इन्दौर-दिनांक
28 अप्रेल 2017- इंदौर शहर में अपराधो पर नियंत्रण हेतु
पुलिस उप महानिरीक्षक इंदौर शहर श्री हरिनारायणाचारी मिश्र द्वारा फरार अपराधियों
एवं ईनामी बदमाशों की धरपकङ हेतु विशेष प्रयास कर, प्रभावी
कार्यवाही के निर्देश दिये गये है। उक्त निर्देश के तारतम्य में पुलिस अधीक्षक मुख्यालय
इन्दौर श्री मो.युसुफ कुरैशी के मार्गदर्शन में अति. पुलिस अधीक्षक क्राईम ब्रॉच
श्री अमरेन्द्र सिह द्वारा अचल अवस्थी गोलीकांड में फरार आरोपियों पर कार्यवाही
करने के लिये क्राईम ब्रांच एवं थाना लसूडिया के संयुक्त दल का गठन कर, इस
दिशा में प्रभावी कार्यवाही करने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये।
संयुक्त टीम द्वारा मुखबिर तंत्र के माध्यम से
प्राप्तसूचना के आधार पर आरोपी 1. सत्यनारायण पिता रमेश चंद्र लूनिया
निवासी जूनियर एमआईजी जयबजरंग नगर इन्दौर, 2. दिनेश पिता
रतनलाल वर्मा निवासी 206 महेश बाग बर्फानी धाम के सामने विजयनगर तथा 3.
शंकर
पिता प्यारेलाल निवासी मेघदूत नगर इन्दौर को मध्यप्रदेद्गा व राजस्थान के बार्डर
पर जंगल में स्थित सौयतकला के पास से उपरोक्त तीनों आरोपियों को पकडा गया।
आरोपी सत्यनारायण लुनिया से पूछताछ पर
ज्ञात हुआ कि वर्ष 2014 में नानगुरू निवासी शक्करगंज छोटा बागडदा के
मर्डर के पश्चात से नानगुरू गैंग के सदस्य सत्यनारायण लूनिया से सतीश भाऊ के कारण
रंजिश रखने लगे थे। क्योंकि सत्यनारायण लूनिया, सतीश भाऊ गैंग
का मुखय कर्ताधर्ता है और सतीश भाऊ के जेल में बंद रहने के दौरान सतीश भाऊ की गैंग
को आपरेट करता था तथा गैंग के सभी विवादों एवं अन्य मसलों को सुलझाता था एवं समय
समय पर सतीश भाऊ से निर्देश प्राप्त करने सागर जेल में मुलाकात करने भी जाता था।
इसी रंजिश के कारण अचल अवस्थी, सत्यनारायण पर हमले की योजना बना रहा
था। इस बात की जानकारी सत्यनारायण लूनिया को मिलने पर, उसने योजनाबद्ध
तरीके से अचल अवस्थी पर देवास सेआते समय देवास नाके थाना लसूडिया में हमला करवाया
जिसमें अचल अवस्थी बाल बाल बच गया था और हमलावर फरार हो गये थे।
घटना दिनांक 17.01.17 को सत्यनारायण
लूनिया द्वारा अपने साथी दिनेश वर्मा उर्फ पहलवान, सागर चौहान,
सत्या,
गोल्डी
उर्फ निलेश गडकर, शंकर तथा राहुल के साथ मिलकर अचल अवस्थी को जान
से मारने की विस्तृत योजना बनाई थी। इन लोगो को इस बात की जानकारी प्राप्त हुइ थी
कि अचल अवस्थी का भाई जितेन्द्र देवास जेल में हैं और अचल उससे मिलने जाता रहता
हैं। अचल अवस्थी पर निगाह रखते हुए गोल्डी और राहुल ने अपने साथीयो को घटना दिनाक 17.01.17 को
बताया कि अचल अवस्थी देवास जेल से अपने भाई जितेन्द्र से मुलाकात लेकर अल्टो कार
से इंदौर के लिए निकला हैं। इस बात की जानकारी सत्यनारायण व उसके दल को प्राप्त
होने पर दो मोटर साइकलो से 04 व्यक्ति सत्या, सागर, राहुल,
दिनेश
एवं शंकर प्रजापत की कार स्विफ्ट क्र. MP-09/CF-8969 से
पीछा करते आ रहे थें। गोल्डी, शंकर व सत्यनारायण ने क्षिपा के बाद से
इनका पीछा किया और मोटर साइकल से मांगलिया टोल नाके पर इंतजार कर रहे सत्या,
सागर,
दिनेश,
राहुल
