Friday, August 26, 2016

गुलमोहर कालोनी में हुई हत्या का पर्दाफाश, मृतक के यहां काम करने वाला नौकर ही निकला हत्यारा


इन्दौर-दिनांक 26 अगस्त 2016-पुलिस थाना पलासिया क्षेत्रान्तर्गत दिनांक 11-12.08.16 की दरमियानी रात को ओमप्रकाश पिता माधवदास खुराना उम्र 70 साल निवासी 29-30  गुलमोहर कालोनी इंदौर की किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा घर मे घुसकर गला घोंटकर हत्या करदी गई थी, जिसकी सूचना दिनांक 12.08.16 के प्रातः 11.15 बजे पुलिस को मिलीं। उक्त सूचना पर तत्काल पुलिस अधिकारियों एवं एफएसएल की टीम ने मौके पर पहुंचकर, निरीक्षण किया गया। मृतक के यहां काम करने वाले माली विनोद पिता शिवप्रसाद यादव की रिपोर्ट पर मर्ग कायम कर जांच प्रारम्भ की गई। पुलिस द्वारा जांच पर मृतक ओमप्रकाश खुराना की गला घोंटकर हत्या किया जाना पाया जाने पर प्रकरण मे अज्ञात व्यक्ति के विरूद्ध पुलिस थाना पलासिया पर, हत्या का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
उक्त गंभीरतम घटना पर, उप पुलिस महानिरीक्षक इन्दौर शहर श्री संतोष कुमार सिंह द्वारा तत्कालर आरोपी की पतारसी कर, गिरफ्तार करने के निर्देश दिये गये। उक्त निर्देश के तारतम्य में पुलिस अधीक्षक (पूर्व) श्रीमती मोनिका शुक्ला के मार्गदर्शन में पुलिस थाना पलासिया एवं अपराध शाखा इन्दौर की टीम को अपराधियों की पतारसी हेतु लगाया गया। घटना की गंम्भीरता को देखते हुये उप पुलिस महानिरीक्षक इन्दौर व्दारा अज्ञात आरोपी की गिरफ्तारी हेतु दस हजार रूपये का ईनाम भी घोषित किया गया।
पुलिस टीम द्वारा विवेचना के दौरान, प्रकरण में प्रारम्भ से ही मृतक के किसी नजदीकी व्यक्तिजिसेघर की संपूर्ण जानकारी रही होगी, के द्वारा घटना करने की शंका हो रही थी।  पुलिस टीम द्वारा उक्त बिंदु को ध्यान में ररखते हुए, मृतक के घर तथा दोनों होस्टलों पर काम करने वाले सभी कर्मचारियों से गहन पूछताछ की गयी एवं उनकी गतिविधियों पर नजर रखी गयी। पूछताछ के दौरान मृतक के यहां काम करने वाले माली विनोद यादव पिता शिवप्रसाद यादव द्वारा प्रारम्भ से ही घटना दिनांक की दिनचर्या के विषय में झूठ बोलकर गुमराह करने का प्रयास किया गया।  विनोद यादव व्दारा मुखयतः बताया गया कि वह घटना से पूर्व दिनांक 11.8.16 की शांम को 6 बजे अपने घर जाकर सो गया था जबकि विवेचना पर दिनांक 11.8.16 की रात्रि 09.30 बजे विनोद यादव व्दारा अन्यत्र स्थान पर मौजूद होकर शराब पीये जाने के साक्ष्य प्राप्त हुये। इस आधार पर गंभीरता पूर्वक बारीकी से अनुसंधान किया गया और आज विनोद यादव से पुनः पूछताछ की गई तो पहले तो वह गुमराह करता रहा लेकिन जब उसके झूठ बोलने एवं 11 तारीख की रात्रि में घर पर मौजूदगी बाबत पूछताछ की गयी तो वह पूछताछ के आगे नहीं टिक सका एवं अपराध कबूल करते हुए मृतक ओमप्रकाश खुराना की हत्या करना कबूल किया। आरोपी ने बताया की वह इस वर्षजुलाई माह में मृतक के यहां काम पर लगा था। उसे घर की साफ सफाई एवं मृतक के नौलखा स्थित होस्टल की साफ सफाई का काम करना होता था। आरोपी विनोद यादव को शराब पीने की बुरी लत थी वह रात्रि के अलावा दिन में भी शराब पीता था, जिसके कारण उसके पास पैसे की तंगी बनी रहती थी। घर के खर्चे, मकान का किराया इत्यादि ज्यादा थे, जिसमें उसके ससुर मदद कर देते थे, फिर भी तंगी बनी रहती थी, जिसके चलते उसने मृतक के यहां से उक्त कमी पूरी करने की सोची। आरोपी विनोद यादव ने बताया कि उसे पता था कि मृतक घर में अकेला रहता है, इसलिये वह 11 तारीख की रात करीब 12.00 बजे छत के रास्ते से मृतक के घर की छत पर पहुँचा वहां उसे पता था कि छत पर बांस में हंसिया बंधा रखा है, उसने हंसिया निकालकर हंसिये की मदद से नीचे जाने वाले दरवाजे की प्लाय उखाड़कर दरवाजा खोला एवं दूसरे दरवाजे में लगी लोहे की जाली हंसिये की मदद से काटकर अंदर घुसा। घर में ऊपर एवं नीचे के कमरों की तलाशी ली, लेकिन उसे रूपया पैसा नहीं मिला।  जब वह मृतक के कमरे की तलाशी ले रहा था, तभी  मृतक ओमप्रकाश खुराना की नींद खुल गई और वह बाहर हाल कीतरफ निकल कर आरोपी को देख पाते, तब तक आरोपी ने वहीं पड़े एक टॉवेल की मदद से मृतक का गला घोटकर हत्या कर दी। उसने मृतक के जेब की तलाशी भी ली जिसमें उसे करीब 3400 रूपये मिले तथा ड्राज मे रखे दो मोबाईल फोन भी मिले जो उसने रख लिये। मृतक की हत्या कर आरोपी विनोद यादव सामने का दरवाजा खोलकर निकल गया।
                आरोपी विनोद यादव ने मृतक की जेब से चुराये गये  3400 रूपये खर्च हो जाना बताया तथा मृतक के घर से उठाये दोनों मोबाईल आरोपी विनोद यादव द्वारा अपने घर की लोहे की पेटी से बरामद कराये गये जो पुलिस द्वारा जप्त किये गये हैं। 

                उक्त हत्याकाण्ड का पर्दाफाश कर, आरोपी को पकड़ने में वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में, पुलिस थना पलासिया एवं अपराध शाखा की टीम के थाना प्रभारी पलासिया श्री राजेन्द्र सोनी, उनि. मिलिन्द सुल्या, उनि. सागर चौहान उनि(परी.) आरती कटीयार, सउनि रेखा यादव, सउनि राकेश मिश्रा, प्रआर. 3045 ओमनारायण शुक्ला, आर. 3068 प्रदीप, आर.2903 शैलेन्द्र मिणा तथा आर. 465 सतीश महत्वपूर्ण एवं सराहनीय योगदान रहा ।


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