इन्दौर-दिनांक 26 दिसम्बर 2016- दिनांक 24.12.2016 को थाना हीरानगर पर सूचनाकर्ता रामभरोसे सोलंकी निवासी ग्राम सेनगुढ थाना हंडिया जिला हरदा, वर्तमान 174-ए स्वास्थ्यनगर इन्दौर के व्दारा सूचना दर्ज कराई गई कि उसकी नातिन पायल सोलंकी उम्र 08 साल, दोपहर 02.00 बजे से घर से कुरकुरे चिप्स लेने निकली थी, जो वापिस लौटकर नहीं आई है। जिससे अपहरण की आशंका पर पुलिस थाना पर अपराध क्रमांक 563/2016 धारा 363 भादवि का पंजीकृत किया गया।
अपहरण की उक्त घटना को गंभीरता से लेते हुये पुलिस उप महानिरीक्षक इंदौर शहर इंदौर श्री हरिनारायणचारी मिश्र द्वारा अपहरणकर्ताओं की त्वरित गिरफ्तारी एवं बालिका के दस्तयाबी के निर्देश दिये। उक्त निर्देश के तारतम्य में पुलिस अधीक्षक पूर्व इंदौर श्री अवधेश कुमार गोस्वामी एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पूर्व इंदौर श्री बिटटू सहगल के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी हीरानगर शशिकांत चौरसिया नेतृत्व में अलग-अलग टीमों का गठन किया गया जिसमें घटना स्थान के आसपास के लगभग 100 मीटर के एरिया में लगे हुए सीसीटीवी कैमरें के फुटेज कीरिकार्डिंग संकलित करने वाली टीम, शहर के सूने एवं खाली पडें हुए स्थानों की सर्च करने वाली टीम, पूर्व में किये गये अपहरण में गिरफ्तार किये गये आरोपियों की उपस्थिति पता करने वाली टीम तथा पीडित पक्ष के व्दारा शंकास्पद व्यक्तियों की पतारसी करने वाली टीम का गठन किया गया, विवेचना प्लान तैयार किया गया और पुलिस अधीक्षक पूर्व इंदौर श्री अवधेश कुमार गोस्वामी व्दारा प्रत्येक टीम की कार्यवाही और उसके परिणाम की सही दिद्गाा बनाये रखने के लिये अति. पुलिस अधीक्षक पूर्व इंदौर श्री बिटटू सहगल को प्रत्येक टीम के सम्पर्क में रहने के लिये 24 धंटे का समय निर्धारित किया गया।
शहर के भीतर व बाहर पुलिस टीमों ने घटनाक्रम की बिन्दुबार जानकारी प्राप्त कर एवं संदिग्धों की पतारसी कर अपने मुखबिर तंत्र के आधार पर घटना का पर्दाफाश करते हुए आरोपीगण 1. आरती उर्फ रानी पिता देशराज सेन (22) निवासी ग्राम गेहराव थाना वार जिला ललितपुर उ.प्र. हाल-114 स्कीम नं. प्लेट. नं. 302 इन्दौर 2. विजय उर्फ गोलू पिता देशराज सेन (20) निवासी सदर 3. मुन्नीवाई पति देशराज सेन (45) निवासी सदर 4. सपना पिता देशराज सेन (19) निवासी सदर को गिरफ्तार कर अपहर्ता पायलसोलंकी को सकुशल आरोपीयों के कब्जे से बरामद किया गया। दिनांक 24/12/16 को दोपहर अपहरण की घटना के बाद सुखलिया क्षेत्र एवं इन्दौर में सनसनी फेल गई थी।
पुलिस को यह सफलता उस समय मिली जब पुलिस उप महानिरीक्षक इंदौर शहर श्री हरिनारायणचारी मिश्र के निर्देश के तारतम्य में टीम ने विडियों फुटेज चैक किये तब पता चला कि आरोपीयां संदिग्ध द्धारा आटो रिक्शा से बालिका का अपहरण किया गया है। संदिग्ध ही बालिका का अपरहण करके ले गई है। उसी आधार पर हीरानगर पुलिस जब अपनी विवेचना कर रही थी तो पुलिस को एक महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई की अरण्य नगर स्थित एक मोबाईल शाप पर भी एक नकाबपोश महिला इस प्रकार की देखी गई थी। पुलिस ने उस बिन्दु को खंगाला तो पता चला कि आरोपीया ने घटना के ठीक एक दिन पूर्व घटना को सुनियोजित रुप से परिणाम देने हेतु दो सिम कार्ड एवं एक नया मोबाईल खरीदा है। पुलिस ने तत्काल आगे की प्रक्रिया तकनीकी रुप से आगे बढाते हुए आरोपीयों पर शिकंजा कस दिया। तकनीकी रुप से प्राप्त जानकारीयों के आधार पर दविश देते हुए उपरोक्त आरोपियों को भोपाल से गिरफ्तार करते हुए उनकी निशादेही पर अपहर्ता बालिका कोसकुशल बरामद कर लिया एवं इस सनसनीखेज अपहरण का पर्दाफाश करते हुए सभी आरोपीयों को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस द्धारा अग्रीम विवेचना की जा रही है तथा इससे सम्बधिंत अन्य लोगो को के भी अपराध में संलिप्त होने की जानकारी प्राप्त की जा रही है। पुलिस द्धारा आरोपीयों से पूछताछ में जो कहानी सामने आई है उसमें यह है कि आरोपी आरती उर्फ रानी सेन के पिता द्धारा पूर्व में लोगो को नौकरी का झांसा देकर काफी पैसा ऐठा गया था। किन्तु लोगो द्धारा जब अपने पैसे वापसी का दबाव बनाया गया तभी से करीबन 08 माह पूर्व से ही आरती का पिता देशराज सेन गायब है। जिसकी गुमशुदगी थाना हीरानगर पर दर्ज होकर पतारसी में है। अपहर्त बालिका के परिवार से भी आरोपीया के पिता का लेनदेन है इसी बात को लेकर आरोपिया ने अपने परिवार के सदस्यों द्धारा सुनियोजित योजना के तहत इस घटना को अंजाम दिया किन्तु इन्दौर पुलिस की मुस्तेदी कार्यकुशलता एवं सक्रियता से मात्र 24 घंटे के अंदर इस घटना का पर्दाफाश करते हुए आरोपीयों के गिरफ्तार कर लिया है।
उक्त अपहरण पर्दाफाश करने में वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी हीरानगर श्री शशिकांतचौरसिया एवं उनकी टीम के उप निरीक्षक कृष्णकान्त तिवारी, श्याम सिंह सोलंकी, प्र.आर. लक्ष्मण, रणजीत परमार, आर. प्रमोद शर्मा, राजेन्द्र सिंह रघुवंशी, देवेन्द्र सिंह जादौन, महिला आरक्षक सूर्यवाति, आशा अलेरिया, एवं निरीक्षक जी.आर.पी. भोपाल हेमन्त श्रीवास्त एवं उनकी टीम की भूमिका सराहनीय रही है ।
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