इन्दौर-दिनांक 03 नवम्बर 2016- उप पुलिस महनिरीक्षक इन्दौर शहर के निर्देश के तारतम्य में कार्यवाही करते हुए, इन्दौर क्राईब ब्रांच व पुलिस थाना कनाडिया की टीम द्वारा पुलिस थाना कनाड़िया क्षेत्रान्तर्गत दिनांक 26.10.16 को हुई प्रापर्टी ब्रोकर मुकेश यादव के हत्या के प्रकरण का पर्दाफाश कर, आरोपियों को पकड़ने में महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक क्राईम ब्रांच इन्दौर द्वारा बताया गया कि दिनांक 26.10.16 को चिटकाना निवासी मुकेश यादव की रक्तरंजित लाश उसकी स्विफट कार एमपी-13/सीबी-1100 में झलारिया गांव के पास मिलने की सूचना मिली थी। शव के प्राथमिक परीक्षण कर उसे दो गन शॉट से मारा जाना पाया जाने से पुलिस थाना कनाडिया द्वारा अपराध पंजीबद्व कर विवेचना में लिया गया था। उक्त घटना को गंभीरता से लेते हुए, उप पुलिस महानिरीक्षक इन्दौर द्वारा त्वरित कार्यवाही कर, घटना के अज्ञात आरोपियों की पतारसी कर, उन्हे शीघ्र गिरफ्तार करने के निर्देश दिये गये।
पुलिस टीम द्वारा विवेचना के दौरान मृतक मुकेश
यादव से संबंधित तीन बिन्दूओं पर विशेष तौर पर फोकस किया गया, जिसमें प्रथमतः उसके चरित्र को लेकर जानकारियां एकत्र की गई, दूसरे उसके द्वारा किये जा रहे प्रापर्टी के व्यवसाय के बाबत उससे असंतुष्ट लोगो की जानकारी एकत्र की गई एवं अन्ततः उसके व्यवसायिक पार्टनर के बारे में जानकारियां एकत्र की गई।
पुलिस टीम को विवेचना के दौरान ही उसके व्यवसायिक पार्टनर महेन्द्र ठाकुर निवासी योजना क्रमांक 114 इन्दौर से उसके व्यवसाय की जानकारी प्राप्त की गई, तो पाया गया कि महेन्द्र ठाकुर एवं मृतक मुकेश यादव के नाम पर संयुक्त तौर पर लगभग 1 करोड से अधिक की सम्पत्ति का हिसाब किताब होना है। इस आधार पर जांच को आगे बढाने पर महेन्द्र ठाकुर एवं उसके साथी दीपक उर्फ चोईथराम एवं मृतक के ड्र्रायवर अंकित की भूमिका संदेहास्पद पाई गई। इस दौरान ही महेन्द्र ठाकुर एवं दीपक उर्फ चोईथराम तथा सन्तोष से जानकारी प्राप्त करने पर उनके द्वारा तथाकथित बातो के आधार पर पुलिस को गुमराह करने का प्रयास किया, जिसमें मृतक के चरित्र को लेकर, उससे असंतुष्ट लोगो एवं अन्य उसके दुश्मनों की जानकारी देकर दिग्भ्रमित करने का प्रयास किया गया। पुलिस द्वारा इन बातो के आधार पर संदेहियों को होने वाले फायदो का मूल्यांकन करने पर पाया गया कि महेन्द्र ठाकुर एवं मृतक मुकेश यादव के बीच लगभग 1 करोड का हिसाब किताब था। मृतक मुकेश यादव के हटने से महेन्द्र ठाकुर को आधे मूल्य का फायदा हो रहा था। संदेही दीपक मृतक के लिए बहुत सारा काम करता था जिससे उसे लगभग 1 लाख रूपयें के आसपास लेना शेष थे। सन्देही सन्तोष मृतक मुकेश के लिए प्रापर्टी के सौदे लाता था जिसमें उसे लगभग 2 से 3 लाख रूपयें लेना शेष थे। इन बातो को ध्यान में रखते हुए तकनीकी विश्लेषण जिसमें मृतक की दो दिनों में यथासंभव स्थानों पर लगे सीसीटीवी कैमरो के फुटेज प्राप्त कर व अन्य तकमनीकी जानकारी का विश्लेषण कर तकनीकी प्रश्नावली तैयार कर, संदेहियों से गहन पूछताछ की गई।