ने मांगलिया टोल नाके मांगलियाके आगे पहुचने पर अल्टो कार से जा रहे अचल अवस्थी पर
पिस्टल से फायर किए व वहां से भाग गये। घटना के बाद से सभी आरोपी फरार हो गये थे।
आरोपी
सत्यनारायण मुखय रूप से ईटो का तथा फैक्ट्री से राख खरीदने का काम करता हैं तथा
वर्ष 2000 से अपराधिक गतिविधियों में संलिप्त हैं एवं सतीश भाऊ गैंग का सक्रिय
सदस्य हैं। आरोपी दिनेश वर्मा से पूछताछ पर ज्ञात हुआ कि पिछले 10
वर्षो से वह सत्यनारायण लुनिया के साथ रहकर अपराध कर रहा हैं और इसके विरूद्ध भी
पूर्व में हत्या ,हत्या के प्रयास एवं मारपीट के कई प्रकरण
विचाराधीन हैं। इसके लडके का एक्सीडेट होने पर ईलाज के लिए पैसो की आवश्यकता होने
पर सत्यनारायण लुनिया ने इसकी मदद की और ईलाज करवाया तभी से दिनेश वर्मा
सत्यनारायण लुनिया का खास साथी बनकर काम कर रहा था।
आरोपी शंकर प्रजापत, सत्यनारायण की
समाज होकर नई रिश्तेदारी भी तय की हैं मूल रूप से ईट भट्टे का काम करता हैं ।
पिछले 06-07 वर्षो से सत्यनारायण लुनिया के साथ रहता हैं।
सत्यनारायण लुनिया को अपने ऊपर हमला होने की चर्चाओ के कारण उसने अपने मोबाइल शंकर
प्रजापत को देकर रखता था। यदि कोई भी व्यक्ति फोनकरता था तो पहले शंकर फोन उठाता था
और सत्यनारायण को सूचना देता था तब सत्यनारायण यह निश्चित करता था कि किस से बात
करेगा और किस से नही ताकि उसकी सही स्थिति व स्थान का पता किसी को नही चल सके ।
उक्त आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु
पुलिस उप महानिरीक्षक इन्दौर शहर द्वारा आरोपी सत्यनारायण लूनिया पर 20
हजार रूपये तथा अन्य आरोपियों पर 10-10 हजार रूपये का ईनाम घोषित किया गया
था। प्रकरण में फरार आरोपी गोल्डी उर्फ निलेश तथा सागर व राहुल अभी फरार है जिनके
गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे है।
फरारी के दौरान आरोपी सत्यनारायण
लुनिया ने अपने साथी दिनेश व शंकर के साथ झालावाड, कोटा, जैसलमेर,
बाडमेर,
सालासर
बालाजी, प्रतापगढ, भोपाल, दिल्ली, दतिया आदि
स्थानों पर फरारी काटी गयी। अधिकांशतः आरोपी ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण बनकर
रहते थे तथा रूकने के लिए ऐसे स्थानों का चयन करते थे जहां पहचान पत्र की आवश्यकता
ना हो और आसानी से रूका जा सके। फरारी के दौरान मोबाईल का उपयोग नही करते थे तथा
खर्च के लिए अपने दोस्तों के एटीएम का उपयोग करते थे ताकि पुलिस उनको ना पकड सकें।
आरोपी सत्यनारायणलुनिया द्वारा सतीश भाऊ एवं गैंग के अन्य सदस्यों के बारे में
जानकारी दी गई है। आरोपियों को गिरफ्तार कर पुलिस रिमांड प्राप्त कर घटना के
संबंध में विस्तृत पूछताछ कर कार्यवाही की जावेगी। पुलिस द्वारा आरोपी सत्यनारायण
लुनिया के कब्जे से एक पिस्टल व एक जिन्दा कारतूस बरामद किया गया है।
उक्त शातिर व ईनामी आरोपियों को पकड़ने
में महत्वपूर्ण एवं सराहनीय भूमिका निभाने वाली क्राईम ब्रांच व पुलिस थाना
लसूडिया की संयुक्त टीम को, पुलिस उप महानिरीक्षक इन्दौर शहर
द्वारा नगद ईनाम से पुरस्कृत करने की घोषणा की गयी है।
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