वैधानिक कार्यवाही की जावेगी ।
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