पूछताछ में यह तथ्य सामने आया कि पूरे अपराध का मास्टर माईण्ड महेन्द्र ठाकुर है जो मृतक का बिजनेस पार्टनर है, उसी के द्वारा मृतक मुकेश यादव को रास्ते से हटाने के लिए दीपक, सन्तोष, अंकित और जितेन्द्र को साथ मिलाकर इसकी योजना तैयार की गई थी। इसके लिए महेन्द्र ठाकुर ने इस सभी के साथ स्काउट ग्राउण्ड मे एक मीटिंग की जिसमें मुकेश को मारने की बात कही। जहां महेन्द्र ठाकुर ने उसके साथियों को कट्टा चलाना सिखाते हुए स्वयं के कटटे से दो फायर करके भी बताये थे। घटना दिनांक तय होने की बात को लेकर चर्चा होने पर तय हुआ कि जब भी मौका मिलेगा तब इस घटना को अंजाम दे देंगे।
तयशुदा योजना के अनुसार घटना दिनांक 26.10.16 को मृतक के घर जाने के रास्ते में दीपक अपने साथी सन्तोष के साथ उसका इंतजार कर रहा था। मृतक मुकेश यादव के ड्र्रायवर अंकित को उसके आने की सूचना महेन्द्र ठाकुर से प्राप्त होने पर दीपक को काम का अंजाम देने हेतु कहा। मुकेश के दीपक एवं संतोष के पास आते ही अपने मोबाईल पर कुछ देखते हुए ड्र्रायविंग सीट पर बैठे बैठे चर्चा करने में मशगूल हो गया तभी दीपक द्वारा मौका ताडते हुए उस पर एक फायर कर दिया। फायर लगने पर मुकेश यादव के निढाल होकर लुढकने पर दीपक ने अपने साथी संतोष को बोलकर उसे ड्र्रायविंग सीट से खंीचकर बगल वाली सीट पर धकेलने के लिए बोला जिससे सन्तोष ने पीछे वाली सीट पर बैठकर ड्र्रायविंग वाली सीट से बगल वाली सीट पर खीचकर बैठा दिया। घटना से डरने पर और ऐसा लगने पर की अभी मुकेश यादव की मृत्यु नहीं हुई है दीपक ने कार चलाकर उस स्थान सेकार झलारिया गांव की तरफ ले गया और रास्ते में सन्तोष को बोला कि यह अभी मरा नहीं है जिससे सन्तोष ने पीछे से एक गोली पीठ में मार दी। मुकेश यादव की मृत्यु होना तय मानते हुए, मृतक द्वारा पहने गये सोने के आभूषण ब्रेसलेट, दो सोने की चेन, अंगूठी तथा रोलेक्स कम्पनी की गोल्डन कलर की घडी लेकर, दीपक व संतोष वहां से कार को छोडकर निकल गये। दीपक और सन्तोष ने अपने साथी जितेन्द्र को, सन्तोष की एक्टिवा गाडी लेकर झलारिया बुलाया और दोनो उसके साथ घटना स्थल से रवाना होकर अपने अपने घर चले गये। घटना के बाद दीपक ने अंकित को फोन लगाकर घटना की पुष्टि की जिसने महेन्द्र ठाकुर को बताया।
पुलिस द्वारा इस हत्याकांण्ड के मास्टर माइण्ड महेन्द्र ठाकुर पिता पिता भगत सिंह ठाकुर (38) निवासी 506 योजना क्रमांक 114 राजीव आवास विहार इन्दौर, 2. दीपक पिता अशोक नरवरिया (18) निवासी ग्राम बेगमखेडी इंदौर, 3. सन्तोष सोलंकी पिता कुंवरसिंह सोलंकी (20)निवासी बेगमखेडी थाना कनाडिया इन्दौर 4. जितेन्द्र हरवाल पिता दुल्हेसिंह हरवाल निवासी बेगमखेडी थाना कनाडिया इन्दौर तथा 5. अंकित पिता रमेश देवडा (27) निवासी खेमाना थाना खुडै़ल इंदौर को हिरासत में लिया गया तथा इनसे लूटा गये मश्रुका की जानकारी पूछताछ में प्राप्त की गई है, जिसकी बरामदगी की कार्यवाही की जा रही है। आरोपियों से प्रकरण के संबंध में पूछताछ की जा रही है।
उक्त अंधे कत्ल का पर्दाफाश कर आरोपियों को पकड़ने में वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में क्राईम ब्रांच इन्दौर एवं पुलिस थाना कनाड़िया की टीम की महत्वपूर्ण एवं सराहनीय भूमिका रही।
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